ओ गोग, तू उनको लूटना और उनकी धन-सम्पत्ति छीनना चाहेगा। जो निर्जन स्थान अब आबाद हो गए हैं, उनको फिर उजाड़ना चाहेगा। तू उनको लूटना चाहेगा जो भिन्न-भिन्न देशों से निकालकर स्वदेश में एकत्र किए गए हैं; जो अब पशु-पालन कर रहे हैं; जिन्होंने सम्पत्ति जमा कर ली है; यरूशलेम में निवास कर रहे हैं, जो पृथ्वी की नाभि है।
इन जातियों ने, जिन्हें तू निकाल रहा है, शकुन विचारने वालों और भविष्य बताने वालों की बातें सुनी थीं, परन्तु तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे यह कार्य नहीं करने दिया।
जब गअल ने उन लोगों को देखा तब उसने जबूल से कहा, ‘देखो, लोग पहाड़ की चोटी से नीचे उतर रहे हैं।’ जबूल ने उससे कहा, ‘यह पहाड़ियों की छाया है, जो तुम्हें मनुष्यों के समान दिखाई दे रही है।’
तब जबूल ने उससे कहा, ‘अब तेरा वह मुँह कहाँ है, जिससे तूने कहा था, “अबीमेलक कौन है कि हम उसकी सेवा करें?” क्या तूने इन्हीं लोगों को तुच्छ नहीं समझा था? अब बाहर निकल और इन से युद्ध कर।’