20 सो अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा। अब कृपा करके अश्शूर के राजा की शक्ति से हमारी रक्षा कर। ताकि धरती के सभी राज्यों को भी पता चल जाये कि तू यहोवा है और तू ही हमारा एकमात्र परमेश्वर है!”
तब तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना। जिस कार्य के लिए विदेशी तुझे पुकारेंगे, तू उस कार्य को करना। इस प्रकार तेरे निज लोग इस्राएलियों के समान पृथ्वी के सब लोग भी तेरे नाम को जानेंगे, और तेरी भक्ति करेंगे। उनको ज्ञात होगा कि यह भवन जो मैंने निर्मित किया है, तेरे नाम को समर्पित है।
प्रभु के सम्मुख प्रस्तुत मेरी प्रार्थना और विनती के शब्द, रात-दिन हमारे प्रभु परमेश्वर के समीप उपस्थित रहें। वह हमारी दिन-प्रतिदिन की आवश्यकता के अनुसार अपने सेवक और अपने निज लोग इस्राएलियों का न्याय करे;
उन्हें क्रोध से भस्म कर दे; तू उन्हें भस्म कर कि वे शेष न रहें; जिससे मनुष्य जानें कि परमेश्वर पृथ्वी के सीमान्त तक इस्राएली कौम पर राज्य करता है। सेलाह
उस दिन लोग यह कहेंगे, “देखो, यही है हमारा परमेश्वर; हमने इसकी ही प्रतीक्षा की थी कि वह हमें बचाएगा। यही प्रभु है, हमने इसकी ही प्रतीक्षा की थी। आओ, हम उसके उद्धार के कारण आनन्द मनाएँ, हर्षित हों।”
भयभीत हृदयवालों से यह कहो: “साहसी बनो: मत डरो। देखो, तुम्हारा परमेश्वर आएगा; वही प्रतिशोध लेगा; वह बदला लेगा; वह निस्सन्देह आएगा, और तुम्हें बचाएगा।”
“हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर! तू करूबों पर विराजमान है। केवल तू ही पृथ्वी के समस्त राज्यों का परमेश्वर है। तूने ही पृथ्वी और आकाश को बनाया है।
मैं अपने महान नाम को पवित्र सिद्ध करूंगा, क्योंकि वह अन्य जातियों में अपवित्र किया गया है; तुमने ही उनके मध्य में उसको अपवित्र किया है। जब मैं उनके सामने, तुम्हारे माध्यम से अपनी पवित्रता को सिद्ध करूंगा, तब सब राष्ट्रों को ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘मैं सब राष्ट्रों में अपनी महिमा प्रकट करूंगा, और वे मेरे न्यायपूर्ण कार्यों को देखेंगे। उनको अनुभव होगा कि मैंने अपने सामर्थ्यपूर्ण हाथ से उनको दण्ड दिया है।
मन्दिर के आंगन और वेदी के मध्य खड़े होकर, रोते हुए प्रभु के सेवक, पुरोहित यह कहें : ‘हे प्रभु, अपने निज लोगों पर दया कर। अपनी मीरास को बदनाम मत कर। वे अन्य राष्ट्रों में कहावत न बनें। अन्य राष्ट्रों के लोग यह क्यों कहें, “कहां है उनका ईश्वर?” ’
उदयाचल से अस्ताचल तक, समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है। हर स्थान में मेरे नाम पर धूप-द्रव्य और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है।