29 देखो, जो नगर मेरे नाम से प्रसिद्ध है, उस का मैं अनिष्ट करनेवाला हूं, तो क्या तुम मेरे दण्ड से बच जाओगे? कदापि नहीं। तुम नहीं बच सकते। स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : मैं पृथ्वी के समस्त निवासियों को नष्ट करने के लिए शत्रु की तलवार को बुला रहा हूं।”
29 मैं अपने नाम पर पुकारे जाने वाले यरूशलेम नगर पर पहले ही बुरी विपत्तियाँ ढाने जा रहा हूँ। सम्भव है कि तुम लोग सोचो कि तुम्हें दण्ड नहीं मिलेगा। किन्तु तुम गलत सोच रहे हो। तुम्हें दण्ड मिलेगा। मैं पृथ्वी के सभी लोगों पर आक्रमण करने के लिये तलवार मंगाने जा रहा हूँ।’” यह सन्देश यहोवा का है।
29 देखो, जो नगर मेरा कहलाता है, मैं पहिले उसी में विपत्ति डालने लगूंगा, फिर क्या तुम लोग निर्दोष ठहर के बचोगे? तुम निर्दोष ठहर के न बचोगे, क्योंकि मैं पृथ्वी के सब रहने वालों पर तलवार चलाने पर हूँ, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी हे।
29 देखो, जो नगर मेरा कहलाता है, मैं पहले उसी में विपत्ति डालने लगूँगा, फिर क्या तुम लोग निर्दोष ठहरके बचोगे? तुम निर्दोष ठहरके न बचोगे, क्योंकि मैं पृथ्वी के सब रहनेवालों पर तलवार चलाने पर हूँ, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।’
29 क्योंकि यह देखना, इस नगर में जो मेरे नाम से प्रतिष्ठित हैं, मैं घोर संकट प्रारंभ करने पर हूं, कैसे संभव है कि तुम दंड से बचे रहोगे? तुम दंड से बच न सकोगे, क्योंकि मैंने सारी पृथ्वी के निवासियों के विरुद्ध तलवार का आह्वान किया हुआ है, यह सेनाओं के याहवेह की वाणी है.’
29 देखो, जो नगर मेरा कहलाता है, मैं पहले उसी में विपत्ति डालने लगूँगा, फिर क्या तुम लोग निर्दोष ठहरके बचोगे? तुम निर्दोष ठहरके न बचोगे, क्योंकि मैं पृथ्वी के सब रहनेवालों पर तलवार चलाने पर हूँ, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।’ (1 पत. 4:17)
तब तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना। जिस कार्य के लिए विदेशी तुझे पुकारेंगे, तू उस कार्य को करना। इस प्रकार तेरे निज लोग इस्राएलियों के समान पृथ्वी के सब लोग भी तेरे नाम को जानेंगे, और तेरी भक्ति करेंगे। उनको ज्ञात होगा कि यह भवन जो मैंने निर्मित किया है, तेरे नाम को समर्पित है।
जो मनुष्य गरीब का मजाक उड़ाता है, वह उसके सृजक परमेश्वर का उपहास करता है; जो मनुष्य दूसरे के दु:ख पर हंसता है, उसको परमेश्वर निस्सन्देह दण्ड देगा।
जब स्वामी सियोन पर्वत पर तथा यरूशलेम नगर में अपने सब कार्य समाप्त कर लेगा, तब वह असीरिया राष्ट्र को उसके अहंकारपूर्ण हृदय तथा घमण्ड से चढ़ी आंखों के लिए दण्ड देगा।
तब तू उनसे यह कहना, “प्रभु यों कहता है: देखो, मैं देश के सब निवासियों को शराब के नशे से मतवाला कर दूंगा। दाऊद के सिंहासन पर बैठनेवाला राजा, पुरोहित, नबी और यरूशलेम के सब नागरिक मेरी क्रोध रूपी मदिरा पीकर मतवाले हो जाएंगे।
तू उन से यह कहना : “ओ यहूदा प्रदेश के राजाओ और यरूशलेम के निवासियो, प्रभु का सन्देश सुनो। इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है; सुनो, मैं इस देश पर ऐसी विपत्ति ला रहा हूं कि उसके विषय में जो भी सुनेगा, उसका कलेजा दहल जाएगा।
मैं-प्रभु कहता हूं : मैं तुझे बचाने के लिए तेरे साथ हूँ। जिन राष्ट्रों में मैंने तुझ को बिखेर दिया था, उन-सब का मैं पूर्ण संहार कर दूंगा। मैं तेरा पूर्ण विनाश नहीं करूंगा, किन्तु तुझे उचित मात्रा में दण्ड दूंगा; निस्सन्देह मैं तुझको दण्ड दिए बिना नहीं छोड़ूंगा।
‘मैं-प्रभु, तुझसे कहता हूं, ओ मेरे सेवक याकूब, मत डर; क्योंकि मैं तेरे साथ हूं; जिन राष्ट्रों में मैंने तुझे खदेड़ दिया था, उन-सबका मैं पूर्ण संहार करूंगा; किन्तु मैं तेरा पूर्ण विनाश नहीं करूंगा। मैं तुझको दण्ड दूंगा, मैं तुझे बिना दण्ड दिए नहीं छोड़ूंगा, परन्तु मैं तुझे उचित परिमाण में दण्ड दूंगा।’
प्रभु यों कहता है : ‘देख, जिन राष्ट्रों का रक्त-सम्बन्ध इस्राएल से नहीं है, उनको भी मैंने दण्ड दिया; उन्होंने मेरे क्रोध की मदिरा पी, तो तू क्या दण्ड से बच जाएगा? ओ एदोम, तू मेरे दण्ड से नहीं बच सकता। तुझे मेरे क्रोध की मदिरा पीना पड़ेगी।
‘ओ मानव, यदि मैं उस अधर्मी देश पर उसके शत्रु द्वारा तलवार चलवाऊं, उसके शत्रु को यह आदेश दूं, “इस देश के निवासियों को एक छोर से दूसरे छोर तक तलवार से मौत के घाट उतार दे” और यों मैं वहां से मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट कर दूं;
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : मैं यरूशलेम नगर को दण्ड देने के लिए उस पर चार विपत्तियां भेजूंगा : शत्रु की तलवार, अकाल, खूंखार पशु और महामारी। ये चारों विपत्तियां वहां से मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट कर देंगी।
जवान, बूढ़े, कन्याएं, बच्चे, औरतें, उन सब का वध करो; किन्तु उन लोगों पर हाथ न उठाना जिनके माथे पर लिपिक ने चिह्न अंकित किया है। वध का काम मेरे पवित्र स्थान से आरम्भ करो।’ अत: जल्लादों ने वध का काम आरम्भ किया, और उन धर्मवृद्धों का वध कर दिया जो प्रभु के भवन के सामने थे।
‘इस्राएल, जैसा तूने मेरे पवित्र पर्वत पर मेरे क्रोध का प्याला पीया, वैसा ही तेरे चारों ओर के राष्ट्र पियेंगे, वे पियेंगे, और लड़खड़ा कर गिरेंगे। उनका अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा।
‘ओ मेरी तलवार, जाग! मेरे चरवाहे पर, मेरे समीप खड़े हुए व्यक्ति पर प्रहार कर!’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यों कहा है: ‘चरवाहे पर प्रहार कर, जिससे भेड़ें तितर-बितर हो जाएं। मैं भेड़ों के बच्चों पर हाथ उठाऊंगा।’
क्योंकि न्याय का समय प्रारम्भ हो गया है और यह स्वयं परमेश्वर के परिवार से प्रारम्भ हो रहा है। यदि वह इस प्रकार हम से प्रारम्भ हो रहा है, तो अन्त में उन लोगों का क्या होगा, जो परमेश्वर के शुभ समाचार में विश्वास करना नहीं चाहते?