कँटीली झाड़ियों में बोया गया बीज वह है, जो वचन सुनता है परंतु संसार की चिंता और धन का धोखा उस वचन को दबा देता है, और वह बिना फल के ही रह जाता है।
1 कुरिन्थियों 1:20 - नवीन हिंदी बाइबल कहाँ है ज्ञानवान? कहाँ है शास्त्री? कहाँ है इस युग का विवादी? क्या परमेश्वर ने इस संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? पवित्र बाइबल कहाँ है ज्ञानी व्यक्ति? कहाँ है विद्वान? और इस युग का षास्त्रर्थी कहाँ है? क्या परमेश्वर ने सांसारिक बुद्धिमानी को मूर्खता नहीं सिद्ध किया? Hindi Holy Bible कहां रहा ज्ञानवान? कहां रहा शास्त्री? कहां इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम में इस संसार के ज्ञानी, शास्त्री और दार्शनिक कहाँ है? क्या परमेश्वर ने इस संसार के ज्ञान को मूर्खतापूर्ण नहीं प्रमाणित किया है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? सरल हिन्दी बाइबल कहां है ज्ञानी? कहां है शास्त्री? और कहां है इस युग का विवादी? क्या परमेश्वर के सामने संसार का सारा ज्ञान मूर्खता नहीं है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? (रोम. 1:22) |
कँटीली झाड़ियों में बोया गया बीज वह है, जो वचन सुनता है परंतु संसार की चिंता और धन का धोखा उस वचन को दबा देता है, और वह बिना फल के ही रह जाता है।
तब कुछ इपिकूरी और स्तोईकी दार्शनिक भी उससे तर्क-वितर्क करने लगे; और कुछ कह रहे थे, “यह बकवादी क्या कहना चाहता है?” परंतु दूसरों ने कहा, “वह परदेशी देवताओं का प्रचारक लगता है।” क्योंकि वह यीशु और पुनरुत्थान का सुसमाचार सुना रहा था।
जगत की सृष्टि से ही उसके अदृश्य गुण अर्थात् उसका अनंत सामर्थ्य और परमेश्वरत्व, उसकी रचना के द्वारा समझे जाकर स्पष्ट दिखाई देते हैं, इसलिए वे निरुत्तर हैं।
क्योंकि लिखा है : मैं ज्ञानवानों के ज्ञान को नष्ट करूँगा, और समझदारों की समझ को व्यर्थ ठहरा दूँगा।
इसलिए हे भाइयो, तुम अपनी बुलाहट पर विचार करो कि तुममें न तो शरीर के अनुसार बहुत से ज्ञानवान, न बहुत से बलवान, न बहुत से कुलीन थे।
परंतु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया कि ज्ञानवानों को लज्जित करे, और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया कि बलवानों को लज्जित करे,
और परमेश्वर ने जगत के निम्न और तुच्छ लोगों को, जो कुछ हैं भी नहीं, चुन लिया कि उन्हें जो कुछ हैं, व्यर्थ ठहराए,
फिर भी परिपक्व लोगों के बीच हम ज्ञान की बातें बताते हैं, परंतु यह ज्ञान इस युग का नहीं और न ही इस युग के शासकों का है जो मिटने वाले हैं;
इस युग के शासकों में से किसी ने इस ज्ञान को नहीं जाना, क्योंकि यदि वे जानते तो महिमा के प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते।
कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुममें से कोई इस संसार में अपने आपको बुद्धिमान समझता है तो वह मूर्ख बने कि बुद्धिमान बन जाए;
क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्वर की दृष्टि में मूर्खता है, जैसा लिखा है : वह ज्ञानवानों को उन्हीं की चतुराई में फँसा देता है।
क्या तुम यह नहीं जानते कि पवित्र लोग जगत का न्याय करेंगे? और यदि तुम्हारे द्वारा जगत का न्याय किया जाना है, तो क्या तुम इन छोटे से छोटे विषयों का न्याय करने के भी योग्य नहीं हो?
हे व्यभिचारिणियो, क्या तुम नहीं जानतीं कि संसार से मित्रता का अर्थ परमेश्वर से शत्रुता रखना है? इसलिए यदि कोई संसार का मित्र बनना चाहता है, तो वह स्वयं को परमेश्वर का शत्रु बनाता है।