उनको उपद्रव का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते है और वे अपने अन्तःकरण में छल की बातें गढ़ते हैं।”
भजन संहिता 10:7 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसका मुँह श्राप और छल और धमकियों से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुँह में हैं। (रोम. 3:14) पवित्र बाइबल ऐसे दुष्ट का मुख सदा शाप देता रहता है। वे दूसरे जनों की निन्दा करते हैं और काम में लाने को सदैव बुरी—बुरी योजनाएँ रचते रहते हैं। Hindi Holy Bible उसका मुंह शाप और छल और अन्धेर से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुंह में हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसका मुंह कपट, शाप और अत्याचार से भरा है; उसकी जीभ पर अनिष्ट और अपकार हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसका मुँह शाप और छल और अन्धेर से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुँह में हैं। नवीन हिंदी बाइबल उसका मुँह तो शाप और छल और दुष्टता से भरा है, उसकी जीभ पर उत्पात और बुराई हैं। सरल हिन्दी बाइबल उसका मुख शाप, छल तथा अत्याचार से भरा रहता है; उसकी जीभ उत्पात और दुष्टता छिपाए रहती है. |
उनको उपद्रव का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते है और वे अपने अन्तःकरण में छल की बातें गढ़ते हैं।”
प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के होठों से दो रंगी बातें करते हैं।
उनका बोलना साँप के काटने के समान है, उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला) (रोम. 3:13, याकू. 3:8)
मुझ को उबार और परदेशियों के वश से छुड़ा ले, जिनके मुँह से झूठी बातें निकलती हैं, और जिनका दाहिना हाथ झूठ का दाहिना हाथ है।
और जब वह मुझसे मिलने को आता है, तब वह व्यर्थ बातें बकता है, जबकि उसका मन अपने अन्दर अधर्म की बातें संचय करता है; और बाहर जाकर उनकी चर्चा करता है।
क्योंकि उनके मुँह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं। (रोम. 3:13)
उसके मुँह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थी परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।
वह अपने मुँह के पाप, और होठों के वचन, और श्राप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फँसे हुए पकड़े जाएँ।
जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएँ तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन् पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है। (सेला)
सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुँह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं। (सेला)
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज किया है, और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है;
देख दुष्ट को अनर्थ काम की पीड़ाएँ हो रही हैं, उसको उत्पात का गर्भ है, और उससे झूठ का जन्म हुआ।
जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जानेवाला कुहरा है, उसके ढूँढ़नेवाले मृत्यु ही को ढूँढ़ते हैं।
अर्थात् व्यर्थ और झूठी बात मुझसे दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर। (1 तीमु. 6:8)
कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठी बातें बकते हैं; उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।
अपनी-अपनी जीभ को वे धनुष के समान झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
हे साँप के बच्चों, तुम बुरे होकर कैसे अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है।