इफिसियों 1:13 - नवीन हिंदी बाइबल उसी में जब तुमने सत्य का वचन अर्थात् अपने उद्धार का सुसमाचार सुना और उस पर विश्वास भी किया, तो तुम पर प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की मुहर लगी, पवित्र बाइबल जब तुमने उस सत्य का संदेश सुना जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार था, और जिस मसीह पर तुमने विश्वास किया था, तो जिस पवित्र आत्मा का वचन दिया था, मसीह के माध्यम से उसकी छाप परमेश्वर के द्वारा तुम लोगों पर भी लगायी गयी। Hindi Holy Bible और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोगों ने भी सत्य का वचन, अपनी मुक्ति का शुभ समाचार, सुनने के बाद मसीह में विश्वास किया है और आप पर उस पवित्र आत्मा की मुहर लग गयी, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उसी में तुम पर भी, जब तुम ने सत्य का वचन सुना जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी। सरल हिन्दी बाइबल जिनमें तुम्हें भी, जिन्होंने सत्य का वचन अर्थात् अपने उद्धार का ईश्वरीय सुसमाचार सुनकर प्रभु येशु मसीह में विश्वास किया है, उन्हीं में प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा से छाप लगाई गई, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी। |
इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा पिता जो स्वर्ग में है, उससे भी बढ़कर अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।”
और देखो, मेरे पिता ने जिसकी प्रतिज्ञा की है, उसे मैं तुम्हारे पास भेजता हूँ; परंतु जब तक तुम ऊपर से सामर्थ्य न पाओ, तब तक इसी नगर में ठहरे रहो।”
परंतु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, तुम्हें सब बातें सिखाएगा और जो बातें मैंने तुमसे कहीं, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
“जब वह सहायक आएगा जिसे मैं पिता की ओर से तुम्हारे पास भेजूँगा, अर्थात् सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से आता है, तब वह मेरे विषय में साक्षी देगा;
नाश होनेवाले भोजन के लिए नहीं बल्कि अनंत जीवन तक रहनेवाले उस भोजन के लिए परिश्रम करो जो मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता परमेश्वर ने उसी पर मुहर लगाई है।”
जब वह उनके साथ था, उसने उन्हें आज्ञा दी,“यरूशलेम को न छोड़ना, बल्कि पिता की उस प्रतिज्ञा की प्रतीक्षा करना जिसे तुमने मुझसे सुना है;
“हे भाइयो, अब्राहम के घराने की संतानो और परमेश्वर का भय माननेवालो, हमारे लिए ही यह उद्धार का वचन भेजा गया है।
अतः परमेश्वर के दाहिनी ओर ऊँचे पर उठाए जाकर यीशु ने पवित्र आत्मा को उंडेल दिया जिसकी प्रतिज्ञा उसने पिता से पाई थी, और जिसे अब तुम देख और सुन रहे हो।
मैं सुसमाचार से लज्जित नहीं होता, क्योंकि यह प्रत्येक विश्वास करनेवाले के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—उद्धार के निमित्त परमेश्वर का सामर्थ्य है।
उसे धार्मिकता की मुहर के रूप में ख़तने का चिह्न प्राप्त हुआ जो उसने ख़तनारहित दशा में विश्वास से पाया था जिससे वह ख़तनारहित दशा में सब विश्वास करनेवालों का पिता हो, ताकि वे भी धर्मी गिने जाएँ;
परंतु परमेश्वर का धन्यवाद हो कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, फिर भी मन से उस शिक्षा के आज्ञाकारी हो गए जिसके साँचे में तुम ढाले गए थे,
सत्य के वचन से, परमेश्वर के सामर्थ्य से, और धार्मिकता के हथियारों को दाहिने और बाएँ हाथों में लेकर,
ताकि अब्राहम की आशिष मसीह यीशु में गैरयहूदियों तक पहुँचे, और हम विश्वास के द्वारा उस आत्मा को प्राप्त करें जिसकी प्रतिज्ञा की गई है।
यह मानकर कि तुमने वास्तव में उसके विषय में सुना है और जैसा यीशु में सत्य है, उसमें सिखाए भी गए हो,
परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित न करो, जिसके द्वारा तुम पर छुटकारे के दिन के लिए मुहर लगाई गई है।
इसी कारण हम भी निरंतर परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं कि जब हमारे द्वारा तुम्हें परमेश्वर के वचन का संदेश मिला, तो तुमने उसे मनुष्यों का नहीं, बल्कि परमेश्वर का वचन समझकर ग्रहण किया (सचमुच वह है भी) जो तुम विश्वास करनेवालों में कार्य भी करता है।
अपने आपको परमेश्वर की दृष्टि में ग्रहणयोग्य और ऐसे सेवक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न कर, जिसे लज्जित होना न पड़े और जो सत्य के वचन को भली-भाँति काम में लाता हो।
परंतु परमेश्वर की पक्की नींव बनी रहती है, जिस पर यह मुहर लगी है : “प्रभु अपने लोगों को जानता है,” और “जो कोई प्रभु का नाम लेता है वह अधर्म से दूर रहे।”
और यह भी कि बचपन से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा उद्धार पाने के लिए बुद्धि दे सकता है।
तो हम ऐसे महान उद्धार की उपेक्षा करके कैसे बच सकते हैं? इस उद्धार का वर्णन सर्वप्रथम प्रभु के द्वारा किया गया, और सुननेवालों के द्वारा हमारे सामने इसकी पुष्टि हुई।
उसने अपनी इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया कि हम उसकी सृष्टि में से मानो प्रथम फल हों।
इसलिए सारी मलिनता और समस्त बुराई को छोड़कर उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो जो तुममें रोपा गया है और तुम्हारे प्राणों को बचा सकता है।
पहले तो तुम प्रजा नहीं थे परंतु अब परमेश्वर की प्रजा हो; तुम पर दया नहीं हुई थी, परंतु अब दया हुई है।
तब मैंने जीवित परमेश्वर की मुहर लिए हुए एक और स्वर्गदूत को पूर्व दिशा से ऊपर उठते हुए देखा। उसने उन चारों स्वर्गदूतों से, जिन्हें पृथ्वी और समुद्र को हानि पहुँचाने का अधिकार दिया गया था, ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहा,