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मत्ती 26:40 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

ततः स शिष्यानुपेत्य तान् निद्रतो निरीक्ष्य पितराय कथयामास, यूयं मया साकं दण्डमेकमपि जागरितुं नाशन्कुत?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

ততঃ স শিষ্যানুপেত্য তান্ নিদ্ৰতো নিৰীক্ষ্য পিতৰায কথযামাস, যূযং মযা সাকং দণ্ডমেকমপি জাগৰিতুং নাশন্কুত?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

ততঃ স শিষ্যানুপেত্য তান্ নিদ্রতো নিরীক্ষ্য পিতরায কথযামাস, যূযং মযা সাকং দণ্ডমেকমপি জাগরিতুং নাশন্কুত?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

တတး သ ၑိၐျာနုပေတျ တာန် နိဒြတော နိရီက္ၐျ ပိတရာယ ကထယာမာသ, ယူယံ မယာ သာကံ ဒဏ္ဍမေကမပိ ဇာဂရိတုံ နာၑန္ကုတ?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

tataH sa ziSyAnupEtya tAn nidratO nirIkSya pitarAya kathayAmAsa, yUyaM mayA sAkaM daNPamEkamapi jAgarituM nAzankuta?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

તતઃ સ શિષ્યાનુપેત્ય તાન્ નિદ્રતો નિરીક્ષ્ય પિતરાય કથયામાસ, યૂયં મયા સાકં દણ્ડમેકમપિ જાગરિતું નાશન્કુત?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

tataH sa ziSyAnupetya tAn nidrato nirIkSya pitarAya kathayAmAsa, yUyaM mayA sAkaM daNDamekamapi jAgarituM nAzankuta?

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मत्ती 26:40
12 अन्तरसन्दर्भाः  

अनन्तरं वरे विलम्बिते ताः सर्व्वा निद्राविष्टा निद्रां जग्मुः।


ततः पितर उदितवान्, यद्यपि त्वया समं मर्त्तव्यं, तथापि कदापि त्वां न नाङ्गीकरिष्यामि; तथैव सर्व्वे शिष्याश्चोचुः।


तानवादीच्च मृतियातनेव मत्प्राणानां यातना जायते, यूयमत्र मया सार्द्धं जागृत।


परीक्षायां न पतितुं जागृत प्रार्थयध्वञ्च; आत्मा समुद्यतोस्ति, किन्तु वपु र्दुर्ब्बलं।


स पुनरेत्य तान् निद्रतो ददर्श, यतस्तेषां नेत्राणि निद्रया पूर्णान्यासन्।


ततः परं स एत्य तान् निद्रितान् निरीक्ष्य पितरं प्रोवाच, शिमोन् त्वं किं निद्रासि? घटिकामेकाम् अपि जागरितुं न शक्नोषि?


अथ प्रार्थनात उत्थाय शिष्याणां समीपमेत्य तान् मनोदुःखिनो निद्रितान् दृष्ट्वावदत्


तदा पितरादयः स्वस्य सङ्गिनो निद्रयाकृष्टा आसन् किन्तु जागरित्वा तस्य तेजस्तेन सार्द्धम् उत्तिष्ठन्तौ जनौ च ददृशुः।