होशे 2:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)15 वहाँ उसके अंगूर-उद्यान उसे लौटा दूंगा; मैं कष्ट की घाटी को आशा के द्वार में बदल दूंगा। वहाँ वह मेरे प्रेम का प्रत्युत्तर देगी; जैसे वह किशोरावस्था में मुझे प्रत्युत्तर देती थी, जब वह मिस्र देश से बाहर निकली थी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल15 वहाँ मैं उसे अंगूर के बगीचे दूँगा। आशा के द्वार के रूप में मैं उसे आकोर की घाटी दे दूँगा। फिर वह मुझे उसी प्रकार उत्तर देगी जैसे उस समय दिया करती थी, जव वह मिस्र से बाहर आयी थी।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible15 और वहीं मैं उसको दाख की बारियां दूंगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूंगा और वहां वह मुझ से ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)15 वहीं मैं उसको दाख की बारियाँ दूँगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूँगा और वहाँ वह मुझ से ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात् मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल15 वहां मैं उसे उसकी अंगूर की बारियां लौटा दूंगा, और आकोर घाटी को आशा का द्वार बना दूंगा. वहां वह ऐसे जवाब देगी जैसे वह अपने जवानी के दिनों में दिया करती थी, अर्थात् जैसे वह मिस्र देश से निकलकर आने के समय दिया करती थी.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201915 वहीं मैं उसको दाख की बारियाँ दूँगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूँगा और वहाँ वह मुझसे ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात् मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी। अध्याय देखें |