यारोबआम बेन-नबाट ने बेत-एल की वेदी के समीप, पहाड़ी शिखर की वेदी बनाई थी और यों इस्राएली जनता से पाप कराया था। राजा योशियाह ने बेत-एल की इस वेदी को, तथा पहाड़ी शिखर की वेदी को तोड़ दिया। उसके पत्थरों को टुकड़े-टुकड़े कर दिया। उसने उनको चूर्ण-चूर्ण कर दिया। उसने अशेराह-देवी के लकड़ी के खम्भों को जला दिया।
योशियाह ने पहाड़ी शिखर की वेदियों के पूजागृह हटा दिए, जिनको इस्राएल प्रदेश के राजाओं ने सामरी नगरों में बनाए थे और जिनसे उन्होंने प्रभु की क्रोधाग्नि भड़काई थी। उसने उनके साथ भी वही किया, जो उसने बेत-एल में किया था।
‘अब तुम सोचते हो कि यह राज्य जिसको प्रभु ने दाऊद के वंश को पैतृक-अधिकार के लिए सौंपा है, तुम हड़प लोगे; क्योंकि तुम्हारे पास विशाल सेना है, तुम्हारे साथ सोने के वे बछड़े हैं, जिनको यारोबआम ने तुम्हारे लिए ईश्वर के रूप में बनाया है।
पर्व के समाप्त होने के पश्चात् सब इस्राएली, जो उस समय यरूशलेम में उपस्थित थे, यहूदा प्रदेश के नगरों में गए। उन्होंने यहूदा और बिन्यामिन कुल-क्षेत्रों तथा एफ्रइम और मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में प्रतिष्ठित अशेराह देवी के पूजा-स्तम्भ, देवताओं की मूर्तियाँ, पहाड़ी शिखर की वेदियां तथा अन्य वेदियां ध्वस्त कर दीं। उन्होंने स्तम्भों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, मूर्तियों को काट दिया, मन्दिर और वेदियों को नष्ट कर दिया। तब इस्राएली राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति अपने नगर को, अपने भूमि-क्षेत्र को लौट गया।
इस जाति के सब मनुष्य मूर्ख हैं, वे परमेश्वर के ज्ञान से रहित हैं। सुनार अपनी बनाई हुई मूर्ति के कारण अपमानित होगा; क्योंकि उसकी मूर्ति झूठी है; उनमें जीवन का श्वास है ही नहीं।
‘सब देशों में यह घोषणा करो, राष्ट्रों में यह सन्देश सुनाओ, ध्वजा फहराओ, और घोषणा करो और समाचार को मत छिपाओ, किन्तु यह कहो : “बेबीलोन पराजित हो गया, उसका राष्ट्रीय देवता बेल इस पराजय से अपमानित हुआ, मरोदक देवता व्याकुल हो गया। उसकी मूर्तियों का मुंह काला हो गया; उसकी प्रतिमाओं का गौरव धूल में मिल गया।”
इस्राएलियों की निष्ठा विभाजित है; अत: अब उन्हें अपने कुकर्मों का फल भुगतना होगा। प्रभु उनकी वेदियों को तोड़ देगा उनके पूजा-स्तम्भों के टुकड़े-टुकड़े करेगा।
एफ्रइम राज्य के लोग अब भी अधिकाधिक पाप कर रहे हैं। वे अपने लिए देवताओं की मूर्तियाँ ढाल रहे हैं। ये चांदी की मूर्तियाँ कलात्मक ढंग से गढ़ी गई हैं, ये कारीगरी का उत्तम नमूना हैं। लोग कहते हैं ‘इन मूर्तियों के सम्मुख बलि चढ़ाओ।’ वे बछड़े की मूर्तियों को चूमते हैं।
असीरिया हमें बचा नहीं सकता; युद्ध जीतने के लिए अब हम अश्वों पर भरोसा नहीं करेंगे। हाथों से बनाई गई मूर्तियों को अब हम “अपना ईश्वर” नहीं मानेंगे। प्रभु, तू ही हम अनाथों पर दया करता है।’
उसके देवताओं की मूर्तियों के टुकड़े-टुकड़े किए जाएंगे। उसकी वेश्यावृत्ति के उपहार आग में झोंके जाएंगे। मैं उसके देवताओं की प्रतिमाओं को चूर-चूर करूंगा। उसने वेश्यावृत्ति की कमाई से उन्हें एकत्र किया था, अत: वेश्यावृत्ति की कमाई के सदृश उनका विनाश भी होगा!’
‘जब मूर्तिकार मूर्ति को ढालता है, अथवा पत्थर पर खोदकर मूर्ति बनाता है, तब मूर्तिकार को क्या मिलता है? मूर्ति केवल मूर्ति है, असत्य का स्रोत है। जब मूर्तिकार अपनी बनाई हुई गूंगी मूर्ति पर विश्वास करता है, तब उसे क्या मिलता है?
यदि हम परमेश्वर की संतान हैं, तो हमें यह नहीं समझना चाहिए कि परमात्मा सोने, चाँदी या पत्थर की मूर्ति के सदृश है, जो मनुष्य की कला तथा कल्पना की उपज है।
लेकिन आप देखते और सुनते हैं कि उस पौलुस ने न केवल इफिसुस में, बल्कि प्राय: समस्त आसिया में बहुत-से लोगों को समझा-बुझा कर बहका दिया है। उसका कहना है कि हाथ के बनाये हुए देवता, देवता नहीं हैं।