दूसरे दिन सबेरे यहोशाफट के सैनिक उठे, और वे तकोअ के निर्जन प्रदेश की ओर गए। वे प्रस्थान कर ही रहे थे कि यहोशाफट उनके मध्य में खड़ा हुआ, और उसने उनसे कहा, ‘ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, ओ यरूशलेम के रहने वालो, मेरी बात सुनो: अपने प्रभु परमेश्वर पर विश्वास करो, तब तुम दृढ़ रह सकोगे; प्रभु के नबियों पर भरोसा रखो, तब तुम सफल होगे।’
येशु ने उन से कहा, “अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से सच कहता हूँ − यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘यहाँ से वहाँ हट जा’, तो यह हट जाएगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असम्भव नहीं होगा।
मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, यदि कोई इस पहाड़ से यह कहे, ‘उठ और समुद्र में जा गिर’, और मन में सन्देह न करे, बल्कि यह विश्वास करे कि मैं जो कह रहा हूँ वह पूरा होगा, तो उसके लिए वैसा ही हो जाएगा।
प्रभु ने उत्तर दिया, “यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी होता, तो तुम शहतूत के इस पेड़ से कहते, ‘उखड़ कर समुद्र में लग जा’ और वह तुम्हारी बात मान लेता।
और विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।