25 मैं अपने देश में असीरिया को टुकड़े-टुकड़े करूंगा, मैं अपने पहाड़ों पर उसे पैरों तले रौंदूंगा। उसके दासत्व का जूआ इस्राएलियों की गर्दन से उठ जाएगा; उनके कन्धों से गुलामी का बोझ हट जाएगा।”
25 मैं अपने देश में अश्शूर के राजा का नाश करुँगा अपने पहाड़ों पर मैं अश्शूर के राजा को अपने पावों तले कुचलूँगा। उस राजा ने मेरे लोगों को अपना दास बनाकर उनके कन्धों पर एक जूआ रख दिया है। यहूदा की गर्दन से वह जूआ उठा लिया जायेगा। उस विपत्ति को उठाया जायेगा।
25 कि मैं अश्शूर को अपने ही देश में तोड़ दूंगा, और अपने पहाड़ों पर उसे कुचल डालूंगा; तब उसका जूआ उनकी गर्दनों पर से और उसका बोझ उनके कंधों पर से उतर जाएगा।
25 कि मैं अश्शूर को अपने देश में तोड़ दूँगा, और अपने पहाड़ों पर उसे कुचल डालूँगा; तब उसका जूआ उनकी गर्दनों पर से और उसका बोझ उनके कंधों पर से उतर जाएगा।”
25 अपने देश में मैं अश्शूर के टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा; और पहाड़ों पर उसे कुचल डालूंगा. उसके बंधन का बोझ इस्राएलियों से हट जाएगा, और उनके कंधों से उनका बोझ उठ जाएगा.”
25 कि मैं अश्शूर को अपने ही देश में तोड़ दूँगा, और अपने पहाड़ों पर उसे कुचल डालूँगा; तब उसका जूआ उनकी गर्दनों पर से और उसका बोझ उनके कंधों पर से उतर जाएगा।”
प्रभु ने उनकी प्रार्थना सुनी, और अपने दूत को भेजा। दूत ने असीरिया के राजा के शिविर में उसके शक्तिशाली योद्धाओं, सेनापतियों और उच्चाधिकारियों का वध कर दिया। अत: वह पराजय की लज्जा में डूबा हुआ अपने देश को लौट गया। एक दिन जब वह अपने इष्ट देवता के मन्दिर में पूजा कर रहा था, तब उसके पुत्रों ने ही तलवार से उसकी हत्या कर दी।
जब स्वामी सियोन पर्वत पर तथा यरूशलेम नगर में अपने सब कार्य समाप्त कर लेगा, तब वह असीरिया राष्ट्र को उसके अहंकारपूर्ण हृदय तथा घमण्ड से चढ़ी आंखों के लिए दण्ड देगा।
अरे विनाशक, तेरा बुरा हो; स्वयं तेरा कभी विनाश नहीं हुआ! अरे विश्वासघाती, तेरे साथ कभी किसी ने विश्वासघात नहीं किया! जब तू विनाश कर चुकेगा तब तेरा भी विनाश होगा। जब तू विश्वासघात कर चुकेगा तब तेरे साथ भी विश्वासघात किया जाएगा।
तूने इस्राएली राष्ट्र की गुलामी के जूए को, उसके कन्धे की कांवर को, अत्याचारी की लाठी को तोड़ दिया है, जैसे मिद्यानी सेना के युद्ध-दिवस पर तूने किया था।
तू, तेरी समस्त सेना और अन्य जातियों के सैनिक जो तेरे साथ हैं, सब के सब इस्राएल के पहाड़ी क्षेत्रों में मारे जाएंगे। मैं तुम्हारे शवों को हर प्रकार के शिकारी पक्षी और जंगली पशु को खाने के लिए दे दूंगा।
उसके आगमन से शान्ति का युग आरम्भ होगा! जब असीरियाई सेना हमारे देश पर आक्रमण करेगी, हमारी भूमि को रौंदेगी तब हम सात चरवाहों और जनता के आठ नेताओं को उसके विरुद्ध भेजेंगे।
वे असीरिया देश पर तलवार से, राजा निमरोद के देश पर नंगी तलवार से शासन करेंगे। जब असीरियाई सेना हमारे देश पर शासन करेगी, हमारी सीमा पर पैर रखेगी तब वे उसमें से हमें मुक्त करेंगे।
वे मिस्र देश के सागर से होकर गुजरेंगे, वे सागर की लहरों को चीरेंगे। नील नदी की गहराइयां भी सूख जाएंगी। मैं असीरिया का घमण्ड तोड़ूंगा। मैं मिस्र से उसका राज-दण्ड छीन लूंगा।