‘अब हे हमारे परमेश्वर, तू महान, शक्तिशाली और आतंकमय परमेश्वर, अपने विधान का पालन करनेवाला, और करुणा सागर है! जो महा संकट के बादल हम पर, हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों, नबियों और पूर्वजों पर, तेरे समस्त निज लोगों पर असीरियाई राजाओं के समय से आज तक हम पर बरसते आए हैं, उन्हें अपनी दृष्टि में कम न जान!
प्रभु के हाथ में एक पात्र है, संमिश्रित-उफनते अंगूर रस से भरा, वह उसमें से एक घूंट उण्डेलेगा, और पृथ्वी के समस्त दुर्जन उसे निचोड़कर तलछट तक पी जाएंगे।
तेरा स्वामी- प्रभु परमेश्वर, जो अपने निज लोगों का मुकदमा लड़ता है, तुझ से यों कहता है : ‘देख मैंने तेरे हाथ से लड़खड़ानेवाली मदिरा का प्याला ले लिया है; तू मेरे क्रोध का प्याला फिर कभी नहीं पियेगी।
इस्राएल के प्रभु परमेश्वर ने मुझसे कहा, ‘यिर्मयाह, मेरे हाथ से मेरे क्रोध-रूपी मदिरा का प्याला ले, और जिन राष्ट्रों के पास तुझ को मैं भेज रहा हूं, उनको पिला दे।
ओ एदोम देश की राजधानी, ओ ऊज देश में रहनेवाली! तू यरूशलेम के पतन से आनन्दित है; आनन्द मना! पर स्मरण रख! तेरा भी पतन होगा, विनाश का प्याला तू भी पियेगी; तू मदमस्त होगी, और अपनी नग्नता का प्रदर्शन करेगी।
हे परमेश्वर, जो वचन तूने हमारे प्रति और हम पर शासन करने वाले प्रशासकों के प्रति कहे थे, उनको तूने पूरा किया। तूने हम पर महा विपत्ति ढाही। वस्तुत: जैसी विपत्ति यरूशलेम पर ढाही गई वैसी समस्त आकाश के नीचे धरती पर और कहीं नहीं पड़ी।
तू महिमा से नहीं, वरन् नीचता से भर जाएगा। तू स्वयं पी, और अपनी नग्नता देख। प्रभु के दाहिने हाथ में प्याला है। वह तेरे हाथ में आएगा, और घोर नीचता तेरी महिमा को ढांप लेगी।
महानगर के तीन खण्ड हो गये और राष्ट्रों के नगरों का सर्वनाश हो गया। परमेश्वर ने महान नगरी बेबीलोन को याद किया और उसे अपने क्रोध की तीखी मदिरा का प्याला पिलाया।