24 उनकी देह में इत्र की सुगन्ध के स्थान पर दुर्गन्ध, कमर में पटुआ के बदले रस्सी होगी। उनके सावधानी से गुन्थे केशों के स्थान पर गंजापन होगा। वे कीमती साड़ी के स्थान पर टाट का कटि वस्त्र पहिनेंगी। उनके सौंदर्य-चिह्नों के स्थान पर गुलामी के दाग होंगे।
24 वे स्त्रियाँ जिनके पास इस समय सुगंधित इत्र हैं, उस समय उनकी वह सुगंध फफूंद और सड़ाहट से भर जायेगी। अब वे तगड़ियाँ पहनती है। किन्तु उस समय पहनने को बस उनके पास रस्से होंगे। इस समय वे सुशोभित जूड़े बाँधती हैं। किन्तु उस समय उनके सिर मुड़वा दिये जायेंगे। उनके एक बाल तक नहीं होगा। आज उनके पास सुन्दर पोशाकें हैं। किन्तु उस समय उनके पास केवल शोक वस्त्र होंगे। जिनके मुख आज खूबसूरत हैं उस समय वे शर्मनाक होंगे।
24 और सुगन्ध की सन्ती सड़ाहट, सुन्दर कर्घनी की सन्ती बन्धन की रस्सी, गुंथें हुए बालों की सन्ती गंजापन, सुन्दर पटुके की सन्ती टाट की पेटी, और सुन्दरता की सन्ती दाग होंगे।
24 सुगन्ध के बदले सड़ाहट, सुन्दर कर्धनी के बदले बन्धन की रस्सी, गुँथे हुए बालों के बदले गंजापन, सुन्दर पटुके के बदले टाट की पेटी, और सुन्दरता के बदले दाग होंगे।
24 सुगन्ध के बदले सड़ाहट, सुन्दर करधनी के बदले बन्धन की रस्सी, गूँथे हुए बालों के बदले गंजापन, सुन्दर पटुके के बदले टाट की पेटी, और सुन्दरता के बदले दाग होंगे।
बारह महीने तक कन्याओं का रूप संवारा गया−यह नियम था। छ: महीने तक गन्धरस के तेल से तथा छ: महीने तक सुगन्धित द्रव्य तथा उबटन के लेप से उनकी सौंदर्य-सज्जा की गई। अपने शृंगार के लिए स्त्रियाँ उन वस्तुओं का उपयोग करती थीं। जब बारह महीने बीत गए तब उन्हें नियमानुसार बारी-बारी से सम्राट क्षयर्ष के पास महल में लाया गया।
दीबोन नगर के निवासी शोक मनाने के लिए पहाड़ी शिखर के मन्दिर पर गए। नबो और मेदबा नगरों के पतन के कारण मोआब राष्ट्र रो रहा है। शोक प्रकट करने के लिए सबके सिर मुंड़े हुए हैं, सबकी दाढ़ी मुंड़ी हुई है,
उस दिन स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने, स्वामी ने तुम्हें आदेश दिया था कि तुम अपना पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए रोओ, शोक मनाओ, सिर मुंड़ाओ, टाटवस्त्र पहिनो।
‘ओ हेशबोन, मृत्यु-शोक मना; क्योंकि अइ नगर उजाड़ हो गया। ओ रब्बाह की पुत्रियो, मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए, अपनी-अपनी कमर में टाट के वस्त्र पहिनो। छाती पीटती हुई अपने बाड़ों में यहां-वहां दौड़ो। निस्सन्देह तुम्हारा राष्ट्रीय देवता मल्काम, बन्दी बनकर निष्कासित होगा, और उसके साथ उसके पुरोहित और उच्चाधिकारी भी बन्दी बनकर जाएंगे।
ओ मेरे नगर के निवासियो! पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहनो और राख में लोटो! जैसे इकलौती संतान के निधन पर हृदय को चीरनेवाला विलाप होता है, वैसा ही शोर मचाओ! क्योंकि अचानक ही महाविनाशक हम पर टूट पड़नेवाला है।
सियोन की पुत्री के धर्मवृद्ध निराशा में डूबे भूमि पर बैठे हैं। उन्होंने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने-अपने सिर पर राख डाली है, और टाट का वस्त्र पहिना है। यरूशलेम की कन्याएँ भूमि की ओर सिर झुकाकर विलाप कर रही हैं।
उन्होंने तेरे विनाश के कारण अपना सिर मुंड़ा लिया है; और मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए कमर में टाट का वस्त्र पहिना है। वे शोक-संतप्त हृदय से तेरे लिए रो रहे हैं; वे छाती पीट-पीटकर शोक मना रहे हैं।
उन्होंने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए कमर में टाट के वस्त्र पहिन लिये हैं। आतंक ने उनको ढक लिया है। उनके चेहरे से ग्लानि टपक रही है। उन्होंने पश्चात्ताप के कारण अपने सिरों को मूंड़ लिया है।
तो मैं तुम्हारे साथ यह व्यवहार करूंगा : तुम पर आतंक ढाहूंगा, तुम्हें क्षय रोग और ऐसे ज्वर से पीड़ित करूंगा जिसके कारण आंखें धंस जातीं और प्राण मुरझा जाते हैं। तुम्हारा बीज बोना व्यर्थ होगा; क्योंकि तुम्हारे शत्रु ही उनको खाएंगे।
मैं तुम्हारे आनन्द के उत्सव-पर्वों को शोक-दिवसों में परिणत कर दूंगा; मैं तुम्हारे स्तुति गीतों को विलाप गीतों में बदल दूंगा। शोक प्रदर्शित करने के लिए तुम-सबको कमर में टाट के वस्त्र पहनने पड़ेंगे, तुम्हें सिर मुंड़ाना होगा। मैं तुमसे ऐसा शोक कराऊंगा, जैसा इकलौते पुत्र का मृत्यु शोक होता है। वह दिन अन्त तक भयावह होगा।’
अकाल उन्हें तबाह कर देगा, घोर ताप से वे भस्म हो जाएंगे; असाध्य महामारियां उन्हें घेर लेंगी, मैं उनके विरुद्ध हिंसक पशु, भूमि पर रेंगनेवाले विषैले जन्तु भेजूंगा।
मनुष्य प्रचण्ड ताप से जल गये। उन्होंने उन विपत्तियों पर अधिकार रखने वाले परमेश्वर के नाम की निन्दा की, लेकिन उन्होंने पश्चात्ताप नहीं किया और परमेश्वर की स्तुति करना नहीं चाहा।