31 जो निर्देश वेदी के सम्बन्ध में प्रभु के सेवक मूसा ने इस्राएली समाज को दिया था, और जैसा मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा भी है कि ‘वेदी के अनगढ़े पत्थरों को लोहे के औजार से तराश कर मत बनाना’ उस निर्देश के अनुसार यहोशुअ ने वेदी निर्मित की। उसके बाद इस्राएली समाज ने वेदी पर प्रभु को अग्नि-बलि अर्पित की, और सहभागिता-बलि चढ़ाई।
31 यहोवा के सेवक मूसा ने इस्राएल के लोगों को बताया था कि वेदियाँ कैसे बनाई जायें। इसलिए याहोशू ने वेदी को वैसे ही बनाया जैसा मूसा के व्यवस्था की किताब में समझाया गया था। वेदी बिना कटे पत्थरों से बनी थी। उन पत्थरों पर कभी किसी औजार का उपयोग नहीं हुआ था। उन्होंने उस वेदी पर यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाई।
31 जैसा यहोवा के दास मूसा ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी, और जैसा मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा है, उसने समूचे पत्थरों की एक वेदी बनवाई जिस पर औजार नहीं चलाया गया था। और उस पर उन्होंने यहोवा के लिये होम-बलि चढ़ाए, और मेलबलि किए।
31 जैसा यहोवा के दास मूसा ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी, और जैसा मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा है, उसने समूचे पत्थरों की एक वेदी बनवाई जिस पर औज़ार नहीं चलाया गया था। और उस पर उन्होंने यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाए, और मेलबलि किए।
31 जैसा यहोवा के दास मूसा ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी, और जैसा मूसा की व्यवस्था की पुस्तक में लिखा है, उसने समूचे पत्थरों की एक वेदी बनवाई जिस पर औज़ार नहीं चलाया गया था। और उस पर उन्होंने यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाए, और मेलबलि किए।
परन्तु उसने प्रभु की आज्ञा के अनुसार, जो मूसा के व्यवस्था-ग्रन्थ में लिखी है, उन हत्यारों के पुत्रों का वध नहीं किया। प्रभु ने यह आज्ञा दी थी : ‘पुत्रों के पाप के लिए पिता को मृत्यु-दण्ड नहीं दिया जाएगा, और न पिता के पाप के लिए पुत्रों को मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को उसके ही पाप के लिए मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।’
महापुरोहित हिल्कियाह ने महासहायक शाफान को यह बताया, ‘मुझे प्रभु-भवन में “व्यवस्था-ग्रन्थ” मिला है।’ हिल्कियाह ने व्यवस्था-ग्रन्थ शाफान को दिया। शाफान ने उसको पढ़ा।
प्रभु की आज्ञा के अनुसार, जो मूसा के व्यवस्था-ग्रन्थ में लिखी है, उसने उन हत्यारों के पुत्रों का वध नहीं किया। प्रभु ने यह आज्ञा दी थी : ‘पुत्रों के पाप के लिए पिता को मृत्यु-दण्ड नहीं दिया जाएगा, और न पिता के पाप के लिए पुत्रों को मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को उसके ही पाप के लिए मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।’
उन्होंने अग्नि-बलि में चढ़ाए जाने वाले पशुओं को अलग कर दिया, और पितृकुलों के अनुसार भिन्न-भिन्न दलों में उनको बांट दिया, ताकि जनसाधारण उनको प्रभु के लिए चढ़ा दे; जैसा मूसा के व्यवस्था-ग्रंथ में लिखा है। उन्होंने बछड़ों के साथ भी ऐसा ही किया।
उन्होंने यरूशलेम में निर्मित परमेश्वर के भवन में आराधना-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों की पारी और उपपुरोहितों के दल की व्यवस्था की, जैसा मूसा के ग्रन्थ में लिखा हुआ है।
उसी दिन लोगों के सम्मुख मूसा के व्यवस्था-ग्रन्थ में से पाठ किया गया। उसमें यह लिखा हुआ मिला : ‘तुम अम्मोनी और मोआबी कौम के किसी भी व्यक्ति को परमेश्वर की धर्म-सभा में कभी प्रवेश नहीं करने देना;
तत्पश्चात् मूसा के ससुर यित्रो ने परमेश्वर को अग्नि-बलि एवं पशु-बलि चढ़ाई। हारून तथा इस्राएल के सब धर्मवृद्ध मूसा के ससुर के साथ परमेश्वर के सम्मुख रोटी खाने आए।
जिस दिन तुम यर्दन नदी को पार कर उस देश में प्रवेश करोगे, जो तुम्हारा प्रभु परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहा है, तब तुम ऊंचे-ऊंचे पत्थर गाड़ना, और उनको चूने से पोत देना।
इस व्यवस्था-ग्रन्थ के शब्द तेरे मुंह से कभी अलग न हों। तू रात-दिन उसका पाठ करना, ताकि तू उसमें लिखी हुई सब बातों का पालन कर सके और उनके अनुसार कार्य कर सके। तब तू अपने मार्ग पर उन्नति करेगा, तू अपने कार्य में सफल होगा।