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मत्ती 15:35 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

तदानीं स लोकनिवहं भूमावुपवेष्टुम् आदिश्य

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

তদানীং স লোকনিৱহং ভূমাৱুপৱেষ্টুম্ আদিশ্য

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

তদানীং স লোকনিৱহং ভূমাৱুপৱেষ্টুম্ আদিশ্য

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

တဒါနီံ သ လောကနိဝဟံ ဘူမာဝုပဝေၐ္ဋုမ် အာဒိၑျ

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

tadAnIM sa lOkanivahaM bhUmAvupavESTum Adizya

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

તદાનીં સ લોકનિવહં ભૂમાવુપવેષ્ટુમ્ આદિશ્ય

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

tadAnIM sa lokanivahaM bhUmAvupaveSTum Adizya

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मत्ती 15:35
6 अन्तरसन्दर्भाः  

यीशुरपृच्छत्, युष्माकं निकटे कति पूपा आसते? त ऊचुः, सप्तपूपा अल्पाः क्षुद्रमीनाश्च सन्ति।


तान् सप्तपूपान् मीनांश्च गृह्लन् ईश्वरीयगुणान् अनूद्य भंक्त्वा शिष्येभ्यो ददौ, शिष्या लोकेभ्यो ददुः।


पश्चाद् यीशुरवदत् लोकानुपवेशयत तत्र बहुयवससत्त्वात् पञ्चसहस्त्रेभ्यो न्यूना अधिका वा पुरुषा भूम्याम् उपाविशन्।