16 सन्ध्या होने पर लोग बहुत-से भूतग्रस्त मनुष्यों को येशु के पास ले आए। येशु ने शब्द मात्र से उन आत्माओं को निकाला और सब रोगियों को स्वस्थ कर दिया।
16 जब साँझ हुई, तो लोग उसके पास बहुत से ऐसे लोगों को लेकर आये जिनमें दुष्टात्माएँ थीं। अपनी एक ही आज्ञा से उसने दुष्टात्माओं को निकाल दिया। इस तरह उसने सभी रोगियों को चंगा कर दिया।
16 जब संध्या हुई तब वे उसके पास बहुत से लोगों को लाए जिन में दुष्टात्माएं थीं और उस ने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया, और सब बीमारों को चंगा किया।
16 जब संध्या हुई तब वे उसके पास बहुत से लोगों को लाए जिनमें दुष्टात्माएँ थीं और उसने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया; और सब बीमारों को चंगा किया।
16 जब संध्या हुई तब लोग दुष्टात्मा से पीड़ित लोगों को उनके पास लाने लगे और येशु अपने वचन मात्र से उन्हें दुष्टात्मा मुक्त करते गए, साथ ही रोगियों को स्वस्थ.
प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्हें स्वस्थ करने वाला।’
उस समय कुछ लोग खाट पर पड़े हुए लकुवे के एक रोगी को उनके पास लाए। उनका विश्वास देख कर येशु ने लकुवे के रोगी से कहा, “पुत्र, धैर्य रखो! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये।”
येशु ने देखा कि भीड़ बढ़ती जा रही है, इसलिए उन्होंने अशुद्ध आत्मा को यह कहते हुए डाँटा, “हे बहरी-गूंगी आत्मा! मैं तुझे आदेश देता हूँ : इस में से निकल जा और इस में फिर कभी प्रवेश नहीं करना।”
भूत बहुतों में से यह चिल्लाते हुए निकले, “आप परमेश्वर के पुत्र हैं।” परन्तु येशु ने उन को डाँटा और उन्हें बोलने से रोका, क्योंकि भूत जानते थे कि वह मसीह हैं।
सच तो यह है कि लोग रोगियों को मुख्य सड़कों पर ले जा कर खटोलों तथा चारपाइयों पर लिटा देते थे, ताकि जब पतरस उधर से गुजरें, तो उनकी छाया ही उन में से किसी पर पड़ जाये।