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भजन संहिता 10:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 उसका मुंह कपट, शाप और अत्‍याचार से भरा है; उसकी जीभ पर अनिष्‍ट और अपकार हैं।

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पवित्र बाइबल

7 ऐसे दुष्ट का मुख सदा शाप देता रहता है। वे दूसरे जनों की निन्दा करते हैं और काम में लाने को सदैव बुरी—बुरी योजनाएँ रचते रहते हैं।

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Hindi Holy Bible

7 उसका मुंह शाप और छल और अन्धेर से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुंह में हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 उसका मुँह शाप और छल और अन्धेर से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुँह में हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

7 उसका मुँह तो शाप और छल और दुष्‍टता से भरा है, उसकी जीभ पर उत्पात और बुराई हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 उसका मुख शाप, छल तथा अत्याचार से भरा रहता है; उसकी जीभ उत्पात और दुष्टता छिपाए रहती है.

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भजन संहिता 10:7
29 क्रॉस रेफरेंस  

उन्‍हें अनिष्‍ट का गर्भ रहता है, और वे अधर्म को जन्‍म देते हैं। वे अपने अंत: करण में छल-कपट गढ़ते हैं।’


‘यद्यपि बुराई दुर्जन को मीठी लगती है; और वह उसको अपनी जीभ के नीचे छिपाए रखता है;


प्रत्‍येक मनुष्‍य अपने पड़ोसी से झूठ बोलता है, वे चाटुकार ओंठों से दुरंगी बातें करते हैं।


वे अपनी जीभ को सांप के दांत जैसा तेज करते हैं, उनके ओंठों के नीचे नाग का विष है। सेलाह


जो मुझे घेरे हुए हैं, वे अपना सिर उठा रहे हैं; उनके ओंठों का अनिष्‍ठ उन पर ही पड़े!


प्रभु, मुझे क्रूर तलवार से छुड़ा, मुझे विदेशियों के हाथ से मुक्‍त कर। वे अपने मुंह से असत्‍य वचन निकालते हैं; वे अपना दाहिना हाथ उठाकर धोखे की शपथ खाते हैं।


वे अपने मुंह से असत्‍य वचन निकालते हैं। वे अपना दाहिना हाथ उठाकर धोखे की शपथ खाते हैं!


उसके मुख के शब्‍द अनिष्‍ट और कपट हैं; वह बुद्धि को छोड़ चुका है; वह भलाई नहीं करता।


जो मुझे देखने आता है, वह व्‍यर्थ बातें बोलता है। उसका हृदय बुराई का संग्रह करता है। वह बाहर जाकर लोगों से कहता-फिरता है।


उनके मुंह में सत्‍य नहीं है, उनका हृदय विनाश है, उनका गला खुली कबर है, वे अपनी जीभ से ठकुर-सुहाती करते हैं।


तूने अपना मुंह बुराई को सौंप दिया है; तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है।


अरी कपटी जीभ! तू सब विनाशकारी बातों को प्‍यार करती है।


उसके मुंह की बातें मक्‍खन से अधिक चिकनी थीं, पर उसके हृदय में द्वेष था। उसके शब्‍द तेल की अपेक्षा कोमल थे; फिर भी वे नंगी तलवार थे।


मां के पेट से ही दुर्जन भटक जाते हैं; झूठे व्यक्‍ति जन्‍म से ही पथ-भ्रष्‍ट होते हैं।


उनके मुंह के पाप, उनके ओंठों के शब्‍दों के कारण वे स्‍वयं अपने अहंकार में फंस जाएं। शाप देने और झूठ बोलने के कारण


उन्‍हें क्रोध से भस्‍म कर दे; तू उन्‍हें भस्‍म कर कि वे शेष न रहें; जिससे मनुष्‍य जानें कि परमेश्‍वर पृथ्‍वी के सीमान्‍त तक इस्राएली कौम पर राज्‍य करता है। सेलाह


वे उसके उच्‍च स्‍थान से उसे गिराने की सम्‍मति करते हैं। वे झूठ से हर्षित होते हैं। वे मुंह से तो आशिष देते हैं, पर हृदय से शाप। सेलाह


उन्‍होंने अपनी जीभ को तलवार के समान चोखा किया है, उन्‍होंने कटु वचन-रूपी बाण संधान किया है,


देखो, दुष्‍ट ने गर्भ धारण किया; उसे दुष्‍कर्म का गर्भ है, और उससे झूठ का जन्‍म हुआ है।


वे धार्मिकों का उपहास करते हैं; वे उनसे दुष्‍टभाव से बातें करते हैं, ऊंचे पर बैठकर वे अत्‍याचार करते हैं,


जो धन झूठ से प्राप्‍त होता है, वह हवा में उड़ जानेवाली भाप है, वह मृत्‍यु का फंदा है।


पहला वरदान: छल-कपट और झूठ से मुझे बचा। दूसरा वरदान: न मुझे धन दे, और न गरीबी। केवल उतना भोजन दे जो मेरे जीवन के लिए आवश्‍यक है;


कोई भी व्यक्‍ति सच्‍चाई से नालिश नहीं करता, और न कोई ईमानदारी से मुकदमा लड़ता है। वे सब झूठे तर्कों पर भरोसा करते हैं, वे झूठ ही बोलते हैं, उन्‍हें अनिष्‍ट का गर्भ रहता है, और वे अधर्म को जन्‍म देते हैं!


वे झूठ का शब्‍द फेंकने के लिए धनुष के सदृश अपनी जीभ को, प्रत्‍यंचा पर चढ़ाते हैं; सच्‍चाई नहीं, वरन् असत्‍य की फसल सारे देश में खूब पैदा हो रही है! वे दुष्‍कर्म पर दुष्‍कर्म करते जाते हैं। उनके विषय में स्‍वयं प्रभु कहता है: ‘वे मेरी उपस्‍थिति का अनुभव नहीं करते हैं।’


वे अत्‍याचार पर अत्‍याचार, बार-बार छल-कपट करते हैं; उनके विषय में स्‍वयं प्रभु कहता है: ‘वे मेरी उपस्‍थिति का अनुभव करना नहीं चाहते।’


ओ निर्धनों को रौंदनेवालो, ओ गरीबों को मृत्‍यु के घाट उतारनेवालो, यह सुनो :


साँप के बच्‍चो! तुम बुरे हो कर अच्‍छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।


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