18 किन्तु तभी हम लोगों ने स्वर्ग की रानी की पूजा छोड़ दी और हमने उसे पेय भेंट देनी बन्द कर दी। जबसे हमने उसकी पूजा में वे काम बन्द किये तब से ही समस्यायें उत्पन्न हुई हैं। हमारे लोग तलवार और भूख से मरे हैं।”
18 परन्तु जब से हम ने स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाना और तपावन देना छोड़ दिया, तब से हम को सब वस्तुओं की घटी है; और हम तलवार और महंगी के द्वारा मिट चले हैं।
18 परन्तु जब से हम ने स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाना और तपावन देना छोड़ दिया, तब से हम को सब वस्तुओं की घटी है; और हम तलवार और महँगी के द्वारा मिट चले हैं।”
18 किंतु जैसे ही हमने स्वर्ग की रानी के लिए धूप जलाना छोड़ा, जैसे ही हमने उसे पेय बलि अर्पित करना छोड़ा, हम सब प्रकार के अभाव में आ पड़े हैं और प्रजा तलवार एवं अकाल द्वारा विनाश हो रही है.”
18 परन्तु जब से हमने स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाना और तपावन देना छोड़ दिया, तब से हमको सब वस्तुओं की घटी है; और हम तलवार और अकाल के द्वारा मिट चले हैं।”
सीरिया के राष्ट्रीय देवताओं ने उसको पराजित किया था, अत: वह दमिश्क की वेदियों पर उनको बलि चढ़ाने लगा। वह यह सोचता था, ‘सीरिया के राजाओं के देवताओं ने युद्ध में उनकी सहायता की थी; अब यदि मैं उनको बलि चढ़ाऊंगा तो वे मेरी भी सहायता करेंगे।’ किन्तु सीरिया के ये देवता आहाज और समस्त इस्राएलियों के विनाश का कारण बन गए।
यहूदा प्रदेश के राजाओं के महल, यरूशलेम निवासियों के मकान, जहां आकाश की प्राकृतिक शक्तियों को सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाया गया है, अन्य देवी-देवताओं को पेय-बलि चढ़ायी गयी है, वे सब घर तोपेत पूजा-स्थल के समान अशुद्ध होंगे।” ’
यह सुन कर सब यहूदी जो अन्य देशों से खदेड़ दिए गए थे, अपने-अपने देश से यहूदा प्रदेश के मिस्पाह नगर में गदल्याह के पास लौट आए। इन लोगों ने अंगूर और ग्रीष्म फलों की खूब फसल उत्पन्न की।
उनकी मां वेश्या थी; उनकी जननी निर्लज्ज थी। उनकी मां ने यह कहा था, ‘मैं अपने प्रेमियों के साथ अभिसार करूंगी। वे ही तो मुझे रोटी देते हैं, पीने को पानी देते हैं; ऊन, पटसन, तेल और पेय भी उन्हीं की कृपा से मुझे प्राप्त होते हैं।’