10 इस पर पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम मुझ से क्यों नहीं बोलते? क्या तुम यह नहीं जानते कि मुझे तुम को रिहा करने का अधिकार है और तुम को क्रूस पर चढ़ाने का भी अधिकार है?”
10 फिर पिलातुस ने उससे कहा, “क्या तू मुझसे बात नहीं करना चाहता? क्या तू नहीं जानता कि मैं तुझे छोड़ने का अधिकार रखता हूँ और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है।”
10 इस पर पिलातुस ने उससे कहा, “मुझ से क्यों नहीं बोलता? क्या तू नहीं जानता कि तुझे छोड़ देने का अधिकार मुझे है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है?”
10 तब पिलातुस ने उससे कहा, “तू मुझसे बोलता क्यों नहीं? क्या तू नहीं जानता कि मेरे पास तुझे छोड़ देने का अधिकार है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी अधिकार है?”
10 इसलिये पिलातॉस ने उनसे कहा, “तुम बोलते क्यों नहीं? क्या तुम नहीं जानते कि मुझे यह अधिकार है कि मैं तुम्हें मुक्त कर दूं और यह भी कि तुम्हें मृत्यु दंड दूं?”
क्योंकि परमेश्वर ने आपके पिता को महान बनाया था इसलिए विश्व की सब कौमें, राष्ट्र और भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलनेवाले लोग उनके सम्मुख कांपते और डरते थे। आपके पिता जिसको चाहते उसका वध करवा देते और जिसको चाहते, उसको जीवित छोड़ देते थे। वह अपनी इच्छा के अनुसार जिस व्यक्ति को चाहते उसकी पदोन्नति कर देते, और जिसको चाहते उसको पद से नीचे उतार देते थे।
तुम्हारी एक प्रथा है : मैं तुम्हारे लिए पास्का (फसह) पर्व के अवसर पर एक बन्दी को रिहा करता हूँ। क्या तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिए यहूदियों के राजा को रिहा कर दूँ?”
येशु ने उत्तर दिया, “यदि आप को ऊपर से अधिकार न दिया गया होता, तो आपका मुझ पर कोई अधिकार नहीं होता। इसलिए जिसने मुझे आपके हाथ सौंपा है, उसका पाप अधिक है।”