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निर्गमन 37:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

25 उसने बबूल की लकड़ी की एक धूप-वेदी बनाई। उसकी लम्‍बाई पैंतालीस सेंटीमीटर, और चौड़ाई भी पैंतालीस सेंटीमीटर थी। वह वर्गाकार थी। उसकी ऊंचाई नबे सेंटीमीटर थी। उसके सींग एक ही टुकड़े से बनाए गए थे।

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पवित्र बाइबल

25 तब उसने धूप जलाने की एक वेदी बनाई। उसने इसे बबूल की लकड़ी का बनाया। वेदी वर्गाकार थी। यह अट्ठारह इंच लम्बी, अट्ठारह इंच चौड़ी और छत्तीस इंच ऊँची थी। वेदी पर चार सींग बनाए गए थे। हर एक कोने पर एक सींग बना था। ये सींग वेदी के साथ एक इकाई बनाने के लिये जोड़ दिए गए थे।

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Hindi Holy Bible

25 फिर उसने बबूल की लकड़ी की धूपवेदी भी बनाईं; उसकी लम्बाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ ही थी; वह चौकोर बनी, और उसकी ऊंचाई दो हाथ की थी; और उसके सींग उसके साथ बिना जोड़ के बने थे

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

25 फिर उसने बबूल की लकड़ी की धूपवेदी भी बनाई; उसकी लम्बाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ की थी; वह चौकोर बनी, और उसकी ऊँचाई दो हाथ की थी; और उसके सींग उसके साथ बिना जोड़ के बने थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

25 फिर उसने बबूल की लकड़ी की एक धूपवेदी बनाई, जिसकी लंबाई और चौड़ाई एक-एक हाथ की थी। वह वर्गाकार थी, और उसकी ऊँचाई दो हाथ की थी। उसके सींग भी उसी टुकड़े से बनाए गए थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

25 फिर बबूल की लकड़ी से धूप वेदी बनाई; यह चौकोर थी, जिसकी लंबाई पैंतालीस सेंटीमीटर तथा चौड़ाई भी पैंतालीस सेंटीमीटर थी, व ऊंचाई नब्बे सेंटीमीटर, तथा इसकी सींग एक ही टुकड़े से बनाई गई थी.

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निर्गमन 37:25
15 क्रॉस रेफरेंस  

किन्‍तु जब वह शक्‍तिशाली हो गया, तब उसका हृदय घमण्‍ड से भर गया। उसका हृदय प्रभु परमेश्‍वर के प्रति निष्‍कपट नहीं रहा। एक दिन उसने प्रभु के मन्‍दिर में धूप-वेदी पर धूप जलाने के लिए प्रवेश किया।


मेज और उसके पात्र, शुद्ध सोने से बना दीपाधार तथा उसके सब पात्र, धूप-वेदी,


धूपवेदी उसके डण्‍डे, अभ्‍यंजन-तेल, सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य, निवास-स्‍थान के प्रवेश-द्वार के लिए परदा;


उसने दीपाधार और उसके सब पात्र लगभग पैंतीस किलो शुद्ध सोने के बनाए।


उसने उसके उपरले ढक्‍कन को, तथा उसके चारों ओर के बाजुओं, और उसके सींगों को शुद्ध सोने से मढ़ा। उसने उसके चारों ओर सोने की भित्ति बनाई।


तू सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य की स्‍वर्ण वेदी को साक्षी-मंजूषा के सम्‍मुख रखना। तू निवास-स्‍थान के प्रवेश-द्वार पर परदा लगाना।


अन्‍धो! कौन बड़ा है − भेंट की वस्‍तु अथवा वेदी, जिस से वह वस्‍तु पवित्र हो जाती है?


हमारी भी एक वेदी है। जो सांसारिक शिविर में उपासना करते हैं, उन्‍हें इस वेदी पर से खाने का अधिकार नहीं है।


यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा परमेश्‍वर की शरण लेते हैं, वह उन्‍हें पूर्णत: बचाने में समर्थ हैं; क्‍योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित हैं।


वहाँ धूपदान की स्‍वर्णमय वेदी और विधान की स्‍वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्‍वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्‍लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं


और जीवन्‍त पत्‍थरों के समान आत्‍मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्‍मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्‍वर को स्‍वीकार हो।


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