1 लोग यह कहते हैं : ‘आओ, हम प्रभु के पास लौटें। उसने हमें क्षत-विक्षत किया है, अब वही हमें स्वस्थ करेगा। उसने हमें घायल किया है, अब वही हमारे घावों पर पट्टी बांधेगा।
1 “आओ, हम याहवेह की ओर लौटें. उसने हमें फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया है पर वह हमें चंगा करेंगे; उन्होंने हमें चोट पहुंचाई है, पर वही हमारे घावों पर मरहम पट्टी करेंगे.
अत: सन्देशवाहक राजा हिजकियाह तथा उसके उच्चाधिकारियों के पत्र लेकर समस्त इस्राएल और यहूदा प्रदेशों में गए। राजा हिजकियाह ने पत्र में यह लिखा था : ‘ओ इस्राएली राष्ट्र के लोगो, तुम जो असीरिया देश के राजाओं के हाथ से बच गए हो, अपने पूर्वजों, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर के पास लौटो, ताकि वह तुम्हारी ओर पुन: लौटे।
यदि परमेश्वर चुप रहता है तो उसको कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह अपना मुख छिपा लेता है तब कौन उसका दर्शन पा सकता है, वह चाहे कोई राष्ट्र हो अथवा मनुष्य?
देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
उस दिन जब प्रभु अपने निज लोगों की चोटों की मरहम पट्टी करेगा। जब वह उनके घावों को स्वस्थ करेगा जो उसके प्रहार से हुए थे, तब चन्द्रमा का प्रकाश सूर्य के प्रकाश के सदृश हो जाएगा, और सूर्य का प्रकाश सात गुना तेज होगा, सप्ताह भर का सम्मिलित प्रकाश एक दिन में होगा!
दुर्जन मनुष्य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्वर के पास आए; क्योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।
प्रभु ने उनसे कहा था, ‘ओ विश्वासघाती सन्तान, लौट आ! मैं तेरे विश्वासघात के घाव को भर दूंगा।’ वे बोले, ‘देख, हम तेरे पास लौट आए हैं; क्योंकि तू ही हमारा प्रभु परमेश्वर है
मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तेरा स्वास्थ्य तुझे लौटाऊंगा, मैं तेरे घाव भर दूंगा। क्योंकि तेरे शत्रुओं ने तुझे ‘परित्यक्ता’ कहा है : “देखो, यह है सियोन नगरी, जिसकी अब कोई चिन्ता नहीं करता।”
यद्यपि इस नगर के निवासी कसदी सेना का मुकाबला करने के लिए आ रहे हैं, किन्तु मैं इनकी लोथों से इस नगर को पाट दूंगा। मैंने इस नगर के दुष्कर्मों के कारण इससे मुंह फेर लिया है। अत: मैं अपने क्रोध और रोष से इन लोगों को मार डालूंगा।
‘किन्तु, यिर्मयाह! मैं इस प्रहार के बाद इस नगर में औषधि और स्वास्थ्य लाऊंगा, और इस के निवासियों को स्वस्थ कर दूंगा। मैं इनको सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करूंगा।
प्रभु कहता है, ‘उन दिनों में, उस समय इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश के लोग एक साथ लौटेंगे। वे पश्चात्ताप के कारण रोते हुए लौटेंगे, और अपने प्रभु-परमेश्वर को खोजेंगे।
वे सियोन की ओर उन्मुख हो, यह पूछेंगे, “सियोन का मार्ग कौन-सा है?” वे परस्पर यह कहेंगे, “आओ, हम प्रभु के साथ शाश्वत विधान स्थापित करें, जो कभी भुलाया न जा सकेगा। आओ, हम प्रभु से मेल-मिलाप कर लें।”
तत्पश्चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।
‘किन्तु यदि पुरोहित आकर जांच करता है कि घर की लिपाई-पुताई के पश्चात् रोग घर में नहीं फैला है, तो वह घर को शुद्ध घोषित करेगा; क्योंकि वह रोग से स्वस्थ हो गया है।
अब मुझे देखो! मैं, हाँ मैं, वही हूँ! मेरे अतिरिक्त कोई ईश्वर नहीं है। मैं ही प्राण लेता हूँ, मैं ही जीवन देता हूँ। मैं ही घायल करता हूँ, मैं ही स्वस्थ करता हूँ। मेरे हाथ से छुड़ानेवाला कोई नहीं है।
तब शमूएल ने इस्राएल के कुलों से यह कहा, ‘यदि तुम हृदय से प्रभु की ओर लौट रहे हो तो दूसरी जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ, और अशेराह देवी की मूर्तियाँ अपने मध्य से दूर करो। अपने हृदय को प्रभु की ओर स्थिर रखो! केवल उसी की आराधना करो। तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से मुक्त करेगा।’