16 सामरी राज्य ने अपने परमेश्वर से विद्रोह किया था, अत: उसे अपने कुकर्म क फल भुगतना पड़ेगा। सामरी राज्य के निवासी तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे, शत्रु उनके बच्चों को भूमि पर पटकेंगे, वे गर्भवती स्त्रियों का पेट चीरेंगे।
16 शोमरोन को दण्ड दिया जायेगा क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से मुख फेरा था। इस्राएली तलवारों से मार दिये जायेंगे उनकी संतानों के चिथड़े उड़ा दिये जायेंगे। उनकी गर्भवती स्त्रियाँ चीर कर खोल दी जायेंगी।”
16 सामरिया दोषी ठहरेगा, क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से बलवा किया है; वे तलवार से मारे जाएंगे, उनके बच्चे पटके जाएंगे, और उनकी गर्भवती स्त्रियां चीर डालीं जाएंगी॥
16 सामरिया दोषी ठहरेगा, क्योंकि उस ने अपने परमेश्वर से बलवा किया है; वे तलवार से मारे जाएँगे, उनके बच्चे पटके जाएँगे, और उनकी गर्भवती स्त्रियाँ चीर डाली जाएँगी।
16 अवश्य है कि शमरिया के लोग अपने अपराध का दंड भोगें, क्योंकि उन्होंने अपने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया है. वे तलवार से मारे जाएंगे; उनके छोटे बच्चों को भूमि पर पटक दिया जाएगा, और उनकी गर्भवती स्त्रियों के पेट फाड़ दिए जाएंगे.”
16 सामरिया दोषी ठहरेगा, क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से बलवा किया है; वे तलवार से मारे जाएँगे, उनके बच्चे पटके जाएँगे, और उनकी गर्भवती स्त्रियाँ चीर डाली जाएँगी।
तब मनहेम ने तप्पूह नगर पर आक्रमण किया। उसने नगर को तथा नगर निवासियों को नष्ट कर दिया। उसने तिर्साह नगर से तप्पूह नगर की सीमाओं तक समस्त क्षेत्र को उजाड़ दिया। लोगों ने तप्पूह नगर का प्रवेश-द्वार उसके लिए नहीं खोला था। इसलिए उसने उसको नष्ट कर दिया। उसने नगर की गर्भवती स्त्रियों के पेट चीर दिए।
होशे के राज्य-काल के नौवें वर्ष में असीरिया देश के राजा ने राजधानी सामरी नगर पर अधिकार कर लिया। वह इस्राएलियों को बन्दी बनाकर असीरिया देश में ले गया। उसने इस्राएलियों को हलह नगर में तथा गोजान क्षेत्र की हाबोर नदी के तट पर, और मादय देश के नगरों में बसाया।
हजाएल ने पूछा, ‘स्वामी, आप क्यों रो रहे हैं?’ एलीशा ने कहा, ‘जो अनिष्ट तू इस्राएली राष्ट्र के साथ करेगा, उसको मैं जानता हूं। तू उनके गढ़ों में आग लगाएगा। तू उनके युवकों को तलवार से मौत के घाट उतारेगा। उनके बच्चों को पत्थर पर पटक-पटक कर टुकड़े-टुकड़े करेगा। उनकी गर्भवती स्त्रियों के पेट चीरेगा।’
एफ्रइम राज्य का गढ़ और दमिश्क की राज्य-सत्ता विलुप्त हो जाएगी। सीरिया देश के बचे हुए लोगों का भविष्य और इस्राएलियों के वैभव का अन्त एक- जैसा है। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यही कथन है।
क्योंकि बालक “मां” और “पिताजी” बोलना सीख भी नहीं पाएगा, कि उसके पूर्व असीरिया देश का राजा दमिश्क नगर की धन-सम्पत्ति और सामरी नगर की अपार लूट अपने देश को भेज देगा।’
इस्राएलियों की निष्ठा विभाजित है; अत: अब उन्हें अपने कुकर्मों का फल भुगतना होगा। प्रभु उनकी वेदियों को तोड़ देगा उनके पूजा-स्तम्भों के टुकड़े-टुकड़े करेगा।
वे हृदय से मेरी दुहाई नहीं देते; वे शय्या पर पड़े-पड़े हाय-हाय करते हैं। वे अन्न और अंगूर की फसल के लिए विधर्मियों के समान अपने शरीर को घायल करते हैं; और यों मुझसे विद्रोह करते हैं।
प्रभु यों कहता है: ‘मैं अम्मोनी राष्ट्र के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। उसने गिलआद क्षेत्र तक अपने राज्य की सीमा को बढ़ाने के लिए युद्ध में गर्भवती स्त्रियों के पेट चीरे थे।
असीरिया देश के गढ़ों में, मिस्र देश के किलों में यह घोषणा सुनाओ: ‘सामरी पहाड़ियों पर एकत्र हो, और वहाँ से सामरी राज्य के भीतर अशान्ति का नजारा देखो, अत्याचार और दमन के दृश्य देखो।’
मैंने प्रभु को वेदी के समीप खड़े हुए देखा। उसने आदेश दिया, ‘खम्भों के शीर्ष पर प्रहार कर ताकि ड्योढ़ियाँ हिलने लगें; तू खम्भों को ध्वस्त कर; उन्हें लोगों के सिर पर गिरा। जो उससे बच जाएंगे, मैं उनको तलवार से मौत के घाट उतारूंगा। उनमें एक भी व्यक्ति नहीं बचेगा। वह प्राण बचाकर भाग न सकेगा।
ओ यहूदा कुल! तूने राजा ओमरी की संविधियों को माना, तूने अहाब के राजवंश के कार्यों के अनुरूप कार्य किया। तूने उनके परामर्श के अनुसार आचरण किया। अत: मैं तुझे उजाड़ दूंगा। तेरे नागरिकों को उपहास का पात्र बना दूंगा। तू अन्य कौमों की निन्दा सहेगा।’
फिर भी शत्रु नो-आमोन नगरी को कैद कर ले गए, वह बन्दिनी बनी और अपने देश से निर्वासित हुई। प्रत्येक सड़क के छोर पर शिशुओं को पटक-पटक कर मारा गया। नगरी के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को गुलाम बनाने के लिए उनके नाम पर चिट्ठी डाली गई। उसके बड़े लोग जंजीरों में जकड़े गए।