18 असीरिया राष्ट्र की आत्मा और शरीर, उसके सघन वन की वनोपज और उसकी शस्य-श्यामल उपजाऊ भूमि, दोनों को प्रभु नष्ट करेगा। असीरिया कमजोर राष्ट्र हो जाएगा, जैसे रोगी रोग से कमजोर हो जाता है।
18 और फिर बढ़कर बड़े बड़े पेड़ों और अँगूर के बगीचों को जला देती है और अंत में सब कुछ नष्ट हो जाता है यहाँ तक कि लोग भी। ऐसा उस समय होगा जब परमेश्वर अश्शूर को नष्ट करेगा। अश्शूर सड़ते—गलते लट्ठे के जैसा हो जायेगा।
तूने सन्देशवाहकों के द्वारा मुझ-स्वामी का उपहास किया। तूने यह कहा, ‘मैंने अपने अनेक रथों पर पहाड़ों की ऊंचाई नाप ली है; मैं लबानोन की चोटी को चूम चुका हूं। मैं लबानोन के जंगलों के ऊंचे-से-ऊंचे देवदार वृक्षों को, उसके सुन्दर-से-सुन्दर सनोवर वृक्षों को काट चुका हूं! मैं लबानोन के दूरस्थ कोनों में उसके वन-प्रान्तर में प्रवेश कर चुका हूं।
तू मुझसे क्रुद्ध हुआ, तेरी गर्वोिक्त मेरे कानों में पड़ी; इसलिए मैं तेरी नाक में नकेल डालूंगा, और तेरे मुंह में अपनी लगाम! जिस मार्ग से तू आया था, उसी से मैं तुझे वापस भेजूंगा।”
तूने अपने दूतों के द्वारा मुझ-स्वामी का उपहास किया। तूने यह कहा, “मैं अपने असंख्य रथों पर पहाड़ों की ऊंचाई नाप चुका हूं; मैं लबानोन की चोटी को चूम चुका हूं। मैं लबानोन वन-प्रदेश के ऊंचे-से-ऊंचे देवदार वृक्षों को, उसके सुन्दर-से-सुन्दर सनोवर वृक्षों को काट चुका हूं। मैं लबानोन के दूरस्थ कोनों में, उसके वन-प्रान्तर में प्रवेश कर चुका हूं।
दुष्टता अग्नि के सदृश धधकती है; वह कंटीले झाड़-झंखाड़ को भस्म करती है। वह जंगल की घनी झाड़ियों में भी आग लगाती है, और मनुष्य धूएँ के घने बादल में सिमट कर ऊपर लुप्त हो जाते हैं।
पर मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तुम्हारे आचरण के अनुरूप तुम्हें दण्ड दूंगा। मैं तुम्हारी बस्ती के जंगल में दावानल सुलगा दूंगा; वह वन के आसपास के सब मकानों को भस्म कर देगा।’
‘उस दिन मैं यहूदा वंश के कुलों को लकड़ी के ढेर में भभकती हुई अंगीठी या पूले में जलती हुई मशाल बना दूंगा और वे आस-पास के राष्ट्र को भस्म कर डालेंगे। पर यरूशलेम अपने स्थान पर आबाद रहेगा।’