अपरञ्च अमेध्यभूतो मानुषस्यान्तर्निर्गत्य शुष्कस्थाने भ्रान्त्वा विश्रामं मृगयते किन्तु न प्राप्य वदति मम यस्माद् गृहाद् आगतोहं पुनस्तद् गृहं परावृत्य यामि।
लूका 11:25 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari ततो गत्वा तद् गृहं मार्जितं शोभितञ्च दृष्ट्वा अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script ততো গৎৱা তদ্ গৃহং মাৰ্জিতং শোভিতঞ্চ দৃষ্ট্ৱা সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script ততো গৎৱা তদ্ গৃহং মার্জিতং শোভিতঞ্চ দৃষ্ট্ৱা သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script တတော ဂတွာ တဒ် ဂၖဟံ မာရ္ဇိတံ ၑောဘိတဉ္စ ဒၖၐ္ဋွာ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script tatO gatvA tad gRhaM mArjitaM zObhitanjca dRSTvA સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script તતો ગત્વા તદ્ ગૃહં માર્જિતં શોભિતઞ્ચ દૃષ્ટ્વા satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script tato gatvA tad gRhaM mArjitaM zobhitaJca dRSTvA |
अपरञ्च अमेध्यभूतो मानुषस्यान्तर्निर्गत्य शुष्कस्थाने भ्रान्त्वा विश्रामं मृगयते किन्तु न प्राप्य वदति मम यस्माद् गृहाद् आगतोहं पुनस्तद् गृहं परावृत्य यामि।
तत्क्षणम् अपगत्य स्वस्मादपि दुर्म्मतीन् अपरान् सप्तभूतान् सहानयति ते च तद्गृहं पविश्य निवसन्ति। तस्मात् तस्य मनुष्यस्य प्रथमदशातः शेषदशा दुःखतरा भवति।