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1 कुरिन्थियों 1:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 हम में इस संसार के ज्ञानी, शास्‍त्री और दार्शनिक कहाँ है? क्‍या परमेश्‍वर ने इस संसार के ज्ञान को मूर्खतापूर्ण नहीं प्रमाणित किया है?

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पवित्र बाइबल

20 कहाँ है ज्ञानी व्यक्ति? कहाँ है विद्वान? और इस युग का षास्त्रर्थी कहाँ है? क्या परमेश्वर ने सांसारिक बुद्धिमानी को मूर्खता नहीं सिद्ध किया?

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Hindi Holy Bible

20 कहां रहा ज्ञानवान? कहां रहा शास्त्री? कहां इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्‍वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया?

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नवीन हिंदी बाइबल

20 कहाँ है ज्ञानवान? कहाँ है शास्‍त्री? कहाँ है इस युग का विवादी? क्या परमेश्‍वर ने इस संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया?

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सरल हिन्दी बाइबल

20 कहां है ज्ञानी? कहां है शास्त्री? और कहां है इस युग का विवादी? क्या परमेश्वर के सामने संसार का सारा ज्ञान मूर्खता नहीं है?

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1 कुरिन्थियों 1:20
28 क्रॉस रेफरेंस  

दाऊद को यह समाचार मिला : ‘षड्‍यन्‍त्रकारियों में अहीतोफल भी है।’ दाऊद ने कहा, ‘हे प्रभु, अहीतोफल की सम्‍मति को मूर्खतापूर्ण सम्‍मति में बदल दे।’


अबशालोम तथा सब इस्राएली सैनिकों ने कहा, ‘अर्की हूशय की सलाह अहीतोफल की सलाह से उत्तम है।’ प्रभु ने यह निश्‍चय किया था कि वह अहीतोफल की अच्‍छी सलाह को निष्‍फल कर देगा जिससे अबशालोम पर ही विपत्ति आए।


जब अहीतोफल ने यह देखा कि उसकी सलाह के अनुसार कार्य नहीं किया गया, तब उसने अपने गधे पर काठी कसी और अपने घर, अपने नगर को चला गया। वहाँ उसने अपने घर की व्‍यवस्‍था की। उसके बाद उसने फांसी लगा कर आत्‍महत्‍या कर ली। उसको उसके पिता की कबर में गाड़ा गया।


वह मंत्रियों को विवेकहीन कर देता है; वह न्‍यायाधीशों को भी मूर्ख बनाता है।


वह विश्‍वास योग्‍य पुरुषों से बोलने की शक्‍ति हर लेता है; वह धर्मवृद्धों को विवेक से वंचित कर देता है।


वह लोकनायकों की बुद्धि छीन लेता है, और उन्‍हें पथहीन उजाड़-खण्‍डों में इधर- उधर भटकाता है।


तेरा हृदय आतंक के दिनों को याद करेगा: “अब वह कर-मापक कहाँ गया? लेखपाल कहाँ है? जो बुर्जों को गिनता था, वह कहां गया?”


मैं मिथ्‍याविचारकों के शकुन-विचार व्‍यर्थ कर देता हूं; भविष्‍य बतानेवालों को मूर्ख सिद्ध करता हूं; बुद्धिमान कहलानेवालों की मूर्खता प्रकट करता हूं, उनके ज्ञान को अज्ञान सिद्ध कर देता हूं।


जो हमने सुना, उस पर कौन विश्‍वास करेगा? किस पर प्रभु का भुजबल प्रकट हुआ?


विश्‍व की सब जातियों के महाराजाधिराज! तेरी भक्‍ति कौन नहीं करेगा? तेरी आराधना करना हमारा धर्म है। अन्‍य जातियों के सब बुद्धिमान लोगों में, उनके सब राजाओं में तेरे समान कोई दूसरा नहीं है।


जो काँटों में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता है; परन्‍तु संसार की चिन्‍ता और धन का मोह वचन को दबा देता है और वह फल नहीं लाता।


अब इस संसार का न्‍याय हो रहा है। अब इस संसार का अधिपति निकाल दिया जाएगा।


वहाँ कुछ एपिकूरी तथा स्‍तोइकी दार्शनिकों से भी उनका सम्‍पर्क हुआ। उनमें से कुछ लोगों ने कहा, “यह बकवादी हम से क्‍या कहना चाहता है?” दूसरों ने कहा, “यह विदेशी देवताओं का प्रचारक जान पड़ता है”, क्‍योंकि पौलुस येशु तथा “पुनरुत्‍थान” का शुभ समाचार सुना रहे थे।


संसार की सृष्‍टि के समय से ही परमेश्‍वर के अदृश्‍य स्‍वरूप को, अर्थात् उसकी शाश्‍वत शक्‍तिमत्ता और उसके ईश्‍वरत्‍व को, बुद्धि की आँखों द्वारा उसके कार्यों में देखा जा सकता है। इसलिए वे अपने आचरण की सफाई देने में असमर्थ हैं;


वे अपने को बुद्धिमान समझते हैं, किन्‍तु वे मूर्ख बन गये हैं।


क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है, “मैं ज्ञानियों का ज्ञान नष्‍ट करूंगा और समझदारों की समझ व्‍यर्थ कर दूँगा।”


भाइयो और बहिनो! इस बात पर विचार कीजिए कि बुलाये जाते समय संसार की दृष्‍टि में आप लोगों में से बहुत कम लोग ज्ञानी, शक्‍तिशाली अथवा कुलीन थे।


ज्ञानियों को लज्‍जित करने के लिए परमेश्‍वर ने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में मूर्ख हैं। शक्‍तिशालियों को लज्‍जित करने के लिए उसने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में दुर्बल हैं।


गण्‍य-माण्‍य लोगों का घमण्‍ड चूर करने के लिए उसने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में तुच्‍छ, नीच और नगण्‍य हैं,


फिर भी जब प्रभु ही हमें दोषी ठहराते हैं, तो यह हमारे सुधार के लिए है, जिससे हम संसार के साथ दण्‍डनीय न हों।


उन लोगों के बीच, जो परिपक्‍व हो गये हैं, हम भी प्रज्ञ की बातें करते हैं। यह प्रज्ञ न तो इस युग-संसार की है और न इस युग-संसार के अधिपतियों की । ये तो समाप्‍त हो जाने वाले हैं।


और जिन को इस युग-संसार के अधिपतियों में से किसी ने नहीं जाना। यदि वे लोग उन्‍हें जानते, तो महिमामय प्रभु को क्रूस पर नहीं चढ़ाते।


कोई भी अपने को धोखा न दे। यदि आप में से कोई स्‍वयं को संसार की दृष्‍टि से ज्ञानी समझता हो, तो वह सचमुच ज्ञानी बनने के लिए अपने को मूर्ख बना ले;


क्‍योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर की दृष्‍टि में ‘मूर्खता’ है। धर्मग्रन्‍थ में यह लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में ही फंसाता है”


क्‍या आप नहीं जानते कि सन्‍त संसार का न्‍याय करेंगे? यदि आप को संसार का न्‍याय करना है, तो क्‍या आप छोटे-से मामलों का फ़ैसला करने योग्‍य नहीं हैं?


व्‍यभिचारियों के सदृश आचरण करने वाले अनिष्‍ठावान लोगो! क्‍या तुम यह नहीं जानते कि संसार से मित्रता रखने का अर्थ है परमेश्‍वर से बैर करना? जो संसार का मित्र होना चाहता है, वह परमेश्‍वर का शत्रु बन जाता है।


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