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मत्ती 11:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 “योहन बपतिस्‍मादाता के समय से आज तक स्‍वर्गराज्‍य में बलपूर्वक प्रवेश हो रहा है, और बल प्रयोग करने वाले उस पर अधिकार कर रहे हैं;

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पवित्र बाइबल

12 बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना के समय से आज तक स्वर्ग का राज्य भयानक आघातों को झेलता रहा है और हिंसा के बल पर इसे छीनने का प्रयत्न किया जाता रहा है।

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Hindi Holy Bible

12 यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य पर जोर होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य में बलपूर्वक प्रवेश होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

12 यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से लेकर अब तक स्वर्ग के राज्य में बलपूर्वक प्रवेश होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 बपतिस्मा देनेवाले योहन के समय से लेकर अब तक स्वर्ग-राज्य प्रबलतापूर्वक फैल रहा है और आकांक्षी-उत्साही व्यक्ति इस पर अधिकार कर रहे हैं.

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मत्ती 11:12
11 क्रॉस रेफरेंस  

मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, जो स्‍त्रियों से उत्‍पन्न हुए हैं, उनमें योहन बपतिस्‍मादाता से महान कोई नहीं हुआ। फिर भी, स्‍वर्गराज्‍य में जो सब से छोटा है, वह योहन से बड़ा है।


क्‍योंकि सब नबी और व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ योहन के समय तक नबूवत करते रहे।


परन्‍तु येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “अभी ऐसा ही होने दीजिए। यह हमारे लिए उचित है कि हम इसी तरह सब धार्मिकता को पूरा करें।” इस पर योहन ने येशु की बात मान ली।


“संकरे द्वार से प्रवेश करने का पूरा-पूरा प्रयत्‍न करो, क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूँ−प्रयत्‍न करने पर भी बहुत-से लोग प्रवेश नहीं कर पाएँगे।


“योहन बपतिस्‍मादाता के आगमन तक मूसा की व्‍यवस्‍था और नबी प्रभावी रहे। अब योहन के आगमन के समय से परमेश्‍वर के राज्‍य का शुभ समाचार सुनाया जा रहा है और सब उसमें प्रवेश करने का बलपूर्वक प्रयत्‍न कर रहे हैं।


क्‍योंकि प्रभु का दूत समय-समय पर कुण्‍ड में उतर कर पानी को हिला देता था। पानी के हिलने के बाद जो व्यक्‍ति सब से पहले कुण्‍ड में उतरता था− चाहे वह किसी भी रोग से पीड़ित क्‍यों न हो, स्‍वस्‍थ हो जाता था।]


नश्‍वर भोजन के लिए नहीं, बल्‍कि उस भोजन के लिए परिश्रम करो, जो शाश्‍वत जीवन तक बना रहता है और जिसे मानव-पुत्र तुम्‍हें देगा; क्‍योंकि पिता परमेश्‍वर ने मानव-पुत्र पर अपनी स्‍वीकृति की मोहर लगाई है।”


मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! जिस प्रकार आप लोग सदा मेरी बात मानते रहे हैं, उसी प्रकार अब भी-मेरी उपस्‍थिति से अधिक मेरी अनुपस्‍थिति में और भी अधिक उत्‍साह से आप लोग डरते-काँपते हुए अपनी मुक्‍ति के कार्य में लगे रहें।


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