24 राजा के विशेष रक्षकों का अधिनायक सरायाह और सपन्याह को बन्दी के रूप में ले गया। सरायाह महायाजक था और सपन्याह उससे दूसरा। तीन चौकीदार भी बन्दी बनाए गए।
राजा ने महापुरोहित हिल्कियाह, उपपुरोहितों और द्वारपालों को आदेश दिया कि वे उन सब पात्रों को प्रभु के मन्दिर से बाहर निकाल दें जो बअल देवता, अशेराह देवी तथा आकाश की प्राकृतिक शक्तियों के लिए बनाए गए थे। तत्पश्चात् उसने उनको यरूशलेम नगर के बाहर किद्रोन घाटी में जला दिया, और वह उनकी राख बेत-एल की वेदी को ले गया।
इन घटनाओं के पश्चात् फारस के सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल में एज्रा नामक व्यक्ति बेबीलोन देश से यरूशलेम नगर को गया। एज्रा की वंशावली इस प्रकार है : वह सरायाह का पुत्र और अजर्याह का पौत्र था। अजर्याह हिल्कियाह का पुत्र था, और
तेरे आंगनों में एक दिन रहना अन्यत्र हजार दिन रहने से श्रेष्ठ है। दुष्टता के शिविर में निवास करने की अपेक्षा अपने परमेश्वर के भवन के द्वार पर खड़ा रहना ही मुझे प्रिय है।
प्रभु तेरे विषय में यों कहता है: मैं तुझे स्वयं तेरे लिए तथा तेरे मित्रों के लिए आतंक बना दूंगा। वे शत्रुओं की तलवार से कट-कट कर तेरी आंखों के सामने गिरेंगे। मैं समस्त यहूदा प्रदेश को बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंप दूंगा। वह यहूदा प्रदेश के निवासियों को गुलाम बना कर बेबीलोन ले जाएगा, और उनको तलवार से मौत के घाट उतार देगा।
इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : शमायाह, तूने अपने नाम से यरूशलेम के सब निवासियों को, पुरोहित सफन्याह बेन-मसेयाह को तथा अन्य पुरोहितों को यह पत्र लिखा है
मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके उच्चाधिकारियों को उनके शत्रुओं के हाथ में, उनके प्राण के ग्राहकों के हाथ में, अर्थात् बेबीलोन के राजा की सेना के हाथ में सौंप दूंगा जो तुम्हारे नगर की मोर्चाबन्दी उठाकर चली गयी है।
मैं उनको प्रभु के भवन के एक कमरे में ले गया। इस कमरे में परमेश्वर के जन, नबी हानान बेन-यिग्दल्याह के पुत्र रहते थे। इसी कमरे के पास उच्चाधिकारी का कक्ष था। इस कमरे के ऊपर राजभवन के आंगन के पहरेदार मासेयाह बेन-शल्लूम का कमरा था।
राजा सिदकियाह ने येहूकल बेन-शेलेम्याह और पुरोहित सफन्याह बेन-मासेयाह को नबी यिर्मयाह के पास भेजा और यह निवेदन किया, ‘प्रभु परमेश्वर से हमारे लिए प्रार्थना कीजिए।’
बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के राज्य-काल के उन्नीसवें वर्ष के पांचवें महीने की दसवीं तारीख को अंगरक्षकों के नायक नबूजरदान ने यरूशलेम नगर में प्रवेश किया। नबूजरदान बेबीलोन के राजा का उच्चाधिकारी था।
इसके बाद अंगरक्षकों का नायक नबूजरदान इन लोगों को बन्दी बनाकर बेबीलोन देश ले गया : जनता के कुछ महा दरिद्र लोग, नगर के बचे हुए लोग, शरणार्थी जो यरूशलेम से भागकर बेबीलोन के राजा की शरण में आए थे और नगर में बचे हुए कारीगर।
स्वयं प्रभु ने अपने क्रोध से उन्हें अन्य राष्ट्रों में तितर-बितर किया है; अब वह उन पर ध्यान नहीं देगा। लोगों ने पुरोहितों का सम्मान नहीं किया, और न ही धर्मवृद्धों पर दया की।
इसलिए स्वामी-प्रभु कहता है : जिन लोगों का वध तुमने नगर में किया है, उन्हीं का मांस तुम्हारी इस नगर-रूपी हांडी का “मांस” बन जाएगा। तुम इस नगर से बाहर निकाल दिए जाओगे।
मैं, स्वामी-प्रभु यों कहता हूं: देखो, मैं तुम-चरवाहों के विरुद्ध हूँ। मैं तुमसे अपनी भेड़ों का हिसाब लूंगा। मैं अपनी भेड़ों को चराने की जिम्मेदारी तुमसे वापस ले लूंगा, और तुम उनको फिर न चरा सकोगे। मैं तुम को पेट भर खाना न दूंगा। मैं तुम्हारे मुंह से अपनी भेड़ों को छुड़ाऊंगा। वे फिर तुम्हारा आहार न बनेंगी।