18 ‘ओ मानव, बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर देश को पराजित करने के लिए एड़ी-चोटी तक पसीना बहाया: उसके सैनिकों के सिर गंजे हो गए, उनके कंधों की चमड़ी छिल गई। किन्तु न उसे और न उसके सैनिकों को अपने इस कठोर परिश्रम की मजदूरी सोर देश से प्राप्त हुई।
18 “मनुष्य के पुत्र, बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर के विरुद्ध अपनी सेना को भीषण युद्ध में लगाया। उन्होंनेहर एक सैनिक के बाल कटवा दिये। भारी वजन ढोने के कारण हर एक कंधा रगड़ से नंगा हो गया। नबूकदनेस्सर और उसकी सेना ने सोर को हराने के लिये कठिन प्रयत्न किया। किन्तु वे उन कठिन प्रयत्नों से कुछ पा न सके।”
18 हे मनुष्य के सन्तान, बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर के घेरने में अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर चन्दला हो गया, और हर एक के कन्धों का चमड़ा उड़ गया; तौभी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मज़दूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को।
18 “हे मनुष्य के सन्तान, बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर को घेरने में अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर गंजा हो गया, और हर एक के कन्धों का चमड़ा छिल गया; तौभी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मज़दूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को।
18 “हे मनुष्य के पुत्र, बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने अपनी सेना से सोर के विरुद्ध एक कठोर सैनिक अभियान करवाया; हर एक का सिर गंजा हो गया और हर एक का कंधा छिल गया. फिर भी उसे और उसकी सेना को सोर के विरुद्ध किए गए सैनिक अभियान से कोई फायदा नहीं हुआ.
18 “हे मनुष्य के सन्तान, बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर के घेरने में अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर गंजा हो गया, और हर एक के कंधों का चमड़ा छिल गया; तो भी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मजदूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को।
इसलिए मैं उत्तर दिशा में रहनेवाले कबीलों को तथा बेबीलोन के राजा, अपने सेवक नबूकदनेस्सर को भेजूंगा। मैं इस देश पर, इस देश के निवासियों पर तथा इस देश के आसपास के सब राष्ट्रों पर कबीलों तथा नबूकदनेस्सर से आक्रमण कराऊंगा। मैं इन सब को पूर्णत: नष्ट कर दूंगा, और इनको आतंक का कारण बना दूंगा। ये सदा के लिए उजड़ जाएंगे और इनको देखकर अन्य कौमों के लोग व्याकुल हो जाएंगे।
सुनो, मैंने पृथ्वी के ये सब देश बेबीलोन के राजा अपने सेवक नबूकदनेस्सर के हाथ में सौंप दिए हैं। मैंने धरती के पशुओं को भी उस के अधीन कर दिया है, कि वे उस की सेवा करें।
उन्होंने तेरे विनाश के कारण अपना सिर मुंड़ा लिया है; और मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए कमर में टाट का वस्त्र पहिना है। वे शोक-संतप्त हृदय से तेरे लिए रो रहे हैं; वे छाती पीट-पीटकर शोक मना रहे हैं।