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1 तीमुथियुस 1:9 - नवीन हिंदी बाइबल

9 हम यह भी जानते हैं कि व्यवस्था धर्मी जन के लिए नहीं बल्कि अधर्मियों और उपद्रवियों, भक्‍तिहीनों और पापियों, अपवित्र और अशुद्ध लोगों, माता-पिता को मार डालनेवालों, हत्यारों,

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पवित्र बाइबल

9 अर्थात् यह जानते हुए कि व्यवस्था का विधान धर्मियों के लिये नहीं बल्कि उद्दण्डों, विद्रोहियों, अश्रद्धालुओं, पापियों, अपवित्रों, अधार्मिकों, माता-पिता के मार डालने वाले हत्यारों,

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Hindi Holy Bible

9 यह जानकर कि व्यवस्था धर्मी जन के लिये नहीं, पर अधमिर्यों, निरंकुशों, भक्तिहीनों, पापीयों, अपवित्रों और अशुद्धों, मां-बाप के घात करने वालों, हत्यारों।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

9 हमें याद रहे कि व्‍यवस्‍था धर्मियों के लिए निर्धारित नहीं हुई, बल्‍कि उपद्रवी और निरंकुश लोगों के लिए, विधर्मियों और पापियों, नास्‍तिकों और धर्मविरोधियों, मातृ-पितृ-घातकों, हत्‍यारों,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

9 यह जानकर कि व्यवस्था धर्मी जन के लिये नहीं पर अधर्मियों, निरंकुशों, भक्‍तिहीनों, पापियों, अपवित्र और अशुद्ध मनुष्यों, माँ–बाप के घात करनेवालों, हत्यारों,

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सरल हिन्दी बाइबल

9 इस सच्चाई के प्रकाश में कि व्यवस्था का बनाया जाना धर्मियों के लिए नहीं परंतु अधर्मी, निरंकुश, दुराचारी, पापी, अपवित्र, ठग, माता-पिता के घात करनेवाले, हत्यारे,

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1 तीमुथियुस 1:9
45 क्रॉस रेफरेंस  

“तू हत्या न करना।


परंतु यदि कोई किसी को मार डालने के इरादे से उस पर छल से आक्रमण करे, तो उसे मार डालने के लिए मेरी वेदी के पास से ले जाना।


जो अपने माता-पिता को कोसता है, उसका दीपक घोर अंधकार में बुझ जाता है।


जो किसी की हत्या के अपराध से दबा हो, वह मृत्यु तक भागता फिरेगा; कोई उसकी सहायता न करे।


जो अपने पिता या अपनी माता को लूटकर कहता है, “यह अपराध नहीं,” वह नाश करनेवाले मनुष्य का साथी ठहरता है।


ऐसे लोग भी हैं जो अपने पिता को शाप देते हैं और अपनी माता को धन्य नहीं कहते।


जो आँख अपने पिता की हँसी उड़ाती है, और माता की आज्ञा मानने को तुच्छ जानती है, उस आँख को तराई के कौए नोच नोचकर निकालेंगे, और गिद्ध के बच्‍चे खा जाएँगे।


“जो कोई अपने पिता या अपनी माता को शाप दे, वह निश्‍चय मार डाला जाए। उसने अपने पिता या अपनी माता को शाप दिया है, उसका लहू उसी के सिर पर पड़ेगा।


भाई, भाई को और पिता अपनी संतान को मृत्यु के लिए सौंप देगा और संतान अपने माता-पिता के विरुद्ध उठ खड़ी होंगी और उन्हें मरवा डालेंगी।


निंदक, परमेश्‍वर से घृणा करनेवाले, ढीठ, अभिमानी, डींग मारनेवाले, बुराई गढ़नेवाले, माता-पिता की आज्ञा न माननेवाले,


अब यह प्रतिज्ञा कि वह जगत का उत्तराधिकारी होगा, अब्राहम या उसके वंश को व्यवस्था के द्वारा नहीं बल्कि विश्‍वास की धार्मिकता के द्वारा मिली थी।


इसी बीच व्यवस्था आई कि अपराध बढ़े, परंतु जहाँ पाप बढ़ा वहाँ अनुग्रह उससे कहीं अधिक हुआ,


तब तुम पर पाप की प्रभुता नहीं होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं परंतु अनुग्रह के अधीन हो।


फिर व्यवस्था क्यों दी गई? वह अपराधों के कारण बाद में दी गई कि उस वंशज के आने तक रहे जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी; और वह स्वर्गदूतों के द्वारा एक मध्यस्थ के हाथ ठहराई गई।


परंतु यदि तुम आत्मा के द्वारा चलाए जाते हो तो तुम व्यवस्था के अधीन नहीं हो।


डाह, मतवालापन, रंगरेलियाँ, तथा ऐसे और भी कार्य हैं जिनके विषय में मैं तुम्हें पहले ही कह देता हूँ, जैसा मैं पहले भी कह चुका हूँ कि ऐसे कार्य करनेवाले परमेश्‍वर के राज्य के उत्तराधिकारी नहीं होंगे।


नम्रता और संयम है। ऐसी बातों के विरुद्ध कोई व्यवस्था नहीं है।


तब वह अधर्मी प्रकट होगा, जिसे प्रभु यीशु अपने मुँह की फूँक से मार डालेगा और अपने आगमन के तेज से भस्म कर देगा।


अभक्‍ति और मूर्खता से भरी कल्पित कथाओं से दूर रह। अपने आपको भक्‍ति में प्रशिक्षित कर,


हे तीमुथियुस, जो धरोहर तुझे सौंपी गई है उसकी रखवाली कर, और सांसारिक बकवाद और झूठे ज्ञान के विरोधी तर्कों से दूर रह,


सांसारिक बकवाद से दूर रह, क्योंकि इससे लोग अभक्‍ति में और अधिक बढ़ते जाएँगे,


क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारनेवाले, अहंकारी, निंदक, माता-पिता की आज्ञा न माननेवाले, अकृतज्ञ, अपवित्र,


यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि बहुत से लोग अधीनता में न रहनेवाले, बकवादी और धोखा देनेवाले हैं, विशेषकर ख़तनावालों में से।


वे परमेश्‍वर को जानने का दावा तो करते हैं परंतु अपने कार्यों से उसका इनकार करते हैं। वे घृणित, आज्ञा न माननेवाले और किसी भले कार्य के योग्य नहीं हैं।


प्रवर निर्दोष, और एक ही पत्‍नी का पति हो, और उसके बच्‍चे विश्‍वासी हों, दुराचार या अवज्ञाकारिता के दोषी न हों।


हम भी पहले निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, भ्रम में पड़े हुए, तथा विभिन्‍न‍ प्रकार की लालसाओं और भोग-विलास के दासत्व में थे, तथा बुराई और ईर्ष्या में जीवन व्यतीत करते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से घृणा करते थे।


विश्‍वास ही से राहब वेश्या आज्ञा न माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई क्योंकि उसने गुप्‍तचरों का स्वागत किया था।


ऐसा न हो कि तुममें से कोई व्यभिचारी या एसाव के समान भक्‍तिहीन हो, जिसने एक बार के भोजन के लिए अपने पहलौठे होने का अधिकार बेच डाला था।


अतः तुम विश्‍वास करनेवालों के लिए यह बहुमूल्य है, परंतु जो विश्‍वास नहीं करते उनके लिए, “जिस पत्थर को राजमिस्‍त्रियों ने ठुकरा दिया, वही कोने का प्रमुख पत्थर बन गया,”


जो उस समय आज्ञा न माननेवाले थे, जब परमेश्‍वर नूह के दिनों में धीरज से प्रतीक्षा कर रहा था और जहाज़ बनाया जा रहा था। उस जहाज़ में थोड़े ही लोग अर्थात् आठ लोग पानी से बचाए गए।


और यदि धर्मी जन कठिनाई से उद्धार प्राप्‍त करेगा, तो भक्‍तिहीन और पापी का क्या होगा?


कि सब का न्याय करे और प्रत्येक प्राणी को उनके अभक्‍ति के सब कार्यों के लिए जो उन्होंने भक्‍तिहीन दशा में किए, और उन सब कठोर बातों के लिए जो भक्‍तिहीन पापियों ने उसके विरुद्ध कहीं, दोषी ठहराए।”


परंतु डरपोकों, अविश्‍वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”


परंतु कुत्ते, जादू-टोना करनेवाले, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक और वे सब जो झूठ को प्रिय जानते और उसका पालन करते हैं, बाहर रहेंगे।


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