अनन्तरं सोपरामेकां दृष्टान्तकथामुपस्थाप्य तेभ्यः कथयामास; स्वर्गीयराज्यं तादृशेन केनचिद् गृहस्थेनोपमीयते, येन स्वीयक्षेत्रे प्रशस्तबीजान्यौप्यन्त।
लूका 13:18 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari अनन्तरं सोवदद् ईश्वरस्य राज्यं कस्य सदृशं? केन तदुपमास्यामि? अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script অনন্তৰং সোৱদদ্ ঈশ্ৱৰস্য ৰাজ্যং কস্য সদৃশং? কেন তদুপমাস্যামি? সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script অনন্তরং সোৱদদ্ ঈশ্ৱরস্য রাজ্যং কস্য সদৃশং? কেন তদুপমাস্যামি? သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script အနန္တရံ သောဝဒဒ် ဤၑွရသျ ရာဇျံ ကသျ သဒၖၑံ? ကေန တဒုပမာသျာမိ? satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script anantaraM sOvadad Izvarasya rAjyaM kasya sadRzaM? kEna tadupamAsyAmi? સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script અનન્તરં સોવદદ્ ઈશ્વરસ્ય રાજ્યં કસ્ય સદૃશં? કેન તદુપમાસ્યામિ? satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script anantaraM sovadad Izvarasya rAjyaM kasya sadRzaM? kena tadupamAsyAmi? |
अनन्तरं सोपरामेकां दृष्टान्तकथामुपस्थाप्य तेभ्यः कथयामास; स्वर्गीयराज्यं तादृशेन केनचिद् गृहस्थेनोपमीयते, येन स्वीयक्षेत्रे प्रशस्तबीजान्यौप्यन्त।
पुनः कथयामास, ईश्वरस्य राज्यं कस्य सदृशं वदिष्यामि? यत् किण्वं काचित् स्त्री गृहीत्वा द्रोणत्रयपरिमितगोधूमचूर्णेषु स्थापयामास,
अत एतस्मिन् पश्य तस्मिन् वा पश्य, इति वाक्यं लोका वक्तुं न शक्ष्यन्ति, ईश्वरस्य राजत्वं युष्माकम् अन्तरेवास्ते।