जैसे नरकुल पानी की मार से कांपता है वैसे इस्राएल प्रदेश परमेश्वर की मार से कांपेगा। वह इस्राएलियों को इस हरी-भरी उपजाऊ भूमि से उखाड़ देगा, जो उसने उनके पूर्वजों को प्रदान की थी। वह उन्हें फरात नदी के उस पार बिखेर देगा, क्योंकि उन्होंने अशेराह देवी के खम्भों की प्रतिष्ठा कर उनकी पूजा की और इस प्रकार प्रभु को चिढ़ाया।
उसने पहाड़ी शिखर की वेदियां हटा दीं। पूजा-स्तम्भ तोड़ दिए। अशेराह देवी की मूर्ति ध्वस्त कर दी। जो पीतल का सर्प मूसा ने बनाया था, और जिसके सम्मुख अब तक इस्राएली सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते आ रहे थे, उसको भी हिजकियाह ने टुकड़े-टुकड़े कर दिया। पीतल के सर्प का नाम नहूश्तान था।
राजा आसा ने अपनी दादी माकाह को भी राजमाता के पद से हटा दिया; क्योंकि उसने अशेराह देवी की एक घृणित प्रतिमा बनाई थी। राजा आसा ने अशेराह की प्रतिमा तोड़ दी, उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए, और उसको किद्रोन घाटी में आग में जला दिया।
यहूदा प्रदेश के लोग अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर का भवन छोड़कर अशेराह देवी तथा मूर्तियों की पूजा करने लगे। उनके इस अपराध के कारण प्रभु का क्रोध यहूदा प्रदेश तथा राजधानी यरूशलेम के निवासियों पर भड़क उठा।
पर्व के समाप्त होने के पश्चात् सब इस्राएली, जो उस समय यरूशलेम में उपस्थित थे, यहूदा प्रदेश के नगरों में गए। उन्होंने यहूदा और बिन्यामिन कुल-क्षेत्रों तथा एफ्रइम और मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में प्रतिष्ठित अशेराह देवी के पूजा-स्तम्भ, देवताओं की मूर्तियाँ, पहाड़ी शिखर की वेदियां तथा अन्य वेदियां ध्वस्त कर दीं। उन्होंने स्तम्भों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, मूर्तियों को काट दिया, मन्दिर और वेदियों को नष्ट कर दिया। तब इस्राएली राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति अपने नगर को, अपने भूमि-क्षेत्र को लौट गया।
‘द्रष्टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्शे का उल्लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्शे ने पहाड़ी शिखर के मन्दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था।
तब तू उनके देवताओं की वन्दना नहीं करना, उनकी सेवा मत करना, और न उनके कार्यों के अनुरूप कार्य करना वरन् उनको पूर्णत: ध्वस्त करना, उनके पूजा-स्तम्भों को तोड़-फोड़ देना।
वह वेदियों की ओर दृष्टि नहीं करेगा, जिनको उसने अपने हाथ से बनाया था। वह अपने हाथ से गढ़ी हुई अशेराह देवी की मूर्तियों और सूर्य-देवता के स्तम्भों पर दृष्टिपात नहीं करेगा।
अत: याकूब के अधर्म का प्रायश्चित यों किया जाएगा, उसके पाप के विमोचन का यह परिणाम होगा : वह चूना बनाने के पत्थरों की तरह वेदियों के सब पत्थरों को चूर-चूर करेगा; अशेराह देवी की मूर्तियाँ और सूर्य देवता के स्तम्भ खड़े नहीं रहेंगे।
क्या उनके पुत्र-पुत्रियां पहाड़ों पर, खुले मैदानों में हरे-हरे वृक्षों के नीचे, ऊंची-ऊंची पहाड़ियों पर स्थापित अपनी वेदियों और अशेरा देवी की मूर्तियों को एक पल के लिए भी भूल सकते हैं? अत: ओ यहूदा प्रदेश! जो पाप तूने अपने प्रदेश में किए हैं, उनके दण्ड के लिए मैं तेरी सारी सम्पत्ति, तेरा बहुमूल्य खजाना लुटेरे शत्रु को दे दूंगा।
तब उस देश के समस्त निवासियों को अपने सम्मुख से निकाल देना। उनके सब चित्रित पाषाणों और प्रतिमाओं को तोड़ डालना। पहाड़ी शिखरों के पूजागृहों को ध्वस्त कर देना।
तू उनके साथ ऐसा व्यवहार करना : उनकी वेदियों को तोड़ डालना। उनके स्तम्भों को गिरा देना। उनके अशेरा देवी के खम्भों को काटकर गिरा देना। उनकी मूर्तियों को आग में जला देना;
प्रभु ने उसी रात को गिद्ओन से कहा, ‘अपने पिता के सेवकों में से दस सेवक और सात-वर्षीय एक साँड़ ले। अपने पिता के बअल देवता की वेदी को ताड़ डाल, और वेदी के समीप अशेराह देवी के लकड़ी के खंभों को काट डाल।
तत्पश्चात् अपने प्रभु परमेश्वर के लिए यहाँ, चट्टान के उच्च शिखर पर निर्धारित विधि के अनुसार एक वेदी बना। उसके बाद सांड़ को अशेराह देवी के खंभों के साथ, जिन्हें तू काटेगा, अग्नि-बलि के रूप में अर्पित कर।