16 अश्शूर का विचार है कि वह महान है किन्तु सर्वशक्तिमान यहोवा अश्शूर को दुर्बल कर डालने वाली महामारी भेजेगा और अश्शूर अपने धन और अपनी शक्ति को वैसे ही खो बैठेगा जैसे कोई बीमार व्यक्ति अपनी शक्ति गवाँ बैठता है। फिर अश्शूर का वैभव नष्ट हो जायेगा। यह उस अग्नि के समान होगा जो उस समय तक जलती रहती है जब तक सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना सुनी, और अपने दूत को भेजा। दूत ने असीरिया के राजा के शिविर में उसके शक्तिशाली योद्धाओं, सेनापतियों और उच्चाधिकारियों का वध कर दिया। अत: वह पराजय की लज्जा में डूबा हुआ अपने देश को लौट गया। एक दिन जब वह अपने इष्ट देवता के मन्दिर में पूजा कर रहा था, तब उसके पुत्रों ने ही तलवार से उसकी हत्या कर दी।
असीरिया राष्ट्र की आत्मा और शरीर, उसके सघन वन की वनोपज और उसकी शस्य-श्यामल उपजाऊ भूमि, दोनों को प्रभु नष्ट करेगा। असीरिया कमजोर राष्ट्र हो जाएगा, जैसे रोगी रोग से कमजोर हो जाता है।
प्रभु, न्याय करने के लिए तेरा हाथ उठा हुआ है; पर वे उसे नहीं देख रहे हैं। वे तेरे निज लोगों के प्रति तेरा उत्साह देखें, और तब वे लज्जित हों। शत्रुओं के प्रति तेरी क्रोधाग्नि उन्हें भस्म कर दे।
असीरिया का राजा आतंकित हो भाग जाएगा; प्रशासक भयाकुल हो राष्ट्र-पताका छोड़कर भाग जाएंगे।” जिसकी अग्नि-ज्वाला सियोन में है, जिसका अग्नि-कुण्ड यरूशलेम में है, उस प्रभु ने यह कहा है।
तू मुझसे क्रुद्ध हुआ, तेरी गर्वोिक्त मेरे कानों में पड़ी, इसलिए मैं तेरी नाक में नकेल डालूंगा, और तेरे मुंह में अपनी लगाम। जिस मार्ग से तू आया था उसी से मैं तुझे वापस भेजूंगा।’
उस रात प्रभु का एक दूत बाहर निकला। वह असीरियाई सेना के पड़ाव में गया, और उसने वहां एक लाख पचासी हजार सैनिकों का वध कर दिया। जब सबेरा हुआ तब लोगों ने देखा कि शव पड़े हैं!
अत: देख, मैं-स्वामी उन पर असीरिया देश के राजा और उसके समस्त सैन्य बल को, उमड़ती-गरजती फरात नदी की बाढ़ को लाऊंगा। उस का जल समस्त नदी-नालों में भर जाएगा; फरात नदी अपने तटों से ऊपर बहने लगेगी।
तूने इस्राएली राष्ट्र की गुलामी के जूए को, उसके कन्धे की कांवर को, अत्याचारी की लाठी को तोड़ दिया है, जैसे मिद्यानी सेना के युद्ध-दिवस पर तूने किया था।
पर मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तुम्हारे आचरण के अनुरूप तुम्हें दण्ड दूंगा। मैं तुम्हारी बस्ती के जंगल में दावानल सुलगा दूंगा; वह वन के आसपास के सब मकानों को भस्म कर देगा।’
मैं खोई हुई भेड़ को ढूंढ़ूंगा। भटकी हुई भेड़ के घावों पर पट्टी बांधूंगा। मैं निर्बल को बलवान बनाऊंगा। मैं मोटी-ताजी, स्वस्थ भेड़ की रक्षा करूंगा। मैं उनको उचित रीति से चराऊंगा।
प्रभु यों कहता है : ‘चाहे वे संख्या में असंख्य और बल में अपार क्यों न हों, मैं उन्हें नष्ट कर दूंगा और वे मिट जाएंगे। ओ मेरे निज लोगो, मैंने तुम्हें पीड़ित किया, पर अब मैं तुम्हें पीड़ित नहीं करूंगा।