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यहूदा 1:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 ये आपके प्रीति-भोजों के लिए कलंक-जैसे हैं, जहाँ वे बिना किसी श्रद्धा के खाते-पीते हैं। ये अपने ही भरण-पोषण को ध्‍यान में रखते हैं। ये पवन द्वारा उड़ाये हुए जलहीन बादल हैं। ये ऐसे वृक्ष हैं, जो फसल के समय पर फल नहीं देते, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखाड़े गये हैं।

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पवित्र बाइबल

12 ये लोग तुम्हारे प्रीति-भोजों में उन छुपी हुई चट्टानों के समान हैं जो घातक हैं। ये लोग निर्भयता के साथ तुम्हारे संग खाते-पीते हैं किन्तु उन्हें केवल अपने स्वार्थ की ही चिंता रहती है। वे बिना जल के बादल हैं। वे पतझड़ के ऐसे पेड़ हैं जिन पर फल नहीं होता। वे दोहरे मरे हुए हैं। उन्हें उखाड़ा जा चुका है।

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Hindi Holy Bible

12 यह तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते-पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरने वाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं; जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं; और जड़ से उखड़ गए हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 ये तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते–पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरनेवाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं, जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं, और जड़ से उखड़ गए हैं;

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नवीन हिंदी बाइबल

12 ये जो तुम्हारे प्रीति-भोजों में तुम्हारे साथ निडर होकर खाते-पीते हैं; वे कलंक के समान हैं और अपना ही ध्यान रखते हैं। ये निर्जल बादल हैं जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है। ये पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं जो दो बार सूखकर जड़ से उखाड़े गए हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 ये लोग समुद्र में छिपी हुई विनाशकारी चट्टानें हैं, जो तुम्हारे प्रेम-भोजों में प्रेम जताते हुए सिर्फ अपनी संतुष्टि के लिए बेशर्म हो भाग लेते हैं. ये निर्जल बादल हैं जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है. यह शरद ऋतु के फलहीन और जड़ से गिरे हुए पेड़ हैं, जिनकी दोहरी मृत्यु हुई है.

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यहूदा 1:12
35 क्रॉस रेफरेंस  

तो मैं तुमको इस देश से, जो मैंने तुम्‍हें प्रदान किया है, निकाल दूंगा। जिस भवन को मैंने अपने नाम के लिए पवित्र किया है, उसको अपनी आंखों से दूर कर दूंगा। तुम विश्‍व की जातियों के मध्‍य निन्‍दा और उपहास के पात्र बन जाओगे।


उसकी जड़ें पत्‍थरों के ढेर में भी घुस जाती हैं; वह चट्टानों के मध्‍य पनपता है।


वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्‍य करता है, वह सफल होता है।


वे घास के सदृश अविलम्‍ब काटे जायेंगे। वे हरी शाक के समान मुरझा जाएंगे।


जो मनुष्‍य दान देने की शेखी मारता है, पर दान देता नहीं, वह उस हवा और उन बादलों के समान है, जो गरजते हैं, पर बरसते नहीं।


किन्‍तु स्‍वामी-प्रभु कहता है, क्‍या यह बेल फूलेगी-फलेगी? कदापि नहीं! क्‍या उसको जड़-मूल से नहीं उखाड़ा जाएगा? वह उसकी शाखाएं काट कर आग में झोंक देगा, और यों उसकी हरी-हरी पत्तियां सूख जाएंगी। बेल को जड़ से उखाड़ने के लिए अधिक बल की जरूरत नहीं पड़ेगी, और न ही अनेक लोगों की आवश्‍यकता होगी।


मैं, स्‍वामी-प्रभु यों कहता हूं: देखो, मैं तुम-चरवाहों के विरुद्ध हूँ। मैं तुमसे अपनी भेड़ों का हिसाब लूंगा। मैं अपनी भेड़ों को चराने की जिम्‍मेदारी तुमसे वापस ले लूंगा, और तुम उनको फिर न चरा सकोगे। मैं तुम को पेट भर खाना न दूंगा। मैं तुम्‍हारे मुंह से अपनी भेड़ों को छुड़ाऊंगा। वे फिर तुम्‍हारा आहार न बनेंगी।


क्‍या यह उचित बात है कि तुम हरे-भरे चरागाह को चर लो और पेट भरने के बाद शेष चरागाह को अपने पैरों से रौंद दो? स्‍वच्‍छ जल को पीने के बाद पैरों से उसको गंदला कर दो? क्‍या तुम्‍हारा यह कार्य ठीक है?


‘ओ मानव! इस्राएल देश के राजाओं-नेताओं के विरुद्ध नबूवत कर। उनसे तू यह कहना, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : ओ इस्राएल देश के चरवाहो, तुम अपनी भेड़ों की चिन्‍ता न कर स्‍वयं का पेट भर रहे हो। क्‍या चरवाहा पहले अपनी भेड़ों का पेट नहीं भरता है?


मुझे अपने जीवन की सौगन्‍ध है! मेरी भेड़ों को शिकारियों ने मार डाला। वे जंगली पशुओं का आहार बन गईं; क्‍योंकि उनकी देखभाल करनेवाला चरवाहा नहीं था। मैंने जिनको उन का चरवाहा नियुक्‍त किया था, उन चरवाहों ने भी भेड़ों की खोज-खबर नहीं ली। उन्‍होंने उनको चराया नहीं, बल्‍कि अपना ही पेट भरा।


प्रभु यह कहता है : ओ एफ्रइम, मैं तेरे साथ कैसा व्‍यवहार करूं? ओ यहूदा, मैं तेरे साथ क्‍या करूं? मेरे प्रति तेरा प्रेम सबेरे के बादल के समान भाप बनकर उड़नेवाली ओस की बूंद के सदृश क्षणभंगुर है।


‘यदि रोग पत्‍थरों के निकाल लेने, घर को खुरचने तथा लिपाई-पुताई के पश्‍चात् भी घर में पुन: फूटता है


सूरज चढ़ने पर वे झुलस गये और जड़ न पकड़ने के कारण सूख गये।


येशु ने उत्तर दिया, “जो पौधा मेरे स्‍वर्गिक पिता ने नहीं रोपा है, वह उखाड़ा जाएगा।


जब सूरज चढ़ने लगा, तो वे झुलस गये और जड़ न पकड़ने के कारण सूख गये।


परन्‍तु यदि वह सेवक अपने मन में कहे, ‘मेरा स्‍वामी आने में देर कर रहा है’ और वह दास-दासियों को पीटने, खाने-पीने और नशेबाजी करने लगे,


“एक धनवान मनुष्‍य था। वह राजसी बैंगनी वस्‍त्र और मलमल पहनता था, और प्रतिदिन दावत उड़ाया करता था।


“अपने विषय में सावधान रहो। कहीं ऐसा न हो कि भोग-विलास, नशे और इस संसार की चिन्‍ताओं से तुम्‍हारा मन कुण्‍ठित हो जाए और वह दिन फन्‍दे की तरह अचानक तुम पर आ गिरे;


कुछ बीज पथरीली भूमि पर गिरे। वे उगते ही नमी के अभाव में झुलस गये।


इस प्रकार हम बालक नहीं बने रहेंगे और भ्रम में डालने के उद्देश्‍य से निर्मित धूर्त्त मनुष्‍यों के प्रत्‍येक सिद्धान्‍त के झोंके से विचलित हो कर बहकाये नहीं जायेंगे।


उन लोगों का अन्‍त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्‍वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्‍जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्‍तुओं में लगा हुआ है।


किन्‍तु जो भोग-विलास का जीवन बिताती है, वह जीते हुए भी मर चुकी है।


नाना प्रकार के अनोखे सिद्धान्‍तों के फेर में नहीं पड़ें। उत्तम यह है कि हमारा मन भोजन से नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर की कृपा से बल प्राप्‍त करे। भोजन-सम्‍बन्‍धी निषेध-विधियों का पालन करने वालों को इन से लाभ नहीं हुआ।


तुम लोगों ने पृथ्‍वी पर सुख और भोग-विलास का जीवन बिताया है और वध के दिन के लिए अपने को हृष्‍ट-पुष्‍ट बना लिया है।


हमारे पर का पालन करें:

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