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यशायाह 53:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 यह प्रभु की इच्‍छा थी कि वह मार सहे, प्रभु ने उसे दु:ख से पीड़ित किया। जब वह पाप-बलि के लिए अपना प्राण अर्पित करता है, तब वह अपने वंश को देखेगा; वह दीर्घायु प्राप्‍त करेगा। उसके हाथ से प्रभु की इच्‍छा सफल होगी।

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पवित्र बाइबल

10 यहोवा ने उसे कुचल डालने का निश्चय किया। यहोवा ने निश्चय किया कि वह यातनाएँ झेले। सो सेवक ने अपना प्राण त्यागने को खुद को सौंप दिया। किन्तु वह एक नया जीवन अनन्त—अनन्त काल तक के लिये पायेगा। वह अपने लोगों को देखेगा। यहोवा उससे जो करना चाहता है, वह उन बातों को पूरा करेगा।

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Hindi Holy Bible

10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब वह अपना प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 तो भी याहवेह को यही अच्छा लगा की उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया, ताकि वह अपने आपको पाप बलिदान के रूप में अर्पित करें, तब वह अपने वंश को देख पायेंगे और वह बहुत दिन जीवित रहेंगे, तथा इससे याहवेह की इच्छा पूरी होगी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

10 तो भी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब वह अपना प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।

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यशायाह 53:10
62 क्रॉस रेफरेंस  

जब आप युद्ध में विजय प्राप्‍त करते हैं, तब आपकी प्रजा स्‍वेच्‍छा से स्‍वयं को अर्पित करती है। आप पवित्रता से सुशोभित हैं। उषा कल के गर्भ से ओस की बूंद के सदृश तरुणाई आपको प्राप्‍त होती है।


पर वह अपने भक्‍तों से, उसकी करुणा की प्रतीक्षा करनेवालों से प्रसन्न होता है।


प्रभु अपनी प्रजा से प्रसन्न है। वह पीड़ित व्यक्‍ति को विजय से विभूषित करता है।


वह तुझ से जीवन माँगता है, और तू उसे देता है, युग-युगांत तक दीर्घ जीवन।


भावी सन्‍तान प्रभु की सेवा करेगी; लोग भावी पीढ़ी को स्‍वामी के विषय में बताएँगे;


उसके उद्धार की घोषणा आगामी सन्‍तान से करेंगे, कि प्रभु ने उसे पूर्ण किया है।


ऐसे मनुष्‍य उस व्यक्‍ति का पीछा करते हैं, जिसे तूने मारा है; वे उन लोगों की पीड़ा की चर्चा करते हैं, जिन्‍हें तूने घात किया है।


उसका नाम सदा बना रहे; जबतक सूर्य है, तब तक उसका वंश राज्‍य करे। लोग उसके कारण स्‍वयं को धन्‍य मानें, समस्‍त राष्‍ट्र उसको धन्‍य कहें।


उसके राज्‍यकाल में धार्मिक फलें-फूलें; जब तक चन्‍द्रमा न टल जाए, असीम शान्‍ति बनी रहे।


मैं उसके वंश को युगान्‍त तक, उसके सिंहासन को स्‍वर्ग के दिन के समान स्‍थायी बनाए रखूंगा।


उसका वंश सदा चलता रहेगा उसका सिंहासन मेरे सामने सूर्य जैसा चमकता रहेगा।


यह है मेरा सेवक! इसको मैं सम्‍भाले हुए हूं। यह मेरा मनोनीत है! इससे मैं प्रसन्न हूं। मैंने इसको अपना आत्‍मा प्रदान किया है, जिससे वह राष्‍ट्रों में न्‍याय की स्‍थापना करे।


मैं आदिकाल से ही अन्‍त की बातें बताता आया हूं, मैंने प्राचीनकाल में ही भविष्‍य की घटनाएं घोषित कर दी हैं। मैंने यह कहा है: ‘मेरे संकल्‍प अटल हैं, मैं अपने समस्‍त अभिप्रायों को निस्‍सन्‍देह पूर्ण करूंगा।’


परन्‍तु मैंने कहा, ‘मैंने व्‍यर्थ परिश्रम किया, मैंने अपनी शक्‍ति निस्‍सार-कार्य में बर्बाद की। तो भी मेरा न्‍याय प्रभु के हाथ में है, मेरा परमेश्‍वर ही मुझे प्रतिफल देगा।”


अत: मैं महान व्यक्‍तियों के साथ उसका भाग बांटूंगा, और वह बलवानों के साथ “लूट” बांटेगा। उसने मृत्‍यु की वेदी पर अपना प्राण अर्पित कर दिया; और वह अपराधियों के साथ गिना गया। फिर भी उसने अनेक लोगों के पाप का बोझ उठाया, और अपराधियों के लिए प्रार्थना की।’


क्‍योंकि अब तू दाएं-बाएँ फैलेगी, तेरे वंशज राष्‍ट्रों पर अधिकार करेंगे, वे उजाड़ नगरों को आबाद करेंगे।


उनके वंशज राष्‍ट्रों में विख्‍यात होंगे; और उनके वंशजों की सन्‍तान कौमों में प्रसिद्ध होगी। उनको देखनेवाले यह स्‍वीकार करेंगे कि निस्‍सन्‍देह ये वे लोग हैं, जिनको प्रभु ने आशिष दी है।’


प्रभु यह कहता है; ‘जिस प्रकार नया आकाश और नई पृथ्‍वी, जो मैं बनानेवाला हूं, मेरे सम्‍मुख स्‍थिर रहेंगे, उसी प्रकार तुम्‍हारे वंशज और तुम्‍हारा नाम स्‍थिर रहेंगे।


उसकी राज्‍य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्‍याणकारी कार्यों का अन्‍त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्‍य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्‍याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्‍भालेगा। स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्‍साह यह कार्य पूर्ण करेगा!


‘उनकी भलाई करने में मुझे सदा आनन्‍द आएगा, और मैं अपने सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से, पूर्ण सच्‍चाई से इस देश में उनको रोपूंगा।


ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्‍वयं स्‍वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्‍ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्‍यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्‍तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्‍यों मरना चाहते हो?”


जो देश मैंने अपने सेवक याकूब को दिया था, वहां वे अपने पूर्वजों के देश में पुन: निवास करेंगे। वे और उनके वंशज, पीढ़ी से पीढ़ी तक वहीं स्‍थायी रूप से रहेंगे; और मेरे सेवक दाऊद के वंशज युग-युगांतर उनके प्रशासक होंगे।


“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्‍ताह निश्‍चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्‍यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्‍त हो जाएँगे, पाप का अन्‍त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्‍चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्‍वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्‍य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्‍यंजित किया जाएगा।


हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्‍वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्‍योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।


तेरा प्रभु परमेश्‍वर तेरे मध्‍य में विराजमान है। वह महायोद्धा है। वही विजय प्रदान करता है। वह तुझसे प्रसन्न होगा, आनन्‍दित होगा। वह अपने प्रेम में तुझे पुन: संजीव करेगा। तुझे आनन्‍दित देख, उत्‍सव के दिन की तरह वह आनन्‍द-विभोर हो उठेगा।’ प्रभु कहता है, ‘मैं तुझसे विनाश को दूर करूंगा, जिससे तुझे उसके कारण अपमान न सहना पड़े।


‘ओ मेरी तलवार, जाग! मेरे चरवाहे पर, मेरे समीप खड़े हुए व्यक्‍ति पर प्रहार कर!’ स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यों कहा है: ‘चरवाहे पर प्रहार कर, जिससे भेड़ें तितर-बितर हो जाएं। मैं भेड़ों के बच्‍चों पर हाथ उठाऊंगा।’


अग्‍नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;


वह बोल ही रहा था कि उन सब पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्‍यन्‍त प्रसन्न हूँ। इसकी बात सुनो।”


और देखो, स्‍वर्ग से वह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्‍यन्‍त प्रसन्न हूँ।”


वह याकूब के वंश पर सदा-सर्वदा राज्‍य करेगा और उसके राज्‍य का अन्‍त कभी नहीं होगा।”


दूसरे दिन योहन ने येशु को अपनी ओर आते देखा और कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो संसार का पाप हरता है।


मैं तुम से सच-सच कहता हूँ− जब तक गेहूँ का दाना मिट्टी में गिर कर नहीं मर जाता, तब तक वह अकेला ही रहता है; परन्‍तु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है।


यदि उसके द्वारा परमेश्‍वर की महिमा हुई, तो परमेश्‍वर भी उसे अपने में महिमान्‍वित करेगा और वह शीघ्र ही उसे महिमान्‍वित करेगा।


क्‍योंकि हम जानते हैं कि मसीह मृतकों में से जी उठने के बाद फिर कभी नहीं मरेंगे। अब मृत्‍यु का उन पर कोई वश नहीं।


उसने अपने निजी पुत्र को भी नहीं बचाया, उसने हम सब के लिए उसे समर्पित कर दिया। तो, इतना देने के बाद, क्‍या वह हमें अपने पुत्र के साथ सब कुछ नहीं देगा?


जो लोग शारीरिक स्‍वभाव के वश में हैं, वे परमेश्‍वर को प्रसन्न नहीं कर सकते।


मसीह, जो आप से अपरिचित ही थे, उनको परमेश्‍वर ने हमारे लिए पाप बना दिया, जिससे हम उनके द्वारा परमेश्‍वर की धार्मिकता प्राप्‍त कर सकें।


मसीह हमारे लिए शापित हुये और इस तरह उन्‍होंने हम को व्‍यवस्‍था के अभिशाप से मुक्‍त किया; क्‍योंकि लिखा है: “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है, वह शापित है।”


उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम येशु मसीह द्वारा उसकी दत्तक संतान बनें। यह परमेश्‍वर की मंगलमय इच्‍छा से हुआ


अपनी उस मंगलमय इच्‍छा के अनुसार, जो उसने मसीह में पहले से ही निर्धारित की, परमेश्‍वर समय पूरा होने पर ऐसा प्रबंध करेगा कि वह सब कुछ, जो स्‍वर्ग तथा पृथ्‍वी में है, मसीह की अध्‍यक्षता में संयुक्‍त कर देगा। उसने अपने संकल्‍प का यह रहस्‍य हम पर प्रकट किया है।


आप प्रेम के मार्ग पर चलें, जिस तरह मसीह ने हम लोगों से प्रेम किया और सुगन्‍धित भेंट तथा बलि के रूप में परमेश्‍वर के प्रति अपने को हमारे लिए अर्पित कर दिया।


अत: हम निरन्‍तर आप लोगों के लिए यह प्रार्थना करते हैं हमारा परमेश्‍वर आप को अपने बुलावे के योग्‍य बना दे और आपकी प्रत्‍येक सद्इच्‍छा तथा विश्‍वास से किया हुआ आपका प्रत्‍येक कार्य अपने सामर्थ्य से पूर्णता तक पहुँचा दे।


फिर, “मैं तुझ-परमेश्‍वर पर पूरा भरोसा रखूँगा”; और फिर, “मैं और वह सन्‍तति, जिसे परमेश्‍वर ने मुझे दिया है, हम प्रस्‍तुत हैं।”


अन्‍य महापुरोहित पहले अपने पापों और बाद में प्रजा के पापों के लिए प्रतिदिन बलि चढ़ाया करते हैं। येशु को इसकी आवश्‍यकता नहीं होती, क्‍योंकि उन्‍होंने यह कार्य सदा के लिए एक ही बार में पूरा कर लिया जब उन्‍होंने अपने को बलि चढ़ाया।


तो फिर मसीह का रक्‍त, जिन्‍होंने अपने आपको शाश्‍वत आत्‍मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्‍वर को अर्पित किया, हमारे अन्‍त:करण को मृत कर्मों से क्‍यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्‍त परमेश्‍वर की सेवा के योग्‍य क्‍यों नहीं बनायेगा?


वह अपने शरीर में हमारे पापों को क्रूस के काठ पर ले गये, जिससे हम पाप के लिए मृत हो कर धार्मिकता के लिए जीने लगें। आप उनके घावों द्वारा स्‍वस्‍थ हो गये हैं।


जीवन का स्रोत मैं हूँ। मैं मर गया था और देखो, मैं युगानुयुग तक जीवित रहूँगा। मृत्‍यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे पास हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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