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लूका 11:22 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

किन्तु तस्माद् अधिकबलः कश्चिदागत्य यदि तं जयति तर्हि येषु शस्त्रास्त्रेषु तस्य विश्वास आसीत् तानि सर्व्वाणि हृत्वा तस्य द्रव्याणि गृह्लाति।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

কিন্তু তস্মাদ্ অধিকবলঃ কশ্চিদাগত্য যদি তং জযতি তৰ্হি যেষু শস্ত্ৰাস্ত্ৰেষু তস্য ৱিশ্ৱাস আসীৎ তানি সৰ্ৱ্ৱাণি হৃৎৱা তস্য দ্ৰৱ্যাণি গৃহ্লাতি|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

কিন্তু তস্মাদ্ অধিকবলঃ কশ্চিদাগত্য যদি তং জযতি তর্হি যেষু শস্ত্রাস্ত্রেষু তস্য ৱিশ্ৱাস আসীৎ তানি সর্ৱ্ৱাণি হৃৎৱা তস্য দ্রৱ্যাণি গৃহ্লাতি|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

ကိန္တု တသ္မာဒ် အဓိကဗလး ကၑ္စိဒါဂတျ ယဒိ တံ ဇယတိ တရှိ ယေၐု ၑသ္တြာသ္တြေၐု တသျ ဝိၑွာသ အာသီတ် တာနိ သရွွာဏိ ဟၖတွာ တသျ ဒြဝျာဏိ ဂၖဟ္လာတိ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

kintu tasmAd adhikabalaH kazcidAgatya yadi taM jayati tarhi yESu zastrAstrESu tasya vizvAsa AsIt tAni sarvvANi hRtvA tasya dravyANi gRhlAti|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

કિન્તુ તસ્માદ્ અધિકબલઃ કશ્ચિદાગત્ય યદિ તં જયતિ તર્હિ યેષુ શસ્ત્રાસ્ત્રેષુ તસ્ય વિશ્વાસ આસીત્ તાનિ સર્વ્વાણિ હૃત્વા તસ્ય દ્રવ્યાણિ ગૃહ્લાતિ|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

kintu tasmAd adhikabalaH kazcidAgatya yadi taM jayati tarhi yeSu zastrAstreSu tasya vizvAsa AsIt tAni sarvvANi hRtvA tasya dravyANi gRhlAti|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



लूका 11:22
14 अन्तरसन्दर्भाः  

बलवान् पुमान् सुसज्जमानो यतिकालं निजाट्टालिकां रक्षति ततिकालं तस्य द्रव्यं निरुपद्रवं तिष्ठति।


अतः कारणाद् यो मम सपक्षो न स विपक्षः, यो मया सह न संगृह्लाति स विकिरति।


यूयं यत् शयतानश्छलानि निवारयितुं शक्नुथ तदर्थम् ईश्वरीयसुसज्जां परिधद्ध्वं।


अतो हेतो र्यूयं यया संकुेले दिनेऽवस्थातुं सर्व्वाणि पराजित्य दृढाः स्थातुञ्च शक्ष्यथ ताम् ईश्वरीयसुसज्जां गृह्लीत।


किञ्च तेन राजत्वकर्त्तृत्वपदानि निस्तेजांसि कृत्वा पराजितान् रिपूनिव प्रगल्भतया सर्व्वेषां दृष्टिगोचरे ह्रेपितवान्।


यः पापाचारं करोति स शयतानात् जातो यतः शयतान आदितः पापाचारी शयतानस्य कर्म्मणां लोपार्थमेवेश्वरस्य पुत्रः प्राकाशत।


हे बालकाः, यूयम् ईश्वरात् जातास्तान् जितवन्तश्च यतः संसाराधिष्ठानकारिणो ऽपि युष्मदधिष्ठानकारी महान्।