यशायाह 29:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)11 इसलिये सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहरबन्द की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पढ़े–लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, “इसे पढ़”, और वह कहे, “मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि यह मुहरबन्द की हुई है।” अध्याय देखेंपवित्र बाइबल11 मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि ये बातें घटेंगी। किन्तु तुम मुझे नहीं समझ रहे। मेरे शब्द उस पुस्तक के समान है, जो बन्द हैं और जिस पर एक मुहर लगी है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible11 इसलिये सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहर की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पड़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, इसे पढ़, और वह कहे, मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहर की हुई है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)11 अब दर्शन की ये सब बातें तुम्हारे लिए मुहरबन्द पुस्तक के शब्द बन गई हैं। जब तुम किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति को पुस्तक देते और उससे कहते हो, “इसको पढ़ो,” तब वह तुमसे कहता है, “यह मुहरबन्द है, मैं इसको नहीं पढ़ सकता।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल11 मैं तुम्हें बता रहा हूं कि ये बातें घटेंगी. किंतु तुम मुझे नहीं समझ रहे. मेरे शब्द उस पुस्तक के समान है, जो बंद हैं और जिस पर एक मुहर लगी है. तुम उस पुस्तक को एक ऐसे व्यक्ति को दो जो पढ़ सकता हो, तो वह व्यक्ति कहेगा, “मैं पुस्तक को पढ़ नहीं सकता क्योंकि इस पर एक मुहर लगी है, और मैं इसे खोल नहीं सकता.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201911 इसलिए सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहरबन्द की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पढ़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, “इसे पढ़”, और वह कहे, “मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहरबन्द की हुई है।” (प्रका. 5:1-3) अध्याय देखें |