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1 कुरिन्थियों 15:45 - नवीन हिंदी बाइबल

इसलिए यह भी लिखा है : पहला मनुष्य, आदम जीवित प्राणी बना, और अंतिम आदम जीवनदायक आत्मा बना;

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पवित्र बाइबल

शास्त्र कहता है: “पहला मनुष्य (आदम) एक सजीव प्राणी बना।” किन्तु अंतिम आदम (मसीह) जीवनदाता आत्मा बना।

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Hindi Holy Bible

ऐसा ही लिखा भी है, कि प्रथम मनुष्य, अर्थात आदम, जीवित प्राणी बना और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

धर्मग्रन्‍थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्‍य आदम एक जीवन्‍त प्राणी बन गया।” अन्‍तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्‍मा बन गया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

ऐसा ही लिखा भी है, कि “प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम जीवित प्राणी बना” और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।

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सरल हिन्दी बाइबल

जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख भी है: “पहला मानव आदम जीवित प्राणी हुआ किंतु अंतिम आदम जीवनदायी आत्मा हुआ.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

ऐसा ही लिखा भी है, “प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम, जीवित प्राणी बना” और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।

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1 कुरिन्थियों 15:45
35 क्रॉस रेफरेंस  

तब यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्‍वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया।


उसमें जीवन था और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था।


चोर केवल चोरी करने, हत्या करने और नाश करने के लिए आता है; मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन पाएँ और बहुतायत से पाएँ।


और मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ; वे कभी भी नाश न होंगी और न कोई उन्हें मेरे हाथ से छीनेगा।


“अब थोड़ी देर में यह संसार फिर मुझे नहीं देखेगा, परंतु तुम मुझे देखोगे, इसलिए कि मैं जीवित हूँ, तुम भी जीवित रहोगे।


यीशु ने उससे कहा,“मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई भी पिता के पास नहीं पहुँचता।


यीशु ने उसे उत्तर दिया,“यदि तू परमेश्‍वर के वरदान को जानती और यह भी कि वह कौन है जो तुझसे कहता है, ‘मुझे पीने के लिए पानी दे’, तो तू उससे माँगती और वह तुझे जीवन का जल देता।”


परंतु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह अनंत काल तक कभी प्यासा न होगा, बल्कि जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें अनंत जीवन के लिए उमड़नेवाला जल का सोता बन जाएगा।”


जिस प्रकार पिता मृतकों को जिलाता और उन्हें जीवन देता है, उसी प्रकार पुत्र भी जिन्हें वह चाहता है जीवन देता है।


क्योंकि परमेश्‍वर की रोटी वह है जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।”


जो मेरा मांस खाता और मेरा लहू पीता है, अनंत जीवन उसका है, और मैं उसे अंतिम दिन में जिला उठाऊँगा।


जिस प्रकार जीवित पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूँ, उसी प्रकार जो मुझे खाता है वह भी मेरे कारण जीवित रहेगा।


आत्मा ही है जो जीवन देता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं। मैंने तुमसे जो वचन कहे हैं, वे आत्मा हैं और जीवन भी।


शमौन पतरस ने उसे उत्तर दिया, “प्रभु, हम किसके पास जाएँगे? अनंत जीवन की बातें तो तेरे पास हैं,


और जीवन के कर्ता को मार डाला; पर परमेश्‍वर ने उसे मृतकों में से जिला दिया, जिसके हम साक्षी हैं।


जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उसी एक मनुष्य के द्वारा राज्य किया, तो जो बहुतायत से अनुग्रह और धार्मिकता का वरदान प्राप्‍त करते हैं, वे एक ही मनुष्य, अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा जीवन में निश्‍चय ही राज्य करेंगे।


ताकि जिस प्रकार पाप ने मृत्यु में राज्य किया, उसी प्रकार अनुग्रह भी धार्मिकता से हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनंत जीवन के लिए राज्य करे।


क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में तुम्हें पाप और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया है।


परंतु पहले आत्मिक नहीं बल्कि स्वाभाविक है, उसके बाद आत्मिक।


वह अपने उस सामर्थ्य के द्वारा जिससे वह सब वस्तुओं को अपने अधीन भी कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह को बदलकर अपनी महिमामय देह के अनुरूप बना देगा।


जब मसीह जो तुम्हारा जीवन है, प्रकट होगा, तो तुम भी उसके साथ महिमा में प्रकट किए जाओगे।


तो मसीह, जिसने अपने आपको अनंत आत्मा के द्वारा परमेश्‍वर के सामने निर्दोष चढ़ा दिया, उसका लहू हमारे विवेक को मरे हुए कार्यों से कितना अधिक शुद्ध करेगा ताकि हम जीवित परमेश्‍वर की सेवा कर सकें।


फिर दूसरे स्वर्गदूत ने अपना कटोरा समुद्र पर उंडेल दिया, और समुद्र मरे हुए मनुष्य के लहू के समान हो गया, और समुद्र का प्रत्येक प्राणी मर गया।


फिर उसने मुझसे कहा, “ये बातें पूरी हो गई हैं। मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा, आदि और अंत हूँ। जो प्यासा होगा मैं उसे जीवन के जल के सोते से मुफ़्त में पिलाऊँगा।


तब स्वर्गदूत ने मुझे बिल्‍लौर के समान चमकती हुई जीवन के जल की नदी दिखाई, जो परमेश्‍वर और मेमने के सिंहासन से निकलती थी।


आत्मा और दुल्हन दोनों कहते हैं, “आ!” और जो सुनता है वह भी कहे “आ!” और जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल मुफ़्त में ले।