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लूका 17:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

25 परन्‍तु पहले उसे बहुत दु:ख उठाना होगा और यह अनिवार्य है कि वह इस पीढ़ी द्वारा ठुकराया जाए।

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पवित्र बाइबल

25 किन्तु पहले उसे बहुत सी यातनाएँ भोगनी होंगी और इस पीढ़ी द्वारा वह निश्चय ही नकार दिया जायेगा।

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Hindi Holy Bible

25 परन्तु पहिले अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

25 परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ।

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नवीन हिंदी बाइबल

25 परंतु पहले अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए और इस पीढ़ी के द्वारा ठुकराया जाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

25 किंतु उसके पूर्व उसका अनेक यातनाएं सहना और इस पीढ़ी द्वारा तिरस्कार किया जाना अवश्य है.

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लूका 17:25
18 क्रॉस रेफरेंस  

लोगों ने उससे घृणा की; उन्‍होंने उसको त्‍याग दिया। वह दु:खी मनुष्‍य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्‍य नहीं जाना।


उस समय से येशु अपने शिष्‍यों को यह समझाने लगे कि “मुझे यरूशलेम जाना ही होगा। यह अनिवार्य है कि मैं वहाँ धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्‍त्रियों के हाथ से बहुत दु:ख उठाऊं, मार डाला जाऊं और तीसरे दिन जीवित हो उठूँ।”


येशु ने उनसे कहा, “क्‍या तुम लोगों ने धर्मग्रन्‍थ में कभी यह नहीं पढ़ा : ‘कारीगरों ने जिस पत्‍थर को बेकार समझ कर फेंक दिया था, वही कोने की नींव का पत्‍थर बन गया है। यह प्रभु का कार्य है और हमारी दृष्‍टि में अद्भुत है।’?


“देखो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मानव-पुत्र महापुरोहितों और शास्‍त्रियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा। वे उसे प्राणदण्‍ड के योग्‍य ठहराएँगे और अन्‍य-जातियों के हाथ में सौंप देंगे।


“क्‍या तुम लोगों ने धर्मग्रन्‍थ में यह नहीं पढ़ा? ‘कारीगरों ने जिस पत्‍थर को बेकार समझ कर फेंक दिया था, वही कोने की नींव का पत्‍थर बन गया है।


उस समय से येशु अपने शिष्‍यों को शिक्षा देने लगे कि मानव-पुत्र को बहुत दु:ख उठाना होगा : यह अनिवार्य है कि वह धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्‍त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीन दिन के बाद फिर जी उठे।


क्‍योंकि वह अपने शिष्‍यों को ही शिक्षा दे रहे थे। वह उन से कह रहे थे, “मानव-पुत्र मनुष्‍यों के हाथ पकड़वाया जाएगा। वे उसे मार डालेंगे और मार डाले जाने के तीन दिन बाद वह फिर जी उठेगा।”


बारह प्रेरितों को अलग ले जा कर येशु ने उनसे कहा, “देखो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मानव-पुत्र के विषय में नबियों ने जो कुछ लिखा है, वह सब पूरा होने वाला है।


वे उसे कोड़े लगाएँगे और मार डालेंगे। लेकिन तीसरे दिन वह जी उठेगा।”


और उन से कहा, “धर्मग्रन्‍थ में ऐसा ही लिखा है कि मसीह दु:ख भोगेंगे, तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेंगे


येशु ने कहा, “मानव-पुत्र को बहुत दु:ख उठाना होगा। यह अनिवार्य है कि वह धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्‍त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीसरे दिन जीवित हो उठे।”


वह अपनों के पास आया और उसके अपने लोगों ने ही उसे नहीं अपनाया,


यह अनिवार्य था कि नबी यशायाह का यह कथन पूरा हो जाए : ‘प्रभु! किसने हमारे सन्‍देश पर विश्‍वास किया? किस पर प्रभु का बाहुबल प्रकट हुआ?”


परन्‍तु आज तुमने अपने परमेश्‍वर को अस्‍वीकार किया है। वह तुम्‍हारी विपत्तियों और कष्‍टों से तुम्‍हें बचाने वाला, तुम्‍हारा उद्धारकर्ता है। परन्‍तु तुम यह कहते हो : “नहीं, हमारे लिए राजा ही नियुक्‍त कीजिए।” इसलिए अब तुम अपने कुल और गोत्र के क्रम में प्रभु के सम्‍मुख उपस्‍थित हो जाओ।’


प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘जो बात इस्राएली लोग तुझसे कहते हैं, उसको तू सुन। उन्‍होंने तुझे नहीं, बल्‍कि मुझे अस्‍वीकार किया है कि मैं उन पर राज्‍य न करूँ।


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