उसी समय यीशु ने कहा,“हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु, मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने इन बातों को बुद्धिमानों और समझदारों से छिपाया और बच्चों पर प्रकट किया है;
1 कुरिन्थियों 14:6 - नवीन हिंदी बाइबल अब हे भाइयो, यदि मैं तुम्हारे पास आकर अन्य भाषाओं में बोलूँ, परंतु प्रकाशन या ज्ञान या भविष्यवाणी या शिक्षा की बातें न करूँ तो तुम्हें मुझसे क्या लाभ होगा? पवित्र बाइबल हे भाईयों, यदि दूसरी भाषाओं में बोलते हुए मैं तुम्हारे पास आऊँ तो इससे तुम्हारा क्या भला होगा, जब तक कि तुम्हारे लिये मैं कोई रहस्य उद्घाटन, दिव्यज्ञान, परमेश्वर का सन्देश या कोई उपदेश न दूँ। Hindi Holy Bible इसलिये हे भाइयों, यदि मैं तुम्हारे पास आकर अन्य अन्य भाषा में बातें करूं, और प्रकाश, या ज्ञान, या भविष्यद्वाणी, या उपदेश की बातें तुम से न कहूं, तो मुझ से तुम्हें क्या लाभ होगा? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयो और बहिनो! मान लीजिए कि मैं आप लोगों के यहाँ आकर अध्यात्म भाषाओं में बोलूँ और परमेश्वर द्वारा प्रकाशित सत्य, ज्ञान, नबूवत अथवा शिक्षा न प्रदान करूँ, तो मेरे बोलने से आप को क्या लाभ होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये हे भाइयो, यदि मैं तुम्हारे पास आकर अन्य भाषाओं में बातें करूँ, और प्रकाश या ज्ञान या भविष्यद्वाणी या उपदेश की बातें तुम से न कहूँ, तो मुझ से तुम्हें क्या लाभ होगा? सरल हिन्दी बाइबल प्रिय भाई बहनो, यदि मैं तुमसे अन्य भाषाओं में बातें करूं तो मैं इसमें तुम्हारा क्या भला करूंगा यदि इसमें तुम्हारे लिए कोई प्रकाशन या ज्ञान या भविष्यवाणी या शिक्षा न हो? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए हे भाइयों, यदि मैं तुम्हारे पास आकर अन्य भाषा में बातें करूँ, और प्रकाश, या ज्ञान, या भविष्यद्वाणी, या उपदेश की बातें तुम से न कहूँ, तो मुझसे तुम्हें क्या लाभ होगा? |
उसी समय यीशु ने कहा,“हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु, मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने इन बातों को बुद्धिमानों और समझदारों से छिपाया और बच्चों पर प्रकट किया है;
इस पर यीशु ने उससे कहा,“हे योना के पुत्र शमौन! तू धन्य है, क्योंकि यह बात मांस और लहूने नहीं, बल्कि मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, तुझ पर प्रकट की है।
यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त कर ले परंतु अपने प्राण की हानि उठाए तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले क्या देगा?
वे प्रेरितों की शिक्षा पाने और संगति रखने, रोटी तोड़ने और प्रार्थना करने में निरंतर लगे रहे।
हे मेरे भाइयो, मैं स्वयं तुम्हारे विषय में आश्वस्त हूँ कि तुम आप भी भलाई से भरे हो, और समस्त ज्ञान से परिपूर्ण हो, तथा एक दूसरे को चिता भी सकते हो।
अब हे भाइयो, मैं तुमसे विनती करता हूँ कि उनसे चौकस रहो जो उस शिक्षा के विपरीत जो तुमने प्राप्त की है फूट डालते और ठोकर का कारण बनते हैं, उनसे दूर ही रहो;
परंतु परमेश्वर का धन्यवाद हो कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, फिर भी मन से उस शिक्षा के आज्ञाकारी हो गए जिसके साँचे में तुम ढाले गए थे,
ठीक वैसे ही जैसे मैं भी सब बातों में सब मनुष्यों को प्रसन्न रखता हूँ, और अपना नहीं बल्कि बहुतों का लाभ ढूँढ़ता हूँ कि वे उद्धार पाएँ।
जैसे कि आवाज़ निकालनेवाली निर्जीव वस्तुओं के भी, चाहे वह बाँसुरी हो या वीणा, यदि उनके सुरों में अंतर न हो तो कैसे पहचाना जाएगा कि क्या बजाया जा रहा है?
यद्यपि मैं बोलने में निपुण नहीं, फिर भी ज्ञान में तो हूँ, बल्कि हमने इसे सब बातों में हर प्रकार से तुम पर प्रकट किया है।
अब मुझे गर्व करना ही होगा। यद्यपि इससे लाभ नहीं, फिर भी मैं प्रभु के दर्शनों और प्रकाशनों की चर्चा करूँगा।
और प्रकाशनों की अधिकता के कारण कहीं मैं घमंड न करने लगूँ, इसलिए मेरी देह में एक काँटा चुभाया गया है, अर्थात् शैतान का एक दूत कि वह मुझे घूँसे मारे, ताकि मैं घमंड न करूँ।
कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर, जो महिमा का पिता है, अपनी पूर्ण पहचान में तुम्हें बुद्धि और प्रकाशन की आत्मा दे,
अतः हममें जितने भी परिपक्व हैं, यही विचार रखें। और यदि किसी बात में तुम्हारा विचार अलग हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रकट करेगा;
उन्हें इन बातों का स्मरण करा और परमेश्वर के सामने उनको चेतावनी दे कि शब्दों को लेकर वाद-विवाद न करें, क्योंकि इससे कोई लाभ नहीं बल्कि सुननेवालों का विनाश ही होता है।
संपूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और शिक्षा देने, ताड़ना देने, सुधारने और धार्मिकता की शिक्षा के लिए लाभदायक है,
वचन का प्रचार कर, समय-असमय तैयार रह, बड़े धैर्य से शिक्षा देते हुए समझा, डाँट और प्रोत्साहित कर।
यह बात सच है, और मैं चाहता हूँ कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले ताकि जिन्होंने परमेश्वर पर विश्वास किया है, वे भले कार्य करने पर मन लगाएँ। ये बातें मनुष्यों के लिए उत्तम और लाभदायक हैं।
तुम भिन्न-भिन्न प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के द्वारा भरमाए न जाओ; क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन भोजन संबंधी नियमों से जिनका पालन करनेवाले लोगों को कुछ लाभ नहीं हुआ।
बल्कि हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और ज्ञान में बढ़ते जाओ। उसकी महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।
जो कोई मसीह की शिक्षा से दूर चला जाता है और उसमें बना नहीं रहता, उसके पास परमेश्वर नहीं; जो उस शिक्षा में बना रहता है, उसके पास पिता और पुत्र दोनों हैं।