प्रकाशितवाक्य 6:9 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari9 अनन्तरं पञ्चममुद्रायां तेन मोचितायाम् ईश्वरवाक्यहेतोस्तत्र साक्ष्यदानाच्च छेदितानां लोकानां देहिनो वेद्या अधो मयादृश्यन्त। अध्यायं द्रष्टव्यम्अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script9 অনন্তৰং পঞ্চমমুদ্ৰাযাং তেন মোচিতাযাম্ ঈশ্ৱৰৱাক্যহেতোস্তত্ৰ সাক্ষ্যদানাচ্চ ছেদিতানাং লোকানাং দেহিনো ৱেদ্যা অধো মযাদৃশ্যন্ত| अध्यायं द्रष्टव्यम्সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script9 অনন্তরং পঞ্চমমুদ্রাযাং তেন মোচিতাযাম্ ঈশ্ৱরৱাক্যহেতোস্তত্র সাক্ষ্যদানাচ্চ ছেদিতানাং লোকানাং দেহিনো ৱেদ্যা অধো মযাদৃশ্যন্ত| अध्यायं द्रष्टव्यम्သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script9 အနန္တရံ ပဉ္စမမုဒြာယာံ တေန မောစိတာယာမ် ဤၑွရဝါကျဟေတောသ္တတြ သာက္ၐျဒါနာစ္စ ဆေဒိတာနာံ လောကာနာံ ဒေဟိနော ဝေဒျာ အဓော မယာဒၖၑျန္တ၊ अध्यायं द्रष्टव्यम्satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script9 anantaraM panjcamamudrAyAM tEna mOcitAyAm IzvaravAkyahEtOstatra sAkSyadAnAcca chEditAnAM lOkAnAM dEhinO vEdyA adhO mayAdRzyanta| अध्यायं द्रष्टव्यम्સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script9 અનન્તરં પઞ્ચમમુદ્રાયાં તેન મોચિતાયામ્ ઈશ્વરવાક્યહેતોસ્તત્ર સાક્ષ્યદાનાચ્ચ છેદિતાનાં લોકાનાં દેહિનો વેદ્યા અધો મયાદૃશ્યન્ત| अध्यायं द्रष्टव्यम् |
अनन्तरं मया सिंहासनानि दृष्टानि तत्र ये जना उपाविशन् तेभ्यो विचारभारो ऽदीयत; अनन्तरं यीशोः साक्ष्यस्य कारणाद् ईश्वरवाक्यस्य कारणाच्च येषां शिरश्छेदनं कृतं पशोस्तदीयप्रतिमाया वा पूजा यै र्न कृता भाले करे वा कलङ्को ऽपि न धृतस्तेषाम् आत्मानो ऽपि मया दृष्टाः, ते प्राप्तजीवनास्तद्वर्षसहस्रं यावत् ख्रीष्टेन सार्द्धं राजत्वमकुर्व्वन्।