18 उन्होंने जब उस देश में लोगों की हत्या की तो उन्होंने धरती पर खून फैलाया। उन्होंने अपनी देवमूर्तियों से देश को गन्दा किया। अत: मैंने उन्हें दिखाया कि मैं कितना क्रोधित था।
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से, इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के बचे हुए लोगों की ओर से, इस धर्म-पुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महा-क्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने प्रभु का वचन नहीं माना। उन्होंने धर्म-पुस्तक में लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
इन लोगों ने मुझे त्याग दिया और अन्य जातियों के देवताओं की मूर्तियों के सम्मुख सुगंधित धूप-द्रव्य जलाया। इन्होंने अपने हाथों से देवताओं की मूर्तियां बनाकर मेरे क्रोध को भड़काया है। अत: मेरी क्रोधाग्नि इस स्थान के प्रति भड़केगी, और वह कभी नहीं बुझेगी।”
परन्तु यहूदा प्रदेश के राजा से, जिसने तुम्हें मेरी इच्छा जानने के लिए भेजा है, यह कहना : इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : जो वचन तूने धर्म-पुस्तक से सुने हैं, उनके विषय में मेरी यह वाणी है।
अत: उसने इस्राएली राष्ट्र पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा की, युद्ध का आतंक फैलाया। विनाश की आग से इस्राएली राष्ट्र चारों ओर से घिर गया, पर उसने उसको नहीं समझा, कि यह क्यों हुआ। आग ने उसको झुलसा दिया, पर वह नहीं चेता।
अत: उनके अधर्म और पाप का दो गुना दण्ड मैं उनको सौंप दूंगा। उन्होंने अपने देवी-देवताओं की घृणित लोथों से मेरे देश को भ्रष्ट कर दिया है। उन्होंने मेरे निजी भूमि-क्षेत्र को घृण्य मूर्तियों से भर दिया है।’
अत: मैंने उन पर क्रोध और प्रकोप उण्डेल दिया। मैंने यहूदा प्रदेश के नगरों और यरूशलेम के गली-कूचों को अपनी क्रोधाग्नि से भस्म कर दिया। वे उजाड़ और निर्जन हो गए, और आज तक वैसे ही उजाड़ और निर्जन पड़े हैं।
इसलिए मैं-प्रभु स्वामी कहता हूं: इस स्थान पर, मनुष्य और पशु पर, मैदान के वृक्षों और भूमि की उपज पर मैं अपनी क्रोधाग्नि उण्डेलूंगा। वह सदा जलती रहेगी, और कभी न बुझेगी।’
उसने शत्रु के सदृश धनुष चढ़ाया; उसने बैरी के समान हाथ बढ़ाया; और सियोन की पुत्री के तम्बू में हमारी आंखों में प्रिय लोगों को मार डाला। उसने अग्नि के सदृश अपने क्रोध की मदिरा उण्डेल दी।
‘ओ मानव, यदि मैं उस अधर्मी देश के मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट करने के लिए उस पर महामारी का प्रकोप रूपी प्याला उण्डेलूं, क्रोध में आकर वहां खून की नदियां बहाऊं,
मैं अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा तुझ पर करूंगा, मैं तुझे अपने क्रोध से भस्म कर दूंगा। मैं तुझ को उन लोगों के हाथ में सौंप दूंगा, जो खून करने में हिचकते नहीं, जो हत्या करने वाले कुशल सैनिक हैं।
जैसे सुनार चाँदी, पीतल, लोहा, रांगा और सीसे का मैल साफ करने के लिए उनको भट्टी में डालता है; धातु पिघलाने के लिए वह धोंकनी से आग धधकाता है, उसी प्रकार मैं अपनी क्रोधाग्नि तुम पर भड़काऊंगा, और तुम्हें एकत्र करूंगा। मैं तुम्हें भट्टी में झोंक दूंगा, और तुम्हें गला दूंगा।
जैसे भट्टी में चांदी गल जाती है वैसे ही तुम भी उसके अन्दर गल जाओगे। तब तुम्हें अनुभव होगा कि मैंने, तुम्हारे प्रभु ने तुम पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा की है।’
उन्होंने व्यभिचार का कुकर्म किया है: उन्होंने मेरी आराधना न कर अन्य देवताओं की पूजा की है, और उनको प्रसन्न करने के लिए मुझसे उत्पन्न अपने पुत्रों की बलि चढ़ाई है। उनके हाथों में खून लगा है।
इसलिए तू उनसे यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : जिन कामों को न करने का मैंने तुम्हें आदेश दिया था, वही तुम करते हो: तुम रक्त के साथ मांस खाते हो। तुम सहायता के लिए देवी-देवताओं की मूर्तियों की ओर दृष्टि करते हो। तुम हत्या करते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर कब्जा कर सकोगे?
इस्राएल के पड़ोसी राष्ट्र भी यह जान लेंगे कि इस्राएल के वंशज अपने अधर्म के कारण अपने देश से निष्कासित हुए थे, और बन्दी होकर विदेश गए थे। उन्होंने अपने प्रभु परमेश्वर से विश्वासघात किया था। अत: उसने उनसे मुंह फेर लिया, और उनको उनके बैरियों के हाथ में सौंप दिया था। उनके बैरियों ने उनको तलवार से मौत के घाट उतारा था।
‘अब, मैं तुझ पर अपना क्रोध उण्डेलूंगा, तेरे प्रति अपनी क्रोधाग्नि भड़काऊंगा। तेरे आचरण के अनुरूप तेरा न्याय करूंगा और तेरे घृणित कार्यों के लिए तुझे दण्ड दूंगा।
प्रभु के क्रोध के सम्मुख कौन खड़ा रह सकता है? उसकी क्रोधाग्नि को कौन सह सकता है? उसका कोप अग्नि की तरह बरसता है, और प्रभु के सामने चट्टानें फूट जाती हैं।
तो उसे परमेश्वर के क्रोध की मदिरा पिलायी जायेगी, जो बिना मिलावट के, उसके क्रोध के प्याले में ढाली गयी है। और वह पवित्र स्वर्गदूतों और मेमने के सामने आग और गन्धक की यन्त्रणा भोगेगा।