14 अत: उन्होंने येहूदी नामक एक व्यक्ति को बारूक के पास भेजा। येहूदी नतन्याह का पुत्र था। उसके दादा का नाम शेलेम्याह और परदादा का नाम कूशी था। उच्चाधिकारियों ने उससे कहा, ‘तुम बारूक से यह कहना : जिस चर्मपत्र में से लोगों के सामने तुमने पढ़ा है, उस को लेकर हमारे पास आओ।’ अत: बारूक बेन-नेरियाह अपने हाथ में चर्मपत्र लेकर उनके पास आया।
14 तब उन अधिकारियों ने बारुक के पास यहूदी नामक एक व्यक्ति को भेजा। (यहूदी शेलेम्याह के पुत्र नतन्याह का पुत्र था। शेलेम्याह कूशी का पुत्र था।) यहूदी ने बारुक से कहा, “वह पत्रक तुम लाओ जिसे तुमने पढ़ा और मेरे साथ चलो।” नेरिय्याह के पुत्र बारुक ने पत्रक को लिया और यहूदी के साथ अधिकारियों के पास गया।
14 उन्हें सुन कर सब हाकिमों ने यहूदी को जो नतन्याह का पुत्र ओर शेलेम्याह का पोता और कूशी का परपोता था, बारूक के पास यह कहने को भेजा, कि जिस पुस्तक में से तू ने सब लोगों को पढ़ सुनाया है, उसे अपने हाथ में लेता आ। सो नेरिय्याह का पुत्र बारूक वह पुस्तक हाथ में लिए हुए उनके पास आया।
14 उन्हें सुनकर सब हाकिमों ने यहूदी को जो नतन्याह का पुत्र और शेलेम्याह का पोता और कूशी का परपोता था, बारूक के पास यह कहने को भेजा, “जिस पुस्तक में से तू ने सब लोगों को पढ़ सुनाया है, उसे अपने हाथ में लेता आ।” अत: नेरिय्याह का पुत्र बारूक वह पुस्तक हाथ में लिए हुए उनके पास आया।
14 इस पर सारे अधिकारियों ने कूशी के परपोते, शेलेमियाह के पोते, नेथनियाह के पुत्र, येहूदी को बारूख के लिए इस संदेश के साथ भेजा, “तुमने जिस चर्मपत्र कुण्डली से लोगों के समक्ष पढ़ा है, उसे लेकर यहां आ जाओ.” इसलिये नेरियाह का पुत्र बारूख उस चर्मपत्र कुण्डली को लेकर उनकी उपस्थिति में पहुंच गया.
14 उन्हें सुनकर सब हाकिमों ने यहूदी को जो नतन्याह का पुत्र ओर शेलेम्याह का पोता और कूशी का परपोता था, बारूक के पास यह कहने को भेजा, “जिस पुस्तक में से तूने सब लोगों को पढ़ सुनाया है, उसे अपने हाथ में लेता आ।” अतः नेरिय्याह का पुत्र बारूक वह पुस्तक हाथ में लिए हुए उनके पास आया।
जब यहूदा प्रदेश के छापामार-दलों के सेनानायकों और सैनिकों ने सुना कि बेबीलोन के राजा ने गदल्याह को प्रशासक नियुक्त किया है, तब वे सेनानायक अपने सैनिकों के साथ मिस्पाह नगर में गदल्याह के पास आए। सेनानायकों के नाम ये हैं : यिश्माएल बेन-नतनयाह, योहानान बेन-कारेह, सरायाह बेन-तनहूमेत, जो नटोफाहनगर का रहने वाला था; और याजनयाह, जिसका पिता माकाह का निवासी था।
‘एक चर्मपत्र ले, और उस पर मेरे सब वचन लिख, जो मैंने इस्राएल और यहूदा प्रदेश तथा समस्त राष्ट्रों के विरुद्ध तेरे माध्यम से कहे हैं। राजा योशियाह के राज्य-काल में जब मैंने तुझसे बात करना आरंभ किया था, तब से लेकर आज तक मैंने तुझे जो-जो सन्देश दिए हैं, उन सब को लिख।
राजा ने चर्मपत्र लाने के लिए येहूदी को भेजा। सचिव एलीशामा के कमरे में येहूदी गया, और चर्मपत्र ले आया। उसने राजा को, तथा उस के पास खड़े उच्चाधिकारियों को चर्मपत्र पढ़ कर सुनाया।
अत: यिर्मयाह ने बारूक बेन-नेरियाह को बुलाया। यिर्मयाह ने प्रभु के सब वचन, जो उसने यिर्मयाह से कहे थे, बारूक को बोल कर लिखवाए। बारूक ने एक चर्मपत्र पर उन को लिख लिया।
तब सेनानायक मिस्पाह में गदल्याह के पास गए। उनके नाम इस प्रकार हैं: यिश्माएल बेन-नतन्याह, योहानान बेन-कारेह, सरायाह बेन-तन्हूमेत, नतोपा-वासी एपई के पुत्र, और याजन्याह, जो किसी माका-वासी का पुत्र था। ये सेना-नायक अपने-अपने सैन्य दल के साथ गए।
गदल्याह की हत्या के बाद यिश्माएल जिन लोगों को बन्दी बना कर मिस्पाह से ले जा रहा था, उनमें सैनिक, स्त्रियां, बच्चे, और खोजे थे। योहानान और उसके सेनानायक इन सबको गिबओन से वापस लाए।
वे कसदियों से डरते थे; क्योंकि यिश्माएल बेन-नतन्याह ने गदल्याह की हत्या की थी, जिसको बेबीलोन के राजा ने यहूदा प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था।
सफन्याह के पिता का नाम कूशी और दादा का नाम गदल्याह था। सफन्याह का परदादा अमर्याह था। सफन्याह के परदादा के पिता का नाम हिजकियाह था। प्रभु का सन्देश सफन्याह को यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य-काल में मिला।