Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




भजन संहिता 104:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

32 वह पृथ्‍वी पर दृष्‍टिपात करता है, और वह कांप उठती है; वह पर्वतों को स्‍पर्श करता है, और वे धुआं उगलने लगते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

32 यहोवा की दृष्टि से यह धरती काँप उठेगी। पर्वतों से धुआँ उठने लग जायेगा।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

32 उसकी दृष्टि ही से पृथ्वी कांप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआं निकलता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

32 उसकी दृष्‍टि ही से पृथ्वी काँप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धूआँ निकलता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

32 वह पृथ्वी पर दृष्‍टि डालता है और वह काँप उठती है। वह पहाड़ों को छूता है और वे धुआँ उगलते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

32 जब वह पृथ्वी की ओर दृष्टिपात करते हैं, वह थरथरा उठती है, वह पर्वतों का स्पर्श मात्र करते हैं और उनसे धुआं उठने लगता है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




भजन संहिता 104:32
16 क्रॉस रेफरेंस  

ओ पृथ्‍वी, स्‍वामी की उपस्‍थिति से, याकूब के परमेश्‍वर की उपस्‍थिति से कांप उठ!


हे प्रभु, स्‍वर्ग को झुका और नीचे उतर आ! पर्वतों को स्‍पर्श कर कि वे धुआँ उगलने लगें!


हमारा परमेश्‍वर आता है; वह शान्‍त नहीं रह सकता; उसके समक्ष भस्‍मकारी अग्‍नि है और उसके चारों ओर प्रचंड आंधी।


हे परमेश्‍वर, जब सागर ने तुझे देखा, हां, जब सागर ने तुझे देखा, तब वह डर गया; अथाह सागर कांप उठा।


तेरा मार्ग सागर से, तेरा पथ महासागर से जाता था; पर तेरे पद-चिह्‍नों का पता नहीं चला!


सीनय पर्वत धुएं से आच्‍छादित था, क्‍योंकि प्रभु अग्‍नि में उस पर उतरा था। सहसा भट्ठे के धुएँ के सदृश उसका धुआँ ऊपर उठा और सारा पहाड़ बहुत कांपने लगा।


तुम कब तक मेरी भक्‍ति नहीं करोगे? तुम कब तक भक्‍ति भाव से मेरे सम्‍मुख घुटने नहीं टेकोगे? मैंने समुद्र की सीमा बांधने के लिए रेत डाली है। यह स्‍थायी मर्यादा है, जिसको वह कभी लांघ नहीं सकता। लहरें उठती हैं, पर वे उसको लांघ नहीं सकतीं। वे गरजती हैं, किन्‍तु वे उस पर प्रबल नहीं हो पातीं।


क्‍या इस कारण भूमि कंपित न होगी? क्‍या इस धरती पर रहनेवाले विलाप न करेंगे? यह प्रदेश नील नदी की बाढ़ के समान, उफनेगा, उछलेगा: और मिस्र देश की नील नदी के समान वह फिर शान्‍त हो जाएगा।’


पहाड़ों ने तुझे देखा, वे कांप उठे। जल-प्रलय की धाराएँ फूट पड़ीं। अथाह सागर चिल्‍ला पड़ा, उसने अपने हाथ ऊपर उठा लिए।


तब उन्‍होंने फिर पुकार कर कहा, “प्रभु की स्‍तुति करो! महानगरी के जलने का धूआँ युग-युगों तक उठता रहेगा।”


इसके बाद मैंने एक विशाल श्‍वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्‍ति को देखा। पृथ्‍वी और आकाश उसके सामने लुप्‍त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों