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मत्ती 23:1 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

अनन्तरं यीशु र्जननिवहं शिष्यांश्चावदत्,

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

অনন্তৰং যীশু ৰ্জননিৱহং শিষ্যাংশ্চাৱদৎ,

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

অনন্তরং যীশু র্জননিৱহং শিষ্যাংশ্চাৱদৎ,

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

အနန္တရံ ယီၑု ရ္ဇနနိဝဟံ ၑိၐျာံၑ္စာဝဒတ်,

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

anantaraM yIzu rjananivahaM ziSyAMzcAvadat,

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

અનન્તરં યીશુ ર્જનનિવહં શિષ્યાંશ્ચાવદત્,

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

anantaraM yIzu rjananivahaM ziSyAMzcAvadat,

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मत्ती 23:1
6 अन्तरसन्दर्भाः  

अथ स लोकानाहूय बभाषे यूयं सर्व्वे मद्वाक्यं शृणुत बुध्यध्वञ्च।


तदानीं लोकाः सहस्रं सहस्रम् आगत्य समुपस्थितास्तत एकैको ऽन्येषामुपरि पतितुम् उपचक्रमे; तदा यीशुः शिष्यान् बभाषे, यूयं फिरूशिनां किण्वरूपकापट्ये विशेषेण सावधानास्तिष्ठत।


किन्तु कालस्यास्य लक्षणं कुतो बोद्धुं न शक्नुथ? यूयञ्च स्वयं कुतो न न्याष्यं विचारयथ?