दुष्ट अपने मन की अभिलाषा पर घमंड करता है, और लोभी मनुष्य यहोवा को शाप देता और उसका तिरस्कार करता है।
2 तीमुथियुस 3:2 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारनेवाले, अहंकारी, निंदक, माता-पिता की आज्ञा न माननेवाले, अकृतज्ञ, अपवित्र, पवित्र बाइबल लोग स्वार्थी, लालची, अभिमानी, उद्दण्ड, परमेश्वर के निन्दक, माता-पिता की अवहेलना करने वाले, निर्दय, अपवित्र Hindi Holy Bible क्योंकि मनुष्य अपस्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता-पिता की आज्ञा टालने वाले, कृतघ्न, अपवित्र। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारने वाले, अहंकारी और परनिन्दक होंगे। वे अपने माता-पिता की आज्ञा नहीं मानेंगे। उन में कृतज्ञता, पवित्रता, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता–पिता की आज्ञा टालनेवाले, कृतघ्न, अपवित्र, सरल हिन्दी बाइबल मनुष्य स्वार्थी, लालची, डींगमार, अहंकारी, परमेश्वर की निंदा करनेवाला, माता-पिता की आज्ञा टालनेवाला, दयारहित, अपवित्र, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, धन का लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता-पिता की आज्ञा टालनेवाले, कृतघ्न, अपवित्र, |
दुष्ट अपने मन की अभिलाषा पर घमंड करता है, और लोभी मनुष्य यहोवा को शाप देता और उसका तिरस्कार करता है।
तो उसे अपने माता-पिताका आदर करने की आवश्यकता नहीं।’ इस प्रकार तुमने अपनी परंपरा के लिए परमेश्वर के वचन को व्यर्थ ठहरा दिया।
फिर उसने उनसे कहा,“ध्यान दो, हर प्रकार के लोभ से बचे रहो, क्योंकि किसी का जीवन उसकी संपत्ति के अधिक होने पर निर्भर नहीं होता।”
परंतु तुम अपने शत्रुओं से प्रेम रखो और भलाई करो, तथा वापस पाने की आशा न रखकर उधार दो; और तुम्हारा प्रतिफल बड़ा होगा, और तुम परमप्रधान के पुत्र ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और दुष्टों पर भी कृपा करता है।
क्योंकि कुछ समय पहले थियूदास स्वयं कुछ होने का दावा करते हुए उठ खड़ा हुआ, और लगभग चार सौ पुरुष उसके साथ हो लिए थे; परंतु वह मारा गया, और जितने उसके अनुयायी थे वे सब तितर-बितर हो गए और मिट गए।
तो उन डालियों के सामने घमंड न कर; परंतु यदि तू घमंड करता है, तो याद रख कि तू जड़ को नहीं बल्कि जड़ तुझे संभालती है।
और वह सब के लिए मरा, ताकि वे जो जीवित हैं अब से अपने लिए न जीएँ बल्कि उसके लिए जीएँ जो उनके लिए मरा और फिर जी उठा।
इसलिए जो कुछ तुममें सांसारिक है उसे मार डालो, जैसे व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, बुरी लालसा, तथा लोभ को जो मूर्तिपूजा है।
जो प्रत्येक तथाकथित ईश्वर या आराध्य वस्तु का विरोध करता है और अपने आपको उनसे ऊँचा ठहराता है, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मंदिर में बैठकर अपने आपको परमेश्वर घोषित करता है।
हुमिनयुस और सिकंदर उन्हीं में से हैं, जिन्हें मैंने शैतान को सौंप दिया है, ताकि उन्हें सिखाया जाए कि वे परमेश्वर की निंदा न करें।
हम यह भी जानते हैं कि व्यवस्था धर्मी जन के लिए नहीं बल्कि अधर्मियों और उपद्रवियों, भक्तिहीनों और पापियों, अपवित्र और अशुद्ध लोगों, माता-पिता को मार डालनेवालों, हत्यारों,
क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसकी लालसा में कितने ही लोगों ने विश्वास से भटककर अपने आपको अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है।
तो वह अभिमानी हो गया है, और कुछ नहीं समझता, बल्कि उसे वाद-विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिससे ईर्ष्या, कलह, निंदा, बुरी-बुरी आशंकाएँ,
विश्वासघाती, ढीठ, अभिमानी और परमेश्वर से प्रेम करने की अपेक्षा सुख-विलास से प्रेम करनेवाले होंगे।
फिर भी, यदि तुम पवित्रशास्त्र के अनुसार उस राजसी व्यवस्था को कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना, पूरा करते हो, तो तुम अच्छा करते हो।
क्या वह और अधिक अनुग्रह नहीं देता? इस कारण वह कहता है : परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परंतु दीनों पर अनुग्रह करता है।
इसी प्रकार, हे जवानो, तुम भी प्रवरों के अधीन रहो। तुम सब एक दूसरे के प्रति दीनता को धारण कर लो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परंतु दीनों पर अनुग्रह करता है।
विशेषकर उन्हें जो अपनी अशुद्ध शारीरिक लालसाओं में लिप्त रहते और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं। ये ढीठ और हठीले लोग हैं जो महिमामय प्राणियों की निंदा करने से भी नहीं डरते;
ये लोग स्वाभाविक रूप से बुद्धिहीन पशुओं के समान हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिए उत्पन्न हुए हैं। वे जिन बातों को समझते भी नहीं उनकी निंदा करते हैं। वे अपनी ही सड़ाहट में नष्ट हो जाएँगे।
वे घमंड की व्यर्थ बातें बोलने और शारीरिक अभिलाषाओं और लुचपन के द्वारा उन लोगों को फँसा लेते हैं जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
वे लोभ में आकर बनावटी बातें गढ़ेंगे और तुम्हारा अनुचित लाभ उठाएँगे। दंड की आज्ञा उन पर पहले से ही हो चुकी है, जिसमें न तो अब देरी है, और न उनका विनाश सोया हुआ है।
ये कुड़कुड़ानेवाले हैं, जो दोष ढूँढ़ते और अपनी लालसाओं के अनुसार चलते हैं। वे अपने मुँह से घमंड भरी बातें बोलते और लाभ के लिए चापलूसी करते हैं।
फिर मैंने एक पशु को समुद्र में से निकलते हुए देखा। उसके दस सींग और सात सिर थे और उसके सींगों पर दस मुकुट थे तथा उसके सिरों पर परमेश्वर की निंदा के नाम लिखे हुए थे।
उन्होंने अपनी पीड़ाओं और अपने फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निंदा की, परंतु अपने कार्यों से पश्चात्ताप नहीं किया।
आकाश से लोगों के ऊपर मन-मन भर के बड़े ओले गिरे, और ओलों की उस विपत्ति के कारण लोगों ने परमेश्वर की निंदा की, क्योंकि यह विपत्ति अत्यंत भारी थी।
तब मनुष्य भयंकर गर्मी से झुलस गए, और उन्होंने इन विपत्तियों पर अधिकार रखनेवाले परमेश्वर के नाम की निंदा की, परंतु पश्चात्ताप नहीं किया कि उसे महिमा दें।