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मरकुस 7:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 ऐसा कुछ नहीं है, जो बाहर से मनुष्‍य में प्रवेश कर उसे अशुद्ध कर सके; बल्‍कि जो मनुष्‍य में से बाहर निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है। [

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पवित्र बाइबल

15 ऐसी कोई वस्तु नहीं है जो बाहर से मनुष्य के भीतर जा कर उसे अशुद्ध करे, बल्कि जो वस्तुएँ मनुष्य के भीतर से निकलतीं हैं, वे ही उसे अशुद्ध कर सकती हैं।”

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Hindi Holy Bible

15 ऐसी तो कोई वस्तु नहीं जो मनुष्य में बाहर से समाकर अशुद्ध करे; परन्तु जो वस्तुएं मनुष्य के भीतर से निकलती हैं, वे ही उसे अशुद्ध करती हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 ऐसी कोई वस्तु नहीं जो मनुष्य में बाहर से समाकर उसे अशुद्ध करे; परन्तु जो वस्तुएँ मनुष्य के भीतर से निकलती हैं, वे ही उसे अशुद्ध करती हैं। [

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नवीन हिंदी बाइबल

15 कोई भी वस्तु बाहर से मनुष्य के भीतर जाकर उसे अशुद्ध नहीं कर सकती, बल्कि जो मनुष्य के भीतर से निकलती हैं वे ही उसे अशुद्ध करती हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 ऐसी कोई वस्तु नहीं, जो मनुष्य में बाहर से प्रवेश कर उसे अशुद्ध कर सके. मनुष्य को अशुद्ध तो वह करता है, जो उसके भीतर से बाहर निकल आता है. [

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मरकुस 7:15
17 क्रॉस रेफरेंस  

मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्‍योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं।


साँप के बच्‍चो! तुम बुरे हो कर अच्‍छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।


येशु ने उत्तर दिया, “क्‍या तुम लोग भी अब तक नासमझ हो?


येशु ने लोगों को फिर अपने पास बुलाया और कहा, “तुम सब, मेरी बात सुनो और समझो।


जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले!]”


पतरस ने उनसे यह कहा, “आप जानते हैं कि गैर-यहूदी से सम्‍पर्क रखना या उसके घर में प्रवेश करना यहूदी के लिए मना है; किन्‍तु परमेश्‍वर ने मुझ पर यह प्रकट किया है कि किसी भी मनुष्‍य को अशुद्ध अथवा अपवित्र नहीं कहना चाहिए।


क्‍योंकि परमेश्‍वर का राज्‍य खाने-पीने का नहीं, बल्‍कि वह धार्मिकता, शान्‍ति और आनन्‍द का विषय है, जो पवित्र आत्‍मा से प्राप्‍त होते हैं।


बाजार में जो मांस बिकता है, उसे आप अन्‍त:करण की शान्‍ति के लिए पूछताछ किये बिना खा सकते हैं;


जो शुद्ध हैं, उनके लिए सब कुछ शुद्ध है। किन्‍तु जो दूषित और अविश्‍वासी हैं, उनके लिए कुछ भी शुद्ध नहीं हैं, क्‍योंकि उनका मन और अन्‍त:करण, दोनों दूषित हैं।


नाना प्रकार के अनोखे सिद्धान्‍तों के फेर में नहीं पड़ें। उत्तम यह है कि हमारा मन भोजन से नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर की कृपा से बल प्राप्‍त करे। भोजन-सम्‍बन्‍धी निषेध-विधियों का पालन करने वालों को इन से लाभ नहीं हुआ।


वे बाह्य नियम हैं जो खान-पान एवं नाना प्रकार की शुद्धीकरण-विधियों से सम्‍बन्‍ध रखते हैं और पुनर्निर्माण के युग के आगमन तक ही लागू हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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