10-11 अनेक उपहारों द्वारा उन्होंने हमारा मान बढ़ाया और जब हम वहाँ से नाव पर आगे को चले तो उन्होंने सभी आवश्यक वस्तुएँ ला कर हमें दीं। फिर सिकंदरिया के एक जहाज़ पर हम वही चल पड़े। इस द्वीप पर ही जहाज़ जाड़े में रुका हुआ था। जहाज़ के अगले भाग पर जुड़वाँ भाईयों का चिन्ह अंकित था।
अत: हजाएल एलीशा से भेंट करने के लिए गया। वह अपने साथ चालीस ऊंटों पर दमिश्क नगर की सब प्रकार की उत्तम वस्तुएं उपहार में ले गया। हजाएल एलीशा के पास पहुंचा। वह उनके सम्मुख खड़ा हुआ। उसने कहा, ‘आपके पुत्र, सीरिया देश के महाराज बेन-हदद ने मुझे आपके पास यह पूछने के लिए भेजा है: “क्या मैं इस बीमारी से मुक्त हूंगा?” ’