तेरे निज लोग, इस्राएली राष्ट्र के समान पृथ्वी पर और कौन राष्ट्र है? हे परमेश्वर, तू स्वयं उनको मुक्त करने के लिए गया था। तूने स्वयं एक नाम धारण किया था। तूने उनके हितार्थ महान् और आतंकपूर्ण कार्य किए थे। तूने अपने निज लोगों के सम्मुख से, जिन्हें तूने अपने लिए मिस्र देश से मुक्त किया था, अनेक राष्ट्रों और उनके देवताओं को भगाया था।
तब परमेश्वर, तेरी उपस्थिति से भूमि कांपने लगी और आकाश बरसने लगा था। यह सीनय पर्वत भी, परमेश्वर, इस्राएल के परमेश्वर की उपस्थिति से थर्राने लगा था।
प्रभु ने कहा, ‘देख, मैं विधान स्थापित करता हूँ। मैं तेरे सब लोगों के सामने ऐसे आश्चर्यपूर्ण कर्म करूँगा, जो समस्त पृथ्वी पर, सारे राष्ट्रों में कभी नहीं किए गए। जिन लोगों के मध्य में तू है, वे सब प्रभु के कार्य को देखेंगे। वह आतंकमय कार्य है, जिसे मैं तेरे लिए करूँगा।
अत: प्रभु का क्रोध अपने लोगों के विरुद्ध भड़क उठा। उसने उन पर हाथ उठाया, और उन पर प्रहार किया। पहाड़ हिल उठे। उनकी लाशें कूड़ा-कचरा-सी सड़कों पर बिछ गईं। इस विनाश के बाद भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ, और प्रहार के निमित्त उसका हाथ उठा रहा।
जैसा तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने मिस्र देश में तुम्हारी आंखों के सम्मुख किया था, क्या वैसा किसी अन्य ईश्वर ने आकर परीक्षाओं, चिह्नों, आश्चर्यपूर्ण कर्मों, युद्ध, भुजबल, महा आतंकमय कार्यों और उद्धार के हेतु फैले हुए हाथों से किसी राष्ट्र को अपने लिए, दूसरे राष्ट्रों के मध्य से चुनने का साहसिक कार्य किया है?