याकूब ने फ़िरौन से कहा, “एक परदेशी के रूप में मैं एक सौ तीस वर्ष बिता चुका हूँ। मेरे जीवन के दिन थोड़े और कष्टदायक रहे हैं, और मेरी आयु के दिन अभी उतने नहीं हुए जितने मेरे पूर्वजों ने परदेशी होकर बिताए हैं।”
1 पतरस 1:17 - नवीन हिंदी बाइबल यदि तुम “हे पिता” कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात प्रत्येक का न्याय उसके कार्य के अनुसार करता है, तो तुम पृथ्वी पर अपने रहने का समय भय सहित बिताओ। पवित्र बाइबल और यदि तुम, प्रत्येक के कर्मों के अनुसार पक्षपात रहित होकर न्याय करने वाले परमेश्वर को हे पिता कह कर पुकारते हो तो इस परदेसी धरती पर अपने निवास काल में सम्मानपूर्ण भय के साथ जीवन जीओ। Hindi Holy Bible और जब कि तुम, हे पिता, कह कर उस से प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि आप उसे “पिता” कह कर पुकारते हैं, जो पक्षपात किये बिना प्रत्येक मनुष्य का उसके कर्मों के अनुसार न्याय करता है, तो जब तक आप यहाँ परदेश में रहते हैं, तब तक उस पर श्रद्धा रखते हुए जीवन बितायें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जब कि तुम ‘हे पिता’ कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। सरल हिन्दी बाइबल यदि तुम उन्हें पिता कहते हो, जो मनुष्यों के कामों के आधार पर बिना पक्षपात के निर्णय करते हैं तो तुम पृथ्वी पर अपने रहने का समय उन्हीं के भय में बिताओ, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जबकि तुम, ‘हे पिता’ कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। (2 इति. 19:7, भज. 28:4, यशा. 59:18, यिर्म. 3:19, यिर्म. 17:10) |
याकूब ने फ़िरौन से कहा, “एक परदेशी के रूप में मैं एक सौ तीस वर्ष बिता चुका हूँ। मेरे जीवन के दिन थोड़े और कष्टदायक रहे हैं, और मेरी आयु के दिन अभी उतने नहीं हुए जितने मेरे पूर्वजों ने परदेशी होकर बिताए हैं।”
“हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, और मेरी दुहाई पर कान लगा। मेरे आँसुओं को देखकर चुप न रह, क्योंकि मैं तेरे साथ रहनेवाला एक परदेशी हूँ, और अपने सब पूर्वजों के समान यात्री हूँ।
बुद्धिमान मनुष्य बुराई से डरता और उससे दूर रहता है, परंतु मूर्ख ढीठ और लापरवाह होता है।
क्या ही धन्य है वह जो सदा प्रभु का भय मानता है, परंतु जो अपने मन को कठोर करता है वह विपत्ति में पड़ता है।
क्योंकि मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आने वाला है, और उस समय वह प्रत्येक को उसके कार्य के अनुसार प्रतिफल देगा।
फिर उन्होंने अपने शिष्यों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है, और तू किसी की भी परवाह नहीं करता, क्योंकि तू किसी का पक्षपात नहीं करता।
“अतः तुम इस प्रकार प्रार्थना करो : हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है, तेरा नाम पवित्र माना जाए।
ठीक है! वे अपने अविश्वास के कारण तोड़ी गईं, परंतु तू अपने विश्वास के कारण स्थिर है। अभिमानी न हो, परंतु भय मान;
अतः हम सदा साहस रखते हैं और यह भी जानते हैं कि जब तक हम देह रूपी घर में रहते हैं, प्रभु से दूर हैं,
अतः हे प्रियो, जब कि हमें ये प्रतिज्ञाएँ प्राप्त हैं, तो आओ हम अपने आपको देह और आत्मा की सारी मलिनता से शुद्ध करते हुए परमेश्वर के भय में पवित्रता को पूर्ण करें।
अतः देखो, यह दुःख जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हुआ उससे तुममें कितना उत्साह, अपने को निर्दोष सिद्ध करने की कितनी अभिलाषा, कितना रोष, कितना भय, कितनी लालसा, कितनी धुन और न्याय चुकाने की कितनी इच्छा उत्पन्न हुई है। तुमने हर बात में अपने आपको निर्दोष प्रस्तुत किया है।
परंतु जो प्रतिष्ठित समझे जाते थे (वे जो भी थे, मेरे लिए इसका कोई महत्त्व नहीं, परमेश्वर किसी का पक्षपात नहीं करता), उन्होंने मुझे और कोई निर्देश नहीं दिया।
कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर, जो महिमा का पिता है, अपनी पूर्ण पहचान में तुम्हें बुद्धि और प्रकाशन की आत्मा दे,
हे स्वामियो, तुम भी उन्हें धमकाना छोड़कर उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उनका और तुम्हारा स्वामी स्वर्ग में है और वह पक्षपात नहीं करता।
अतः हे मेरे प्रियो, जिस प्रकार तुमने सदैव आज्ञा मानी, उसी प्रकार केवल मेरी उपस्थिति में ही नहीं बल्कि अनुपस्थिति में भी, उससे और भी अधिक डरते और काँपते हुए अपने-अपने उद्धार का कार्य पूरा करो;
अतः जब हमें ऐसा राज्य मिल रहा है जो अटल है, तो आओ, हम आभारी रहें, और भय और आदर के साथ परमेश्वर की ऐसी आराधना करें जो उसे ग्रहणयोग्य हो।
इसलिए जब उसके विश्राम में प्रवेश करने की प्रतिज्ञा अब तक बनी हुई है, तो हम सतर्क रहें, कहीं ऐसा न हो कि तुममें से कोई उससे वंचित रह जाए।
हे प्रियो, मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि तुम अपने आपको परदेशी और यात्री जानकर शारीरिक वासनाओं से दूर रहो, जो आत्मा के विरुद्ध युद्ध करती हैं।
पर अपने मन में मसीह को प्रभु जानकर आदर दो; और जो तुम्हारी आशा के विषय में तुमसे कुछ पूछे, उसे नम्रता और आदर के साथ उत्तर देने को हर समय तैयार रहो;