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यूहन्ना 6:27 - नवीन हिंदी बाइबल

27 नाश होनेवाले भोजन के लिए नहीं बल्कि अनंत जीवन तक रहनेवाले उस भोजन के लिए परिश्रम करो जो मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता परमेश्‍वर ने उसी पर मुहर लगाई है।”

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पवित्र बाइबल

27 उस खाने के लिये परिश्रम मत करो जो सड़ जाता है बल्कि उसके लिये जतन करो जो सदा उत्तम बना रहता है और अनन्त जीवन देता है, जिसे तुम्हें मानव-पुत्र देगा। क्योंकि परमपिता परमेश्वर ने अपनी मोहर उसी पर लगायी है।”

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Hindi Holy Bible

27 नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 नश्‍वर भोजन के लिए नहीं, बल्‍कि उस भोजन के लिए परिश्रम करो, जो शाश्‍वत जीवन तक बना रहता है और जिसे मानव-पुत्र तुम्‍हें देगा; क्‍योंकि पिता परमेश्‍वर ने मानव-पुत्र पर अपनी स्‍वीकृति की मोहर लगाई है।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 नाशवान् भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा; क्योंकि पिता अर्थात् परमेश्‍वर ने उसी पर छाप लगाई है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

27 उस भोजन के लिए मेहनत मत करो, जो नाशमान है परंतु उसके लिए, जो अनंत जीवन तक ठहरता है, जो मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा क्योंकि पिता अर्थात् परमेश्वर ने समर्थन के साथ मात्र उसी को यह अधिकार सौंपा है.”

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यूहन्ना 6:27
69 क्रॉस रेफरेंस  

मैं यहोवा के वचन का प्रचार करूँगा : उसने मुझसे कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज तू मुझसे उत्पन्‍न‍ हुआ है।


तब मैंने कहा, “देख, मैं आया हूँ! पुस्तक में मेरे विषय यही लिखा है।


“आओ, मेरे भोजन में से खाओ, और मेरे मसाला मिलाए हुए दाखमधु में से पीओ।


मनुष्य का सारा परिश्रम उसके पेट के लिए होता है, फिर भी उसका जी नहीं भरता।


अभी वह यह कह ही रहा था कि देखो, एक उजला बादल उन पर छा गया, और देखो उस बादल में से आवाज़ आई, “यह मेरा प्रिय पुत्र है जिससे मैं अति प्रसन्‍न हूँ; इसकी सुनो।”


ये लोग अनंत दंड भोगेंगे, परंतु धर्मी अनंत जीवन में प्रवेश करेंगे।”


और देखो, आकाश से एक आवाज़ आई, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अति प्रसन्‍न हूँ।”


“अपने लिए पृथ्वी पर धन इकट्ठा मत करो, जहाँ कीड़ा और ज़ंग उसको बिगाड़ते हैं, और जहाँ चोर सेंध लगाते और चुराते हैं;


यीशु ने उससे कहा,“लोमड़ियों की माँदें और आकाश के पक्षियों के घोंसले होते हैं, परंतु मनुष्य के पुत्र के लिए सिर रखने का भी स्थान नहीं है।”


तब आकाश से एक आवाज़ आई, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझसे अति प्रसन्‍न हूँ।”


तभी एक बादल उन पर छा गया और उस बादल में से यह आवाज़ आई, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, इसकी सुनो।”


तब पवित्र आत्मा दैहिक रूप में कबूतर के समान उस पर उतरा और आकाश से एक आवाज़ आई, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझसे अति प्रसन्‍न हूँ।”


फिर बादल में से यह आवाज़ आई, “यह मेरा पुत्र है, जिसे मैंने चुना है, इसकी सुनो।”


और मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ; वे कभी भी नाश न होंगी और न कोई उन्हें मेरे हाथ से छीनेगा।


मैं जानता था कि तू सदैव मेरी सुनता है; फिर भी चारों ओर खड़े इन लोगों के कारण मैंने यह कहा, ताकि ये विश्‍वास करें कि तूने मुझे भेजा है।”


यीशु ने उससे कहा,“मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई भी पिता के पास नहीं पहुँचता।


यदि मैंने उनके बीच वे कार्य न किए होते जिन्हें किसी और ने नहीं किया, तो वे पापी न ठहरते; परंतु अब उन्होंने मुझे और मेरे पिता दोनों को देखा है और दोनों से घृणा की है।


क्योंकि तूने उसे संपूर्ण मानव जाति पर अधिकार दिया है कि जिन्हें तूने उसे सौंपा है उन सब को वह अनंत जीवन दे;


ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह अनंत जीवन पाए।


जिसने उसकी साक्षी ग्रहण कर ली, उसने इस बात पर मुहर लगा दी कि परमेश्‍वर सच्‍चा है।


क्योंकि मेरे पिताकी इच्छा यह है कि जो कोई पुत्र को देखे और उस पर विश्‍वास करे, वह अनंत जीवन पाए, और मैं उसे अंतिम दिन में जिला उठाऊँगा।”


मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, जोविश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है।


जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाएगा, वह अनंत काल तक जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिए दूँगा, वह मेरा मांस है।”


तब यीशु ने उनसे कहा,“मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, यदि तुम मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ और उसका लहू न पीओ तो तुममें जीवन नहीं है।


जो मेरा मांस खाता और मेरा लहू पीता है, अनंत जीवन उसका है, और मैं उसे अंतिम दिन में जिला उठाऊँगा।


यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरी है; वैसी नहीं जो पूर्वजों ने खाई फिर भी मर गए। जो इस रोटी को खाएगा वह अनंत काल तक जीवित रहेगा।”


फिर यदि तुम मनुष्य के पुत्र को ऊपर जाते हुए देखो, जहाँ वह पहले था, तो क्या होगा?


शमौन पतरस ने उसे उत्तर दिया, “प्रभु, हम किसके पास जाएँगे? अनंत जीवन की बातें तो तेरे पास हैं,


मैं अपने विषय में साक्षी देता हूँ, और पिता भी जिसने मुझे भेजा है, मेरे विषय में साक्षी देता है।”


कि परमेश्‍वर ने किस प्रकार उस यीशु नासरी का पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषेक किया, जो भलाई करता और शैतान के द्वारा सताए हुए सब लोगों को अच्छा करता फिरा, क्योंकि परमेश्‍वर उसके साथ था।


“हे इस्राएलियो, ये बातें सुनो : यीशु नासरी सामर्थ्य के कार्यों, अद्भुत कार्यों और चिह्‍नों के द्वारा तुम्हारे सामने ऐसा मनुष्य प्रमाणित हुआ जो परमेश्‍वर की ओर से है। ये कार्य परमेश्‍वर ने उसके द्वारा तुम्हारे बीच दिखाए, जैसा तुम स्वयं जानते हो।


उसे धार्मिकता की मुहर के रूप में ख़तने का चिह्‍न प्राप्‍त हुआ जो उसने ख़तनारहित दशा में विश्‍वास से पाया था जिससे वह ख़तनारहित दशा में सब विश्‍वास करनेवालों का पिता हो, ताकि वे भी धर्मी गिने जाएँ;


क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्‍वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।


भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए, परंतु परमेश्‍वर इन दोनों को नष्‍ट करेगा। फिर भी देह व्यभिचार के लिए नहीं बल्कि प्रभु के लिए है, और प्रभु देह के लिए है।


भले ही मैं दूसरों के लिए प्रेरित नहीं, फिर भी तुम्हारे लिए तो हूँ; क्योंकि तुम प्रभु में मेरी प्रेरिताई की छाप हो।


हम उन वस्तुओं पर दृष्‍टि नहीं लगाते जो दृश्य हैं, बल्कि उन वस्तुओं पर जो अदृश्य हैं; क्योंकि जो दृश्य हैं वे थोड़े समय की हैं, परंतु जो अदृश्य हैं वे अनंत काल की हैं।


मसीह यीशु में न तो ख़तने का कुछ महत्त्व है और न ही बिना ख़तने का, परंतु केवल उस विश्‍वास का जो प्रेम के द्वारा कार्य करता है।


क्योंकि परमेश्‍वर ही है जो तुम्हारे भीतर अपने भले उद्देश्य के लिए इच्छा रखने और कार्य करने दोनों का प्रभाव डालता है।


इसके लिए मैं भी उसकी उस शक्‍ति के अनुसार जो मुझमें सामर्थ्य के साथ कार्य करती है, कठोर परिश्रम करता हूँ।


ये सब मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षाओं के अनुसार हैं और उन वस्तुओं के संबंध में हैं जो उपयोग में आते-आते नष्‍ट हो जाती हैं।


पृथ्वी पर की नहीं, परंतु ऊपर की वस्तुओं पर मन लगाओ;


और अपने परमेश्‍वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्‍वास के कार्य, प्रेम के परिश्रम और अपने प्रभु यीशु मसीह में आशा की दृढ़ता को निरंतर स्मरण करते हैं।


परंतु परमेश्‍वर की पक्‍की नींव बनी रहती है, जिस पर यह मुहर लगी है : “प्रभु अपने लोगों को जानता है,” और “जो कोई प्रभु का नाम लेता है वह अधर्म से दूर रहे।”


ऐसा न हो कि तुममें से कोई व्यभिचारी या एसाव के समान भक्‍तिहीन हो, जिसने एक बार के भोजन के लिए अपने पहलौठे होने का अधिकार बेच डाला था।


इसलिए हम भी उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्‍न करें, कहीं ऐसा न हो कि कोई जन उसी प्रकार आज्ञा न मानने के कारण गिर पड़े।


सूर्य तपती धूप के साथ उदय होकर घास को सुखा देता है, उसका फूल झड़ जाता है और उसका सुंदर रूप नष्‍ट हो जाता है; इसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते-चलते धूल में मिल जाएगा।


क्योंकि प्रत्येक प्राणी घास के समान है, और उसका सारा वैभव घास के फूल के समान है। घास सूख जाती, और फूल झड़ जाता है,


जब उसने परमेश्‍वर पिता से आदर और महिमा प्राप्‍त की, तो उस प्रतापमय महिमा में से उसके लिए यह आवाज़ आई : “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अति प्रसन्‍न हूँ।”


हमारे पर का पालन करें:

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